चमोली: कोरोना की वजह से चारधाम यात्रा बंद होने के कारण स्थानीय लोगों समेत हक हकूकधारी, पंडा समाज और स्थानीय व्यापारियों के आगे रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है. बदरीनाथ में पिछले काफी दिनों से लोग आंदोलनरत हैं. इसी कड़ी में स्थानीय लोगों को बदरीनाथ धाम के दर्शन की अनुमति दिए जाने समेत कई मांगों को लेकर आज पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता व ग्रामीण बदरीनाथ धाम कूच कर रहे थे लेकिन उन्हें पुलिस ने पांडुकेश्वर में रोक लिया.
पुलिस से तीखी नोंकझोंक: इस दौरान पुलिस और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन पुलिस ने किसी को भी पांडुकेश्वर से आगे बदरीनाथ की तरफ नहीं जाने दिया. इससे गुस्साए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पांडुकेश्वर में ही स्थानीय विधायक का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. बता दें, पांडुकेश्वर में बदरीनाथ हाईवे पर पूरी तरह से बैरिकेडिंग की गई है. यहां पुलिस के 200 जवान यहां तैनात किए गए हैं.
यात्रा न होने से भारी नुकसान: इस मौके पर पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी ने कहा कि बदरीनाथ धाम जाने की अनुमति पूर्व में ही जिला प्रशासन से ली गई थी, लेकिन पुलिस उनको पांडुकेश्वर से आगे नहीं जाने दे रही है. संपूर्ण देश में तीर्थाटन, पर्यटन आवाजाही के लिए खोल दिए गए हैं. पर्यटक हेमकुंड साहिब तक के दर्शन कर लौट गए हैं लेकिन चारधाम यात्रा अभी भी बंद है. इससे स्थानीय लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
भाजपा की रैलियों में भीड़ से क्या कोरोना का डर नहीं? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा नेताओं की रैलियों में आ रही लाखों की भीड़ से कोरोना का डर नहीं है केवल चारधाम यात्रा शुरू करने के नाम पर सरकार को कोरोना का भय सता रहा है. हजारों लोगों की रोजी रोटी इस यात्रा से जुटी है लेकिन सरकार को इसकी परवाह नहीं है. सरकार सही तरह से कोर्ट में पैरवी नहीं कर रही है, जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है जिससे यात्रा लेट हो रही है.
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सरकार ने मन में खोट: उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का जनता से अब कोई लेना-देना नहीं रह गया है. सरकार अपने में ही खोई हुई है. जनता बिजली, पानी सहित विभिन्न करों के बोझ तले दब रही है. बदरीनाथ की यात्रा संचालित नहीं है, फिर भी लोगों को बिजली और पानी के बिल भरने पड़ रहे हैं. यात्रा पड़ाव से लेकर धाम तक लोगों का हाल पूछने वाला कोई नहीं है. बदरीनाथ धाम में भी स्थानीय लोग बदरीनाथ के दर्शनों और यात्रा संचालन की मांग पर धरना-प्रदर्शन करेंगे.
बदरीनाथ विधायक का जवाब: उधर, इस मामले पर बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनको लेकर पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी ने कहा कि वो बदरीनाथ गए थे लेकिन कोरोना की गाइडलाइन को पालन करते हुए उन्होंने ऐसा नहीं किया है. सरकार खुद चाहती है कि यात्रा शुरू हो. 18 अगस्त को न्यायालय में चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन वह टल गई. अब 28 को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई है, जिसमें यात्रा शुरू करने को लेकर फैसला आ सकता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने यात्रा शुरू कर दी गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने यात्रा रोकने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी. कांग्रेस उन लोगों के खिलाफ कुछ नहीं बोलती, जो यात्रा शुरू करने के पक्ष में नहीं हैं.
गौर हो कि बता दें कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए यात्रा शुरू करने की अनुमति दी थी, लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश आने तक के लिए इस रोक को बढ़ाया है.