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DM हिमांशु खुराना ने क्रॉप कटिंग प्रयोग का लिया जायजा, महिलाओं के साथ काटी धान की फसल

गोपेश्वर के पपडियाणा गांव में कृषक दीपक पंवार के खेत में धान की फसल पर क्रॉप कटिंग प्रयोग किया जा रहा है. जिसका आज चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने निरीक्षण किया. जहां उन्होंने महिलाओं के साथ धान की कटाई पर हाथ भी आजमाया.

Chamoli DM Cut Paddy Crop
चमोली डीएम ने धान की फसल काटी
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Published : Sep 20, 2022, 7:10 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 7:31 PM IST

चमोलीः जिलाधिकारी हिमांशु खुराना आज गोपेश्वर नगर क्षेत्र के पपडियाणा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने धान की फसल (Paddy Crop in Chamoli) पर किए जा रहे क्रॉप कटिंग प्रयोग का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के साथ धान लवाई की यानी फसल भी काटी. साथ ही उन्होंने किसानों की समस्याओं को जाना और उनका निस्तारण करने के निर्देश दिए.

दरअसल, राजस्व विभाग की टीम ने पपडियाणा के कृषक दीपक पंवार के धान के खेत में 30 वर्गमीटर का प्लाट बनाया है. जहां सीसीई एग्री एप के माध्यम से क्रॉप कटिंग का प्रयोग किया गया. जहां निर्धारित आकार के प्लाट में धान की उपज 7.60 किलोग्राम बालियों का उत्पादन मिला है. इस दौरान डीएम हिमांशु खुराना (Chamoli DM Himanshu Khurana) ने खेत का नक्शा, खसरा रजिस्टर आदि भू-अभिलेखों की जांच की. साथ ही काश्तकारों से धान के बीज के बारे में भी जानकारी ली.

DM हिमांशु खुराना ने क्रॉप कटिंग प्रयोग का लिया जायजा.
ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश में 125 बीघा धान की फसल पर लगा रोग, किसान ने ट्रैक्टर से रौंदा खेत

चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि क्रॉप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जिले में फसलों के औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं. जिससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का लाभ मिलेगा. वहीं, डीएम खुराना ने किसानों से कृषि एवं अन्य आवश्यक संसाधनों से संबधित समस्याओं और चुनौतियों की जानकारी ली. साथ ही उनके समाधान के लिए सुझाव भी दिए.

क्या होता है क्रॉप कटिंग प्रयोग? बता दें कि क्रॉप कटिंग प्रयोग (Crop Cutting Experiment) खेत में 30 वर्गमीटर प्लाट बनाकर उसमें उत्पादित फसल के बीज को लिया जाता है, जिसे 15 दिनों तक सूखने के लिए रखा जाता है. इसके बाद दानों की तौल लेकर उत्पादन की गणना की जाती है. क्रॉप कटिंग प्रयोगों से मिले उत्पादन के आंकडों के आधार पर क्षतिपूर्ति एवं फसल बीमा की राशि की गणना और विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की गणना की जाती है.

चमोलीः जिलाधिकारी हिमांशु खुराना आज गोपेश्वर नगर क्षेत्र के पपडियाणा गांव पहुंचे. जहां उन्होंने धान की फसल (Paddy Crop in Chamoli) पर किए जा रहे क्रॉप कटिंग प्रयोग का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के साथ धान लवाई की यानी फसल भी काटी. साथ ही उन्होंने किसानों की समस्याओं को जाना और उनका निस्तारण करने के निर्देश दिए.

दरअसल, राजस्व विभाग की टीम ने पपडियाणा के कृषक दीपक पंवार के धान के खेत में 30 वर्गमीटर का प्लाट बनाया है. जहां सीसीई एग्री एप के माध्यम से क्रॉप कटिंग का प्रयोग किया गया. जहां निर्धारित आकार के प्लाट में धान की उपज 7.60 किलोग्राम बालियों का उत्पादन मिला है. इस दौरान डीएम हिमांशु खुराना (Chamoli DM Himanshu Khurana) ने खेत का नक्शा, खसरा रजिस्टर आदि भू-अभिलेखों की जांच की. साथ ही काश्तकारों से धान के बीज के बारे में भी जानकारी ली.

DM हिमांशु खुराना ने क्रॉप कटिंग प्रयोग का लिया जायजा.
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चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने कहा कि क्रॉप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जिले में फसलों के औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं. जिससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) का लाभ मिलेगा. वहीं, डीएम खुराना ने किसानों से कृषि एवं अन्य आवश्यक संसाधनों से संबधित समस्याओं और चुनौतियों की जानकारी ली. साथ ही उनके समाधान के लिए सुझाव भी दिए.

क्या होता है क्रॉप कटिंग प्रयोग? बता दें कि क्रॉप कटिंग प्रयोग (Crop Cutting Experiment) खेत में 30 वर्गमीटर प्लाट बनाकर उसमें उत्पादित फसल के बीज को लिया जाता है, जिसे 15 दिनों तक सूखने के लिए रखा जाता है. इसके बाद दानों की तौल लेकर उत्पादन की गणना की जाती है. क्रॉप कटिंग प्रयोगों से मिले उत्पादन के आंकडों के आधार पर क्षतिपूर्ति एवं फसल बीमा की राशि की गणना और विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की गणना की जाती है.

Last Updated : Sep 20, 2022, 7:31 PM IST
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