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विवादों के बीच ज्योर्तिमठ में धर्म महासम्मेलन का आगाज, तीनों शंकराचार्य रहे मौजूद - Dharma Mahasammelan

जोशीमठ में आज धर्म महासम्मेलन का आगाज हुआ. धर्म महासम्मेलन में तीनों शंकराचार्य मौजूद रहे. सोमवार को नगर के लोगों ने जगद्गुरुओं का अभूतपूर्व स्वागत किया. ज्योर्तिमठ में ही स्थित अन्नपूर्णा माता के दर्शन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को नहीं करने दिया गया.

Dharma Mahasammelan started in Joshimath
विवादों के बीच जोशीमठ में हुआ धर्म महासम्मेलन का आगाज
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Published : Oct 17, 2022, 7:05 PM IST

चमोली: लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के भजनों के बीच जोशीमठ (Narendra Singh Negi at Dharma Mahasammelan) में तीनों शंकराचार्यो की मौजूदगी में धर्म सम्मेलन का आगाज (dhram mahasammelan in Joshimath) हुआ. ज्योर्तिमठ के रविग्राम स्थित खेल मैदान में धर्म महासम्मेलन में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, श्रृंगेरी शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती महाराज, द्वारिका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज में शामिल हुए. इस दौरान तीनों शंकराचार्यों ने नृसिंह मंदिर में दर्शन कर विधिवत पूजा अर्चना की.

धर्म महासम्मेलन में जगदगुरु शंकरचार्यों का ज्योर्तिमठ नगरवासियों, ज्योतिष मठ संचालक, देशभर से पधारे ब्रह्मचारी, साधु-संतों द्वारा शंखनाद किया गया. इस दौरान तीनों शंकराचार्य रथ पर बैठकर धर्म महासम्मेलन कार्यक्रम स्थल पहुंचे. इस दौरान आगे-आगे महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली. इसके साथ ही सेना के बैंड भी अपनी प्रस्तुति दे रहे थे. रविग्राम खेल मैदान में इस कार्यक्रम में 20 हजार से अधिक लोग मौजूद रहे.

ज्योर्तिमठ में धर्म महासम्मेलन का आगाज.

पढे़ं- SC से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को झटका, ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अभिषेक पर रोक

वहीं, जोशीमठ में धर्म महासम्मेलन के अवसर पर बीते कई वर्षों से ज्योर्तिमठ में गद्दी को लेकर दो शंकराचार्यो के मध्य आपसी विवाद का मामला भी देखने को मिला. ज्योर्तिमठ में ही स्थित अन्नपूर्णा माता के दर्शन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को नहीं करने दिए गए. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज को मंदिर के बाहर से ही हाथ जोड़कर वापस जाना पड़ा. शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज ने अन्नपूर्णा मंदिर के बाहर मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर बंद कर दिया था.

पढ़ें- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और स्वामी सदानंद सरस्वती होंगे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी

बता दें ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद और शंकराचार्य वासुदेवानंद के बीच गद्दी को लेकर लड़ाई अभी भी जारी है. लखनऊ की एक अदालत के आदेश के बाद स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को ही शंकराचार्य बने रहने के आदेश हुए हैं. लेकिन अभी भी मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

चमोली: लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के भजनों के बीच जोशीमठ (Narendra Singh Negi at Dharma Mahasammelan) में तीनों शंकराचार्यो की मौजूदगी में धर्म सम्मेलन का आगाज (dhram mahasammelan in Joshimath) हुआ. ज्योर्तिमठ के रविग्राम स्थित खेल मैदान में धर्म महासम्मेलन में ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, श्रृंगेरी शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विधु शेखर भारती महाराज, द्वारिका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज में शामिल हुए. इस दौरान तीनों शंकराचार्यों ने नृसिंह मंदिर में दर्शन कर विधिवत पूजा अर्चना की.

धर्म महासम्मेलन में जगदगुरु शंकरचार्यों का ज्योर्तिमठ नगरवासियों, ज्योतिष मठ संचालक, देशभर से पधारे ब्रह्मचारी, साधु-संतों द्वारा शंखनाद किया गया. इस दौरान तीनों शंकराचार्य रथ पर बैठकर धर्म महासम्मेलन कार्यक्रम स्थल पहुंचे. इस दौरान आगे-आगे महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली. इसके साथ ही सेना के बैंड भी अपनी प्रस्तुति दे रहे थे. रविग्राम खेल मैदान में इस कार्यक्रम में 20 हजार से अधिक लोग मौजूद रहे.

ज्योर्तिमठ में धर्म महासम्मेलन का आगाज.

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वहीं, जोशीमठ में धर्म महासम्मेलन के अवसर पर बीते कई वर्षों से ज्योर्तिमठ में गद्दी को लेकर दो शंकराचार्यो के मध्य आपसी विवाद का मामला भी देखने को मिला. ज्योर्तिमठ में ही स्थित अन्नपूर्णा माता के दर्शन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज को नहीं करने दिए गए. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज को मंदिर के बाहर से ही हाथ जोड़कर वापस जाना पड़ा. शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज ने अन्नपूर्णा मंदिर के बाहर मुख्य दरवाजे पर ताला लगाकर बंद कर दिया था.

पढ़ें- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और स्वामी सदानंद सरस्वती होंगे शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी

बता दें ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद और शंकराचार्य वासुदेवानंद के बीच गद्दी को लेकर लड़ाई अभी भी जारी है. लखनऊ की एक अदालत के आदेश के बाद स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को ही शंकराचार्य बने रहने के आदेश हुए हैं. लेकिन अभी भी मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

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