चमोली: जिले में बीते दिनों ऊणी रिजर्व फॉरेस्ट में लगी आग की सूचना महिला मंगल दल चेपड़ों ने न सिर्फ वन विभाग को दी, बल्कि इस दावानल से निपटने के लिए महिला मंगल दल की महिलाओं ने आगे आकर खुद ही मोर्चा संभाला. इस कार्य के लिये आगे आते हुये आग बुझाने का प्रयास किया. वन विभाग के साथ मिलकर आग पर काबू भी पा लिया. इससे कई हेक्टेयर वन क्षेत्र और हरे-भरे पेड़ों को खाक होने से बचाया जा सका. वन विभाग ने महिलाओं के इस प्रयास को सराहते हुए चेपड़ों में महिला मंगल दल को सम्मानित करते हुए उन्हें पुरस्कृत भी किया.
महिला मंगल दल की सराहना की: वन क्षेत्राधिकारी मध्य पिंडर रेंज हरीश थपलियाल ने यहां महिलाओं और सम्मान समारोह में आये जनप्रतिनिधियों को वनाग्नि की रोकथाम के उपाय, कारण और पर्यावरण संरक्षण की जानकारी देते हुए महिला मंगल दल चेपड़ों के प्रयासों की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि जंगल स्थानीय लोगों का है. इसलिये पर्यावरण को बचाना हम सभी का कर्तव्य भी है और आवश्यकता भी. वन क्षेत्राधिकारी हरीश थपलियाल ने कहा कि महिला मंगल दल चेपड़ों की महिलाओं ने ऊणी रिज़र्व फॉरेस्ट को दावानल से बचाने में जो सहयोग किया वो सभी के लिए प्रेरणादायी है. उन्होंने दिखा दिया कि हम कैसे संगठित होकर अपने जंगलों को दावानल से बचा सकते हैं और अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं.
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क्या है महिला मंगल दल: दरअसल सरकारी योजनाओं में सहायता करने हेतु महिला मंगल दल का गठन किया गया है. जिसके तहत सरकारी योजनाओं को चलाने में महिला मंगल दल मदद करते हैं. इसकी स्थापना साल 1972 में की गई जिसकी पहली अध्यक्ष गौरा देवी नियुक्त की गईं थीं.