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उत्तराखंडः धूमधाम से मनाया गया गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश पर्व, श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

उत्तराखंड में गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया. विभिन्न गुरुद्वारों में शबद कीर्तन और अरदास के पाठ किए गए. साथ ही गुरु नानक देव जी के संकल्पों पर चलने का निर्णय लिया.

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Published : Nov 12, 2019, 9:57 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 11:01 PM IST

चमोली/मसूरी/चंपावतः सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी प्रकाश पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया. इस दौरान विभिन्न गुरुद्वारों में शबद कीर्तन और अरदास के पाठ किए गए. सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कंपाट बंद होने के बाद जोशीमठ स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए श्रद्धालु पहुंचे.

उत्तराखंड में धूमधाम से मनाई गई गुरु नानक जयंती.

चमोली

पवित्र धाम हेमकुंड साहिब और गोविंदघाट गुरुद्वारे के कपाट बंद होने के बाद जोशीमठ बाजार में स्थित गुरुद्वारे में गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भाग लिया. साथ ही विभिन्न जिलों और पंजाब प्रांत से भी श्रद्धालु जोशीमठ गुरुद्वारे में गुरु पूर्णिमा में भाग लेने पहुंचे.

हेमकुंड-गोविंदघाट गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि इस बार पूरे देश और दुनिया में गुरु नानक जी के पर्व को प्रकाश पर्व के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. देवभूमि में भी इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

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मसूरी

गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के मौके पर मसूरी के गांधी चौक और लंढौर स्थित गुरुद्वारे में शबद कीर्तन का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न समुदाय के लोगों ने प्रतिभाग कर गुरु नानक देव जी का आशीर्वाद लिया. साथ ही गुरु नानक देव जी के संकल्पों पर चलने का निर्णय लिया.

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चंपावत

गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर लधिया और रतिया नदी के किनारे बने गुरुद्वारा रीठासाहिब में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान गुरुद्वारे के दीवाने हॉल में गुरुग्रंथ साहब के अखंड पथ की लड़ी पढ़ी गई. साथ ही श्रद्धालुओं ने कीर्तन का आयोजन किया. इससे पहले संगतों ने गुरुद्वारा को दो क्विंटल से ज्यादा गेंदे के फूलों से सजाकर प्रकाशमान किया.

मान्यता है कि रीठा साहिब क्षेत्र में गुरु नानक जी अपने शिष्यों के साथ आए थे. एक बार जब उनके शिष्यों को भूख लगी तो उन्होंने अपने शिष्यों को रीठे के फल को तोड़कर खाने को कहा था. रीठा एक कड़वा फल होता है, लेकिन जब शिष्यों ने वह फल खाया तो उन्हें मिठा लगा. जिसके बाद यहां पर गुरुद्वारा बनाया गया. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को मीठे रीठे का प्रसाद दिया जाता है.

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वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर चंपावत जिले के संगम तटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और मंदिरों में पूजा-अर्चना की. इस दौरान लधून धुरा मंदिर और नगरुघाट मंदिरों में श्रद्धालुओं ने रात्रि जागरण कर देवरथों के दर्शन किए. देवरथों के आगमन के साथ ही मेले का भी आयोजन किया गया.

चमोली/मसूरी/चंपावतः सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी प्रकाश पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया. इस दौरान विभिन्न गुरुद्वारों में शबद कीर्तन और अरदास के पाठ किए गए. सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कंपाट बंद होने के बाद जोशीमठ स्थित गुरुद्वारे में मत्था टेकने के लिए श्रद्धालु पहुंचे.

उत्तराखंड में धूमधाम से मनाई गई गुरु नानक जयंती.

चमोली

पवित्र धाम हेमकुंड साहिब और गोविंदघाट गुरुद्वारे के कपाट बंद होने के बाद जोशीमठ बाजार में स्थित गुरुद्वारे में गुरु पूर्णिमा धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भाग लिया. साथ ही विभिन्न जिलों और पंजाब प्रांत से भी श्रद्धालु जोशीमठ गुरुद्वारे में गुरु पूर्णिमा में भाग लेने पहुंचे.

हेमकुंड-गोविंदघाट गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि इस बार पूरे देश और दुनिया में गुरु नानक जी के पर्व को प्रकाश पर्व के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. देवभूमि में भी इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

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मसूरी

गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के मौके पर मसूरी के गांधी चौक और लंढौर स्थित गुरुद्वारे में शबद कीर्तन का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न समुदाय के लोगों ने प्रतिभाग कर गुरु नानक देव जी का आशीर्वाद लिया. साथ ही गुरु नानक देव जी के संकल्पों पर चलने का निर्णय लिया.

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चंपावत

गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर लधिया और रतिया नदी के किनारे बने गुरुद्वारा रीठासाहिब में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान गुरुद्वारे के दीवाने हॉल में गुरुग्रंथ साहब के अखंड पथ की लड़ी पढ़ी गई. साथ ही श्रद्धालुओं ने कीर्तन का आयोजन किया. इससे पहले संगतों ने गुरुद्वारा को दो क्विंटल से ज्यादा गेंदे के फूलों से सजाकर प्रकाशमान किया.

मान्यता है कि रीठा साहिब क्षेत्र में गुरु नानक जी अपने शिष्यों के साथ आए थे. एक बार जब उनके शिष्यों को भूख लगी तो उन्होंने अपने शिष्यों को रीठे के फल को तोड़कर खाने को कहा था. रीठा एक कड़वा फल होता है, लेकिन जब शिष्यों ने वह फल खाया तो उन्हें मिठा लगा. जिसके बाद यहां पर गुरुद्वारा बनाया गया. यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को मीठे रीठे का प्रसाद दिया जाता है.

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वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर चंपावत जिले के संगम तटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और मंदिरों में पूजा-अर्चना की. इस दौरान लधून धुरा मंदिर और नगरुघाट मंदिरों में श्रद्धालुओं ने रात्रि जागरण कर देवरथों के दर्शन किए. देवरथों के आगमन के साथ ही मेले का भी आयोजन किया गया.

Intro:चमोली में स्थित सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने से गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गुरु नानक जयंती के 550 पर्व होने पर जोशीमठ नगर में स्थित गुरुद्वारे में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। जंहा चमोली के जोशीमठ स्थित गुरुद्वारे को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है, तो वही शब्द कीर्तन और अरदास का पाठ भी किया जा रहा है। सुबह से ही गुरुद्वारे में कीर्तन किए जा रहे हैं।गुरुनानक देव के 550 वे प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए पंजाब से भी सिख श्रदालू जोशीमठ गुरुद्वारे ने पहुंचे है।

नॉट--विस्वल बाईट मेल से भेजी है।


Body:आज सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक अरदास और गुरुबाणी के साथ-साथ कीर्तन किया गया।इस अवसर पर स्थानीय लोगो के लिए प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था भी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के द्वारा की गई थी।प्रकाश पर्व को लेकर जोशीमठ बाजार में भी खूब चहल पहल रही।


हैमकुण्ड गुरुद्वारे और गोविंदघाट गुरुद्वारे के कपाट बंद होने के चलते बीते वर्षो की भांति इस वर्ष भी जोशीमठ बाज़ार स्थित गुरुद्वारे में गुरु पूर्णिमा को धूमधाम से मनाया गया ,इस दौरान स्थानीय लोगो ने भी गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम में भाग लिया,साथ ही उत्तराखंड के अन्य जनपदो और पंजाब प्रांत से भी श्रदालू जोशीमठ गुरुद्वारे में गुरु पूर्णिमा में भाग लेने पहुंचे थे।


Conclusion:हेमकुंड गोविंदघाट गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि इस बार पूरे देश और दुनिया में गुरु नानक जी के पर्व को प्रकाश पर्व के रूप में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ सिख समुदाय के लोग मना रहे हैं ।इसलिए देवभूमि में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय लोगों को भी निमंत्रण दिए गए हैं। और पंजाब से भी सैकड़ों श्रद्धालु गुरु नानक देव का 550 वां जन्मदिन मनाने के लिए जोशीमठ पहुंचे है।

बाईट-सरदार सेवा सिंह-प्रबंधक हेमकुण्ड गुरुद्वारा प्रबंधन समिति।
Last Updated : Nov 12, 2019, 11:01 PM IST
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