ETV Bharat / state

देखा है कभी ऐसा वीडियो, 'हवा' में अलकनंदा नदी के पार पहुंचाई गई JCB मशीन

जोशीमठ के द्विंग-तपोण क्षेत्र में एक जेसीबी मशीन को तारों के सहारे अलकनंदा नदी के पार पहुंचाया गया. जिसने भी इसका वीडियो को देखा वो देखता ही रह गया.

jcb machine
जेसीबी मशीन
author img

By

Published : Apr 26, 2021, 1:06 PM IST

Updated : Apr 26, 2021, 4:22 PM IST

चमोलीः लंबे समय से सड़क की बाट जोह रहे द्विंग-तपोण क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग पूरी होने जा रही है. यहां पुल निर्माण न होने से सड़क निर्माण अधर में लटका था. सबसे बड़ी चुनौती जेसीबी मशीन को नदी के दूसरे तट पर पहुंचाना था. लेकिन ठेकेदार ने तारों के जरिए जेसीबी मशीन को अलकनंदा नदी के पार पहुंचा दिया. ये देख ग्रामीण अचंभित रह गए. वहीं, जेसीबी के पहुंचने पर ग्रामीणों को सड़क सुविधा मिलने की आस जग गई है.

'हवा' में अलकनंदा नदी के पार पहुंचाई गई JCB मशीन.

बता दें कि शासन की ओर से लांजी, पोखनी, ह्यूंना, द्विंग और तपोण गांवों की करीब 25 हजार की आबादी को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए साल 2010 में द्विंग-तपोण छह किलोमीटर सड़क की स्वीकृति प्रदान की गई थी. जिसके निर्माण के लिए साल 2018 में वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. लेकिन यहां सबसे बड़ी बाधा अलकनंदा नदी थी. जबकि, सड़क का निर्माण अलकनंदा के दूसरे छोर पर जाकर किया जाना था.

ऐसे में यहां दो सौ मीटर हिल कटिंग के बाद पुल प्रस्तावित किया गया, लेकिन पुल की स्वीकृति न मिलने के चलते दूसरी ओर मानव श्रम से करवाए जा रहे निर्माण कार्य को गति नहीं मिल पा रही थी. जिसके चलते सड़क स्वीकृति के वर्षों बाद भी यहां ग्रामीण अपने गंतव्य तक जाने के लिए करीब सात किलोमीटर की पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ेंः भरभराकर गिर रहे पुश्ते, ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर उठाए सवाल

ऐसे में अब ठेकेदार मोहन सिंह बिष्ट की ओर से यहां अलकनंदा नदी के दोनों छोरों पर तार बांधकर चैन कुप्पी के माध्यम से जेसीबी को नदी के दूसरे छोर पर पहुंचा दिया गया है. इससे यहां सड़क निर्माण कार्य में तेजी आ जाएगी. वहीं, विभागीय अधिकारियों के अनुसार पुल निर्माण के लिए भेजे गए प्रस्ताव को प्रथम चरण की स्वीकृति मिल गई है. इससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में जल्द सड़क की सुविधा मिलने की आस जग गई है.

चमोलीः लंबे समय से सड़क की बाट जोह रहे द्विंग-तपोण क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग पूरी होने जा रही है. यहां पुल निर्माण न होने से सड़क निर्माण अधर में लटका था. सबसे बड़ी चुनौती जेसीबी मशीन को नदी के दूसरे तट पर पहुंचाना था. लेकिन ठेकेदार ने तारों के जरिए जेसीबी मशीन को अलकनंदा नदी के पार पहुंचा दिया. ये देख ग्रामीण अचंभित रह गए. वहीं, जेसीबी के पहुंचने पर ग्रामीणों को सड़क सुविधा मिलने की आस जग गई है.

'हवा' में अलकनंदा नदी के पार पहुंचाई गई JCB मशीन.

बता दें कि शासन की ओर से लांजी, पोखनी, ह्यूंना, द्विंग और तपोण गांवों की करीब 25 हजार की आबादी को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए साल 2010 में द्विंग-तपोण छह किलोमीटर सड़क की स्वीकृति प्रदान की गई थी. जिसके निर्माण के लिए साल 2018 में वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. लेकिन यहां सबसे बड़ी बाधा अलकनंदा नदी थी. जबकि, सड़क का निर्माण अलकनंदा के दूसरे छोर पर जाकर किया जाना था.

ऐसे में यहां दो सौ मीटर हिल कटिंग के बाद पुल प्रस्तावित किया गया, लेकिन पुल की स्वीकृति न मिलने के चलते दूसरी ओर मानव श्रम से करवाए जा रहे निर्माण कार्य को गति नहीं मिल पा रही थी. जिसके चलते सड़क स्वीकृति के वर्षों बाद भी यहां ग्रामीण अपने गंतव्य तक जाने के लिए करीब सात किलोमीटर की पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ेंः भरभराकर गिर रहे पुश्ते, ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर उठाए सवाल

ऐसे में अब ठेकेदार मोहन सिंह बिष्ट की ओर से यहां अलकनंदा नदी के दोनों छोरों पर तार बांधकर चैन कुप्पी के माध्यम से जेसीबी को नदी के दूसरे छोर पर पहुंचा दिया गया है. इससे यहां सड़क निर्माण कार्य में तेजी आ जाएगी. वहीं, विभागीय अधिकारियों के अनुसार पुल निर्माण के लिए भेजे गए प्रस्ताव को प्रथम चरण की स्वीकृति मिल गई है. इससे क्षेत्रीय ग्रामीणों में जल्द सड़क की सुविधा मिलने की आस जग गई है.

Last Updated : Apr 26, 2021, 4:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.