चमोली: जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज जिला योजना समिति की बैठक हुई. इस बैठक में जिला योजना वर्ष 2022-23 हेतु प्रस्तावित परिव्यय 54.50 करोड़ की धनराशि को विभागवार अनुमोदित किया गया. ऐसे में इस बैठक में जिला योजना समिति की सहमति से लोक निर्माण और सिंचाई का परिव्यय 50-50 लाख बढ़ाया गया है. जिससे जिले में विकास योजनाओं को गति मिल सके.
प्रभारी मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि जनपद का समूचित विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि जिला योजना में ऐसी योजनाओं के प्रस्ताव रखे, जो कम लागत की हो तथा कम से कम समय में पूरी हो सके, ताकि योजनाएं समय से पूरी होने पर लोगों को इसका लाभ मिल सके. प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिन विद्यालयों में शौचालय, चारदीवारी, छत मरम्मत तथा फर्नीचर की आवश्यकता है उसके लिए शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रस्ताव उपलब्ध करें. वहीं, आपदा में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुर्ननिर्माण व मरम्मत संबधी प्रस्ताव एसडीएम के माध्यम से जिलाधिकारी को उपलब्ध करें.
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प्रभारी मंत्री ने कहा कि जो कृषक या काश्तकार वास्तविक रूप से खेती से जुड़े हैं, उनको चिन्हित करें और सहकारिता के माध्यम से प्राथमिकता पर उन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज दर 5 लाख तक का ऋण उपलब्ध करें. जल निगम, जल संस्थान, युवा कल्याण आदि विभागों के वचनबद्व मदों में जहां कार्मिकों का वेतन देय है या पुरानी देनदारियां है, उनके लिए शीघ्र धनराशि अवमुक्त की जाए.
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला उत्तराखंड पूरे देश में पहला राज्य है. प्रदेश में 4447 आंगनबाड़ी केन्द्रों को बाल वाटिका के रूप में तैयार किया जा रहा है. पाठ्यक्रमों में मात्रभाष, भारतीय ज्ञान परम्परा आधारिक शिक्षा, स्वरोजपरक शिक्षा, स्वैच्छिक शिक्षा आदि विषयों को शामिल करने का प्रयास किया गया है, उन्होंने बताया कि पर्वतीय जनपदों के विद्यालयों में शिक्षकों के सभी पद जल्द से जल्द भरे जाएंगे.
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इस मौके पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रभारी मंत्री को विभागवार प्रस्तावित परिव्यय एवं उपलब्ध प्रस्तावों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशों के क्रम में जिला योजना के तहत उपलब्ध परिव्यय में से 50 प्रतिशत धनराशि चालू एवं बचनबद्व योजनाओं तथा मानदेय के लिए निर्धारित की गई है जबकि 15 प्रतिशत धनराशि स्वरोजगारपरक योजनाओं पर व्यय की जानी है. अवशेष धनाराशि से ही नई योजनाओं को जिला योजना में शामिल किया जाना है. इसी आधार सभी विभागों का परिव्यय तैयार किया गया है.
वहीं, जिला नियोजन समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 की जिला योजना हेतु 54.50 करोड़ परिव्यय का अनुमोदान किया गया. जिसमें लोक निर्माण विभाग का परिव्यय 50 लाख बढ़ाकर 4.5 करोड़ तथा सिंचाई विभाग का परिव्यय भी 50 लाख बढ़ाकर 3.80 करोड़ किया गया. इसके साथ ही सभी विभागों के लिए जिला योजना के तहत परिव्यय निर्धारित किया गया.