चमोली: जोशीमठ-मारवाड़ी सड़क के साथ कई वार्डों में लगातार भू-धंसाव जारी है. इसके कार्ण क्षेत्र के कई घरों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. जिससे नगरवासी काफी परेशान है. जनप्रतिनिधयों ने जिलाधिकारी से भेंट कर मामले में जोशीमठ नगर का भूगर्भीय सर्वे करवाने व प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग सरकार से की है.
चमोली जिले में स्थित जोशीमठ बदरीनाथ धाम, गोविंदघाट हेमकुंड साहिब का मुख्य केंद्र बिंदु हैं. वहीं पर्यटन की दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. विश्व धरोहर रम्माण का क्षेत्र हो या फिर विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी के साथ औली जैसी प्राकृतिक सुंदर जगहों पर जाने वाले पर्यटकों को भी जोशीमठ नगर से होकर ही जाना हेाता है. हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक जोशीमठ पहुंचते हैं.
वहीं, शीतकाल यात्रा के दौरान भी आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थली और भगवान नर्सिग के दर्शन के लिए भी यहां श्रद्धालु पहुचते हैं. भारत-चीन सीमा से लगे होने के कारण सामरिक दृष्टिकोण से भी जोशीमठ नगर सुरक्षा की दृष्टिकोण से संवेदनशील है, लेकिन वर्तमान मान समय में गांधीनगर के साथ कई जगहों पर लगातार भू-धंसाव होने से नगर के कई घरों में दरार पड़ रही है.
स्थानीय हरीश भंडारी ने कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में कई विद्यृत परियोजनाएं भी निर्मित है और कई निर्माणाधीन है. जिसके अनियोजित निर्माण कार्य के कारण जोशीमठ नगर खतरे में आ गया है. शासन प्रशासन को इस मामले पर संवेदनशील होने की जरूरत है. शीघ्रातिशीघ्र नगर का भूगर्भीय सर्वे करवाना चाहिए और इसके स्थायी समाधान के लिए कार्य योजना तैयारी की जानी चाहिए. समय रहते भू-धंसाव की चपेट में आ रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित की प्रक्रिया की जानी चाहिए.
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नगर पालिका अध्यक्ष जोशीमठ शैलेंद्र पंवार का कहना है कि नगरवासियों की सुरक्षा के लिए शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर के सुरक्षा के लिए गंभीरता से काम किया जाना होगा. ऐसे में उन्होंने शासन प्रशसन से नगर में हो रहे भू-धंसाव को लेकर सर्वे करवाने की मांग की है.