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उपलब्धिः पिता पढ़ाई के लिए चलते थे 15 किमी पैदल, बेटी निधि BARC में बनी वैज्ञानिक

कहते हैं पढ़ाई में किया गया इनवेस्टमेंट शानदार रिटर्न देता है. इसे गैरसैंण के डुंगरी गांव की निधि सिरस्वाल ने साबित कर दिखाया. निधि सिरस्वाल का भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर चयन हुआ है. 24 सितंबर 2021 को हुए इस रिटर्न एग्जाम में निधि शॉर्ट लिस्ट हुई थी. बेहद गरीब परिवार में जन्मी और पली-बढ़ी निधि ने अपने पिता के कठोर संघर्ष को अपनी सपनीली मेहनत से आज ऐसा मुकाम दे दिया है जिससे पूरा इलाका खुश है. केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने भी निधि की सफलता पर खुशी जताई है.

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गैरसैंण
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Published : Nov 30, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 8:25 PM IST

चमोली: गैरसैंण की निधि सिरस्वाल ने इलाके का नाम रोशन किया है. 21 साल की निधि का भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर चयन हुआ है. निधि के पिता भोला दत्त सिरस्वाल अध्यापक हैं और वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज मरोड़ा में कार्यरत हैं.

गैरसैंण इलाके के लिए गौरवशाली क्षण है. डुंगरी गांव की निधि सिरस्वाल ये गौरव का पल लाई हैं. निधि का चयन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में हुआ है. इसके लिए पहले ऑनलाइन रिटर्न एग्जाम हुआ था. 24 सितंबर 2021 को हुए इस रिटर्न एग्जाम में निधि शॉर्ट लिस्ट हुई थी. 12 नवंबर 2021 को इंटरव्यू हुआ. इंटरव्यू मुंबई के अणु शक्ति नगर में हुआ था. 30 नवंबर को घोषित हुए रिजल्ट में निधि का चयन हो गया. निधि का इंटरव्यू करीब 80 मिनट चला.

निधि BARC में बनी वैज्ञानिक.

ये भी पढ़ेंः मसूरी में क्रिसमस की धूम, Cake Mixing Ceremony में स्कूली बच्चों ने लिया हिस्सा

निधि शुरू से ही मेधावी रही हैं. मेधावी निधि ने हाईस्कूल की परीक्षा 90 प्रतिशत, इंटरमीडिएट की परीक्षा 89, स्नातक की परीक्षा 84 प्रतिशत और पीजी की परीक्षा 80 फीसदी अंकों के साथ पास की है. निधि की उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई है. निधि ने ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज से किया है. पीजी हंसराज कॉलेज से पास किया है.

रोजाना पढ़ाई के लिए 15 किमी पैदल चलते थे पापा: निधि के पापा भोला दत्त सिरस्वाल भी बहुत मेधावी थे. गणित और विज्ञान में वो श्रेष्ठ थे. बहुत गरीब परिवार से आते थे. सिर से पिता का साया जल्द उठ गया था. खेती-बाड़ी में मां की मदद करते थे. नकद आय का कोई स्रोत नहीं था. सुबह खेतों में हल चलाकर 7-8 किलोमीटर दूर गैरसैंण पढ़ने पैदल आया करते थे. एक दिन की पढ़ाई के लिए 15-16 किलोमीटर पैदल चलते थे.

भोला दत्त सिरस्वाल के उस अपार संघर्ष और मेहनत का परिणाम बच्चों की अच्छी पढ़ाई-लिखाई के रूप में सामने आया है. सिरस्वाल गैरसैंण के मरोड़ा GIC में शिक्षक हैं. इसीलिए कहा गया है- विद्या धनं सर्वधन प्रधानम.

केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने दी बधाई: केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को जब निधि सिरस्वाल की सफलता की खबर ईटीवी भारत ने दी तो उन्होंने भी खुशी जताई. अजय भट्ट ने निधि के पिता को बधाई दी. केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ की बिटिया की ये सफलता अन्य बच्चियों के सफलता के द्वार खोलेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ये सार्थकता है.

चमोली: गैरसैंण की निधि सिरस्वाल ने इलाके का नाम रोशन किया है. 21 साल की निधि का भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर चयन हुआ है. निधि के पिता भोला दत्त सिरस्वाल अध्यापक हैं और वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज मरोड़ा में कार्यरत हैं.

गैरसैंण इलाके के लिए गौरवशाली क्षण है. डुंगरी गांव की निधि सिरस्वाल ये गौरव का पल लाई हैं. निधि का चयन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में हुआ है. इसके लिए पहले ऑनलाइन रिटर्न एग्जाम हुआ था. 24 सितंबर 2021 को हुए इस रिटर्न एग्जाम में निधि शॉर्ट लिस्ट हुई थी. 12 नवंबर 2021 को इंटरव्यू हुआ. इंटरव्यू मुंबई के अणु शक्ति नगर में हुआ था. 30 नवंबर को घोषित हुए रिजल्ट में निधि का चयन हो गया. निधि का इंटरव्यू करीब 80 मिनट चला.

निधि BARC में बनी वैज्ञानिक.

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निधि शुरू से ही मेधावी रही हैं. मेधावी निधि ने हाईस्कूल की परीक्षा 90 प्रतिशत, इंटरमीडिएट की परीक्षा 89, स्नातक की परीक्षा 84 प्रतिशत और पीजी की परीक्षा 80 फीसदी अंकों के साथ पास की है. निधि की उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई है. निधि ने ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के गुरु तेगबहादुर खालसा कॉलेज से किया है. पीजी हंसराज कॉलेज से पास किया है.

रोजाना पढ़ाई के लिए 15 किमी पैदल चलते थे पापा: निधि के पापा भोला दत्त सिरस्वाल भी बहुत मेधावी थे. गणित और विज्ञान में वो श्रेष्ठ थे. बहुत गरीब परिवार से आते थे. सिर से पिता का साया जल्द उठ गया था. खेती-बाड़ी में मां की मदद करते थे. नकद आय का कोई स्रोत नहीं था. सुबह खेतों में हल चलाकर 7-8 किलोमीटर दूर गैरसैंण पढ़ने पैदल आया करते थे. एक दिन की पढ़ाई के लिए 15-16 किलोमीटर पैदल चलते थे.

भोला दत्त सिरस्वाल के उस अपार संघर्ष और मेहनत का परिणाम बच्चों की अच्छी पढ़ाई-लिखाई के रूप में सामने आया है. सिरस्वाल गैरसैंण के मरोड़ा GIC में शिक्षक हैं. इसीलिए कहा गया है- विद्या धनं सर्वधन प्रधानम.

केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने दी बधाई: केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट को जब निधि सिरस्वाल की सफलता की खबर ईटीवी भारत ने दी तो उन्होंने भी खुशी जताई. अजय भट्ट ने निधि के पिता को बधाई दी. केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ की बिटिया की ये सफलता अन्य बच्चियों के सफलता के द्वार खोलेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की ये सार्थकता है.

Last Updated : Dec 1, 2021, 8:25 PM IST
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