थराली: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 में जीते ग्राम प्रधानों ने बुधवार को थराली ब्लॉक सभागार में प्रधान पद की शपथ ली. खंड विकास अधिकारी थराली ने नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों और वार्ड मेम्बरों को शपथ दिलवाई. थराली विकासखंड के कुल 48 ग्राम पंचायतों में से महज 13 ग्राम पंचायतें ही फिलहाल अस्तित्व में हैं. शेष 35 ग्राम पंचायतों में वार्ड सदस्यों की संख्या 2/3 न होने की वजह से ग्राम पंचायत गठित नहीं हो सकी है.
इस लिहाज से थराली ब्लॉक सभागार में कुल 13 ग्राम प्रधानों और 44 वार्ड सदस्यों ने अपने पद की शपथ ली. थराली विकासखंड में सात ग्राम पंचायतें ऐसी भी हैं जिनमें एक भी वार्ड सदस्य का निर्वाचन नहीं हो पाया है.
शून्य वार्ड सदस्य वाली ग्राम पंचायत
- मेटा
- चौण्डा
- धारबारम
- भटियाणा
- कुलसारी
- झिंझोली
- देवलकोट
- सुनला
18 ग्राम पंचायतों का हुआ गठन
वहीं देवाल विकासखंड में भी कुल 46 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष महज 18 ग्राम पंचायतों का ही गठन हो सका, जिनके 18 ग्राम प्रधानों ने अपने पद की शपथ ली. जबकि 2 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद पर कोई चुनाव नहीं हो सका था.
इसी तरह नारायणबगड़ विकासखंड की बात करें तो यहां की कुल 79 ग्राम पंचायतों में से एक में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट न हो पाने की वजह से चुनाव नहीं हो सका. जबकि शेष 78 ग्राम पंचायतों में से महज 17 ही अपने अस्तित्व में आ सकी. इसी वजह से यहां भी केवल 17 ग्राम प्रधान ही शपथ ले सके. शेष 61 ग्राम प्रधान जीत के बावजूद कम वार्ड सदस्य संख्या के चलते शपथ लेने से वंचित रहे.
थराली, देवाल और नारायणबगड़ विकासखंडों की बात करें तो कुल 173 ग्राम पंचायतों में से महज 48 ग्राम पंचायतें अस्तित्व में आ सकी. शेष 125 ग्राम पंचायतें ऐसी रही जहां प्रधान तो जीत गए, लेकिन ग्राम पंचायतों का गठन कम वार्ड सदस्यों की संख्या के चलते नहीं हो सका. जिसके चलते इन तीनों विकासखंडों में लगभग 75 फीसदी से अधिक जीते हुए ग्राम प्रधान शपथ नहीं ले सके. इन शेष ग्राम पंचायतों में वार्ड सदस्यों के दोबारा चुनाव होने हैं. वार्ड सदस्यों के कोरम पूरा होने के बाद ये ग्राम पंचायतें गठित हो सकेंगी.
खंड विकास अधिकारी थराली देवीदत्त उनियाल ने बताया कि थराली ब्लॉक सभागार में कुल 13 ग्राम प्रधानों और 44 वार्ड सदस्यों ने शपथ ग्रहण की है. उन्होंने कहा कि शेष 35 ग्राम पंचायतों में वार्ड सदस्यों का कोरम पूरा न हो पाने की वजह से ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो सका जिसके चलते इन ग्राम पंचायतों में प्रधानों की शपथ नहीं हो पाई है.