चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में भू धसाव के बाद मुश्किलें कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है. बिल्डिंगों में दरारें पड़ने का सिलसिला जारी है. जोशीमठ में एक खाद्यान्न गोदाम में भी बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके बाद अधिकारियों को स्टॉक खाली कराने की कवायद में जुटे हैं. अधिकारी ने कहा गुलाबकोटी में एक निर्माणाधीन गोदाम को विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने का प्रस्ताव है, लेकिन इस पर तभी विचार किया जा सकता है, जब इस तक पहुंचने के लिए उचित सड़क न बन जाए.
होटलों को पूरी तरह किया गया ध्वस्त: वहीं, जिला सूचना अधिकारी रवींद्र नेगी ने बताया जोशीमठ में दो असुरक्षित होटल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. इसमें करीब एक महीने से ज्यादा का वक्त लगा है. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की की विशेषज्ञों की देखरेख में होटल की एक-एक मंजिल को तोड़ा गया है. होटलों को तोडऩे में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आया हैं. रवींद्र नेगी ने कहा यह प्रक्रिया 12 जनवरी को शुरू हुई थी, क्योंकि दोनों होटल एक-दूसरे की ओर अनिश्चित रूप से झुके हुए थे, जिससे उनके आसपास की बस्तियों को खतरा था.
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चमोली जिला आपूर्ति अधिकारी जसवंत सिंह कंडारी ने बताया कि जोशीमठ के सबसे बुरी तरह प्रभावित सिंहधार वार्ड में स्थित इस गोदाम में क्षेत्र की बाकी इमारतों की तरह ही 2-3 जनवरी को ही दरारें पड़ गईं, लेकिन दरारें संकरी थीं. हाल के दिनों में कुछ कमरों में आई दरारें चौड़ी हो गई है, इसलिए उनका उपयोग करना मुश्किल हो गया है. ऐसे में गोदाम को खाली करने पर विचार किया जा रहा है.
कंडारी ने गोदाम में एक समय में 800 मीट्रिक टन खाद्यान्न का भंडारण करने की क्षमता है और यह न केवल जोशीमठ में बल्कि चमोली जिले के नीती और माणा घाटियों में कई अन्य स्थानों पर भी लोगों की जरूरतें पूरी करता है.
(इनपुट पीटीआई)