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Budget Session: हरदा बोले- राज्यपाल ने विधानसभा और संविधान का अपमान किया, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को बताया 'संकल्प विहीन', कहा- बजट भी होगा शिगूफा - gairsain budget session 2023

उत्तराखंड बजट सत्र गैरसैंण में चल रहा है. पहले दिन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. आज धामी सरकार ने कई निर्णय भी लिए. जिसके तहत विधायक निधि को बढ़ाया गया है. जिस पर पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि सरकार ने अपने नाराज विधायकों को चुप कराने के लिए विधायक निधि बढ़ाई. इसके अलावा क्या कुछ उन्होंने कहा, देखिए खास बातचीत...

Gairsain Budget Session
हरीश रावत से बातचीत
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Published : Mar 13, 2023, 7:20 PM IST

Updated : Mar 13, 2023, 8:00 PM IST

हरीश रावत ने धामी सरकार पर साधा निशाना.

गैरसैंणः राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार पर लगातार सवाल खड़े करती नजर आ रही है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्यपाल ने न सिर्फ सदन के भीतर अभिभाषण को पढ़ा, बल्कि जनता का अपमान भी किया है. क्योंकि, संवैधानिक शपथ से बंधे हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री के तरीके से अपने अभिभाषण को ब्रीफ करने लग गए. जबकि, विधानसभा ने अभिभाषण को पारित तक नहीं किया.

कांग्रेस ही उठा रही जनता के सवालः ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभिभाषण में जनता के सवाल भी नहीं है, बल्कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने सड़क और सदन के भीतर जनता के सवाल को उठाए, लेकिन इस सरकार में जनता के सवाल नहीं उठाए जा रहे हैं.

बजट का एक चौथाई भी नहीं हुआ खर्च, बजट का हो रहा अपमानः वहीं, हरीश रावत ने राज्य सरकार के बजट के सवाल पर कहा कि वर्तमान में चल रहे वित्तीय वर्ष के लिए करीब 71 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था, लेकिन कुल बजट का एक चौथाई बजट भी खर्च नहीं हो पाया है. लिहाजा, पिछली बार भी बजट का अपमान किया गया था और इस बार भी ढकोसला बजट पेश किया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः OPS को लेकर कर्मचारियों ने ढोल नगाड़ों के साथ भराड़ीसैंण किया कूच, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

दिखावे का होगा बजट, दिल्ली से आयात किए जाएंगे जुमलेः आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा से प्रेरित बजट होने के सवाल पर हरदा ने कहा कि यह बजट मात्र दिखाने के लिए होगा, लेकिन वो धरती पर कहीं दिखाई नहीं देगा. अगर धरती पर बजट उतरी भी तो तमाम ऐसे विभाग हैं. जिन विभागों ने अपने बजट का एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. लिहाजा, पिछली बार की तरह ही कुछ जुमले दिल्ली से आयात किए जाएंगे और उसे उत्तराखंड के जिम्मे सदन में पेश कर दिए जाएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस ने जनता के सवाल को उठाकर बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती रख दी है.

नाराज चल रहे विधायकों को चुप करने के लिए बढ़ाई विधायक निधिः सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. जिसके तहत विधायक निधि बढ़ाने और राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के बिल को दोबारा राजभवन भेजने का निर्णय लिया है. इस सवाल पर हरदा ने कहा कि अपने नाराज चल रहे विधायकों को चुप करने के लिए सरकार ने विधायक निधि को बढ़ा दी है. साथ ही कहा कि कांग्रेस के विधायक, विधायक निधि का सदुपयोग कर रहे हैं, लेकिन सवाल यही है कि योजनागत विकास में कितना खर्च हो रहा है और गावों के विकास में कितना खर्च होता है?

विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. सदन के पहले दिन की कार्यवाही काफी हंगामेदार रहा. दरअसल, सदन के बाहर सड़क पर जहां एक ओर कांग्रेसी नेता प्रदर्शन करते दिखाई दिए तो वहीं सदन के भीतर विपक्ष के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान वेल में आकर नारेबाजी की. हंगामे के बीच ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ा. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने राज्यपाल के अभिभाषण का पाठन किया और सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
ये भी पढ़ेंः Gairsain Congress Protest: बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस के तेवर कड़े, सदन से सड़क तक सरकार को घेरा

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कही ये बातः इसी बीच ईटीवी से खास बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बताया कि किसी भी सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का दस्तावेज होता है. इस इस अभिभाषण के जरिए सरकार की सोच, विजन, संकल्प और मंशा परिलक्षित होती है, लेकिन इस अभिभाषण में मात्र खानापूर्ति की गई है और जल्दबाजी में राज्यपाल के अभिभाषण को तैयार किया गया है.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि इस दस्तावेज में जो आज के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, उनको शामिल नहीं किया गया है. जिसमें बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की दुर्दशा, गन्ना मूल्य को बढ़ाने को बात, आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी, बिजली की बढ़ोत्तरी और सर्किल रेट समेत तमाम विषय है. जिसका अभिभाषण में उल्लेख नहीं है. साथ ही कहा कि तमाम विभागों के बजट लैप्स होने वाले हैं. लेकिन विकास की बात करने वाली सरकार पैसा खत्म नहीं कर पाई है. लिहाजा सरकार का कोई संकल्प नहीं है, बल्कि जनता को गुमराह करने का एक मात्र शिगूफा है.

वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधायक निधि को 5 करोड़ रुपए किए जाने के सवाल पर कहा कि अगर विधायकों की विधायक निधि को बढ़ाया जाता है तो वो सरकार को धन्यवाद देंगे. हालांकि, सदन की कार्यवाही के पहले दिन विपक्ष सदन से लेकर सड़क तक काफी हमलावर नजर आई तो वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस, प्रदेश में चरमराई कानून व्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाने का काम करेगी.
ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Cabinet Meeting में विधायकों की निधि बढ़ाकर की पांच करोड़, महिला मंगल दल के लिए भी खुशखबरी

हरीश रावत ने धामी सरकार पर साधा निशाना.

गैरसैंणः राज्यपाल गुरमीत सिंह के अभिभाषण को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार पर लगातार सवाल खड़े करती नजर आ रही है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्यपाल ने न सिर्फ सदन के भीतर अभिभाषण को पढ़ा, बल्कि जनता का अपमान भी किया है. क्योंकि, संवैधानिक शपथ से बंधे हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री के तरीके से अपने अभिभाषण को ब्रीफ करने लग गए. जबकि, विधानसभा ने अभिभाषण को पारित तक नहीं किया.

कांग्रेस ही उठा रही जनता के सवालः ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अभिभाषण में जनता के सवाल भी नहीं है, बल्कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने सड़क और सदन के भीतर जनता के सवाल को उठाए, लेकिन इस सरकार में जनता के सवाल नहीं उठाए जा रहे हैं.

बजट का एक चौथाई भी नहीं हुआ खर्च, बजट का हो रहा अपमानः वहीं, हरीश रावत ने राज्य सरकार के बजट के सवाल पर कहा कि वर्तमान में चल रहे वित्तीय वर्ष के लिए करीब 71 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था, लेकिन कुल बजट का एक चौथाई बजट भी खर्च नहीं हो पाया है. लिहाजा, पिछली बार भी बजट का अपमान किया गया था और इस बार भी ढकोसला बजट पेश किया जाएगा.
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दिखावे का होगा बजट, दिल्ली से आयात किए जाएंगे जुमलेः आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा से प्रेरित बजट होने के सवाल पर हरदा ने कहा कि यह बजट मात्र दिखाने के लिए होगा, लेकिन वो धरती पर कहीं दिखाई नहीं देगा. अगर धरती पर बजट उतरी भी तो तमाम ऐसे विभाग हैं. जिन विभागों ने अपने बजट का एक रुपया भी खर्च नहीं किया है. लिहाजा, पिछली बार की तरह ही कुछ जुमले दिल्ली से आयात किए जाएंगे और उसे उत्तराखंड के जिम्मे सदन में पेश कर दिए जाएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस ने जनता के सवाल को उठाकर बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती रख दी है.

नाराज चल रहे विधायकों को चुप करने के लिए बढ़ाई विधायक निधिः सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. जिसके तहत विधायक निधि बढ़ाने और राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के बिल को दोबारा राजभवन भेजने का निर्णय लिया है. इस सवाल पर हरदा ने कहा कि अपने नाराज चल रहे विधायकों को चुप करने के लिए सरकार ने विधायक निधि को बढ़ा दी है. साथ ही कहा कि कांग्रेस के विधायक, विधायक निधि का सदुपयोग कर रहे हैं, लेकिन सवाल यही है कि योजनागत विकास में कितना खर्च हो रहा है और गावों के विकास में कितना खर्च होता है?

विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. सदन के पहले दिन की कार्यवाही काफी हंगामेदार रहा. दरअसल, सदन के बाहर सड़क पर जहां एक ओर कांग्रेसी नेता प्रदर्शन करते दिखाई दिए तो वहीं सदन के भीतर विपक्ष के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान वेल में आकर नारेबाजी की. हंगामे के बीच ही राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ा. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने राज्यपाल के अभिभाषण का पाठन किया और सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
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नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कही ये बातः इसी बीच ईटीवी से खास बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बताया कि किसी भी सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का दस्तावेज होता है. इस इस अभिभाषण के जरिए सरकार की सोच, विजन, संकल्प और मंशा परिलक्षित होती है, लेकिन इस अभिभाषण में मात्र खानापूर्ति की गई है और जल्दबाजी में राज्यपाल के अभिभाषण को तैयार किया गया है.

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि इस दस्तावेज में जो आज के महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, उनको शामिल नहीं किया गया है. जिसमें बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की दुर्दशा, गन्ना मूल्य को बढ़ाने को बात, आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी, बिजली की बढ़ोत्तरी और सर्किल रेट समेत तमाम विषय है. जिसका अभिभाषण में उल्लेख नहीं है. साथ ही कहा कि तमाम विभागों के बजट लैप्स होने वाले हैं. लेकिन विकास की बात करने वाली सरकार पैसा खत्म नहीं कर पाई है. लिहाजा सरकार का कोई संकल्प नहीं है, बल्कि जनता को गुमराह करने का एक मात्र शिगूफा है.

वहीं, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधायक निधि को 5 करोड़ रुपए किए जाने के सवाल पर कहा कि अगर विधायकों की विधायक निधि को बढ़ाया जाता है तो वो सरकार को धन्यवाद देंगे. हालांकि, सदन की कार्यवाही के पहले दिन विपक्ष सदन से लेकर सड़क तक काफी हमलावर नजर आई तो वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस, प्रदेश में चरमराई कानून व्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाने का काम करेगी.
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Last Updated : Mar 13, 2023, 8:00 PM IST
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