थराली: उत्तराखंड की मंजू देवी ने एक अनोखी मिसाल कायम की है. जिसमें वे महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है. सीमांत जिले चमोली के दूरस्थ क्षेत्र लोल्टी की मंजू देवी द्वारा योग, साधना और ध्यान से नशा मुक्त उत्तराखंड बनाने को लेकर एक अनोखी मिसाल चलाई जा रही है. यह मिसाल 26 जनवरी से लोल्टी गांव में चलाई जा रही है.
भारत के इतिहास में महिलाओं का इतिहास किसी छुपा नहीं है. वहीं, मंजू देवी का नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान समाज के लिए एक प्रेरणादायक बन गया है. वह अब गांव-गांव के विद्यालयों में जाकर सभी को योग से होने वाले लाभों के बारे में जानकारियां दे रही है. साथ ही लोगों को योग से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दे रही है. वहीं, योग से कैसे मुक्त हो यह भी बता रही है.
उत्तराखंड को योग, तब और साधना के माध्यम से नशा मुक्त बनाने की यह पहल अब महिलाओं को भा रही है. तो वहीं क्षेत्र की महिलाएं भी नशे के खिलाफ जागरुकता रैलियां निकाल रही हैं. मंजू देवी विद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दे रही है. उन्होंने अब तक 50 से ज्यादा विद्यालयों में योग से नशा मुक्ति को लेकर अनेक कार्यक्रम करवा चुके हैं. तो वहीं उनके साथ 50 से अधिक महिलाएं भी जुड़ चुकी हैं. अब क्षेत्र की महिलाओं का कहना है कि वे सुबह 4 बजे योग करती हैं. योग करने से मन शांति और स्वच्छ और तंदुरुस्त की अनुभूति प्राप्त हो रही है. उनका कहना है कि जब से मंजू देवी ने उनको योग सिखाना शुरू किया तब से उनके तमाम बीमारियां जैसे हाथों का दर्द, घुटनों का दर्द, सिर दर्द और सांस लेने में जो परेशानी हो रही थी वह अब नहीं हो रही हैं.
मंजू देवी ने बताया कि उत्तराखंड नशे में आज सबसे आगे है. यहां का भविष्य नशे का आदि हो चुका है. उन्होंने कहा नशे के चलते बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. देवभूमि को नशा मुक्त केवल योग से ही किया जा सकता है.