चमोलीः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में जमीन खरीदी है. अपने ट्वीटर हैंडल से मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि रिवर्स पलायन से ही पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर सुधरेगी. वो और उनकी सरकार उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप में ले जाने को वचनबद्ध है. इसकी पहल सभी को करनी होगी.
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भराड़ीसैंण के पास सारकोट गांव में साढ़े 6 नाली की भूमि खरीदी है. जिसकी उन्होंने अपने नाम की विधिवत रजिस्ट्री भी कर दी है. बताया जा रहा है कि सारकोट गांव के ही किसी व्यक्ति से सीएम ने यह भूमि खरीदी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, 15 अगस्त के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूं.
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रिवर्स पलायन से ही सुधरेगी पहाड़ों की तस्वीर और तकदीर। मैं और मेरी सरकार उत्तराखंड को उसके प्राकृतिक स्वरूप में ले जाने को वचनबद्ध है। पहल तो हम सब को व्यक्तिगत करनी होगी।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) August 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।
||जय गैरसैंण, जय उत्तराखण्ड||
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— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) August 16, 2020
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।
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— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) August 16, 2020
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मैं भी गैरसैंण का विधिवत भूमिधर बन गया हूँ।
||जय गैरसैंण, जय उत्तराखण्ड||
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वहीं, भराड़ीसैंण में मौसम खराब होने के चलते सीएम का हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया. जिसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सड़क मार्ग से ही कार के जरिए गौचर हवाई पट्टी के लिए रवाना हुए. जहां से वो देहरादून के लिए निकले. सुबह से ही सीएम खराब मौसम होने के चलते भराड़ीसैंण में ही फंसे थे. सीएम को बारिश के कारण अपना दुधातोली पैदल ट्रैक और पिथौरागढ़ का कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ा.
भराड़ीसैंण में काफी देर तक सीएम ने मौसम साफ होने का इंतजार किया, लेकिन मौसम साफ न होता देख सीएम कार से ही गौचर हवाई पट्टी पहुंचे. जहां से वो हेलीकॉप्टर के माध्यम से देहरादून के लिए रवाना हो चुके हैं. बता दें कि, आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भराड़ीसैंण से पैदल ट्रैक कर दूधातोली पहुंचकर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित करने का कार्यक्रम था, लेकिन बारिश के सभी कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं.