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Joshimath Cricis Update: माउंट व्यू और मलारी इन होटल पर बुलडोजर चलना जारी

जोशीमठ में माउंट व्यू और मलारी इन होटल तोड़ने का काम जारी है. आज दोनों होटलों को तोड़ने के लिए बुलडोजर चलाया गया. वहीं, 14 नये घरों में दरारें देखी गई है. ऐसे में दरारों वाली घरों की संख्या 863 पहुंच गई है. वहीं, सरकार अब प्रभावित किरायेदारों को भी 50 रुपए सहायता राशि के रूप में दे रही है.

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Published : Jan 22, 2023, 8:53 PM IST

Updated : Jan 22, 2023, 9:45 PM IST

जोशीमठ में होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी.

चमोली: जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से घरों और होटलों में दरारें आ रही है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन इन असुरक्षित होटलों को ढहाने की कार्रवाई कर रहा है. जोशीमठ में माउंट व्यू और मलारी इन होटल को तोड़ने का काम जारी है. सीबीआरआई की टीम की मौजूदगी में दोनों होटलों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया जा रहा.

जोशीमठ शहर में दरार वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 14 और नये भवन इस सूची में जुड़ गए हैं. दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है. वहीं, 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है. ताकि, घर खाली करने के बाद सामान ढुलाई में उनको मदद मिल सके.
ये भी पढ़ें: Joshimath Crisis: जोशीमठ प्रभावितों के विस्थापन की कवायद तेज, DM ने किया चयनित भूमि का निरीक्षण

बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है. एक दिन पहले यहां 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो फिर से बढ़कर 250 एलपीएम दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि जोशीमठ में हो भू धंसाव से पूरे शहर पर खतरा मंडरा रहा है. खतरे की जद में 800 से ज्यादा घर आ चुके हैं. प्रभावितों को दरार वाली घरों से हटा दिया गया है.

वहीं, सरकार की ओर से प्रभावितों का 1.50 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है. वहीं, जोशीमठ भू-धंसाव के पीछे का कारण पता लगाने के लिए विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ में सर्वे कर रही है. जबकि स्थानीय लोग जोशीमठ आपदा के लिए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सुरंग को मान रही है. हालांकि, एनटीपीसी इन आरोपों को बेबुनियाद बता रही है.

बता दें कि जोशीमठ आपदा प्रभावित की हर संभव मदद करना इस समय राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रभावितों के रहने-खाने के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. जहां आपदा प्रभावित परिवारों के सदस्यों के रहने की व्यवस्था होटलों के अलावा राहत शिविरों में की गई है. वहीं, ठंड से बचाने के लिए हीटर, ब्लोअर के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

जानकारी के अनुसार 120 परिवारों को हीटर और ब्लोअर उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा जो लोग होटल में ठहरे हैं, उनके लिए होटल के हीटर-ब्लोअर उपलब्ध हैं. 1082 लीटर दूध, 105 लोगों को इलेक्ट्रिक केतली, 110 लोगों को थर्मल वियर, 175 लोगों को हॉट वॉटर बोतल, 592 लोगों को टोपी, 280 लोगों को मोजे, 213 लोगों को शॉल सहित जरूरत का सामान वितरित किया गया है.

इसी तरह अब तक 842 लोगों को खाद्यान्न किट, 693 को कंबल, 121 लोगों को डेली यूज किट, 48 लोगों को जूते भी दिए गए हैं. प्रभावितों की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है. अब तक कुल 826 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है. इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के मवेशियों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. 72 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और 100 चारा बैग भी वितरित किए गए हैं.

जोशीमठ में आपदा प्रभावित 275 परिवारों के 925 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत राहत शिविरों में रखा गया है. राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहित मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही है. प्रभावित परिवारों को उनकी सुविधा और स्वेच्छा के अनुसार सुरक्षित गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल और धर्मशाला में ठहराया गया है.

जोशीमठ में होटलों को ढहाने की कार्रवाई जारी.

चमोली: जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से घरों और होटलों में दरारें आ रही है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन इन असुरक्षित होटलों को ढहाने की कार्रवाई कर रहा है. जोशीमठ में माउंट व्यू और मलारी इन होटल को तोड़ने का काम जारी है. सीबीआरआई की टीम की मौजूदगी में दोनों होटलों को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया जा रहा.

जोशीमठ शहर में दरार वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 14 और नये भवन इस सूची में जुड़ गए हैं. दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर अब 863 हो गई है. वहीं, 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है. ताकि, घर खाली करने के बाद सामान ढुलाई में उनको मदद मिल सके.
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बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है. एक दिन पहले यहां 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो फिर से बढ़कर 250 एलपीएम दर्ज किया गया है. गौरतलब है कि जोशीमठ में हो भू धंसाव से पूरे शहर पर खतरा मंडरा रहा है. खतरे की जद में 800 से ज्यादा घर आ चुके हैं. प्रभावितों को दरार वाली घरों से हटा दिया गया है.

वहीं, सरकार की ओर से प्रभावितों का 1.50 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जा रही है. वहीं, जोशीमठ भू-धंसाव के पीछे का कारण पता लगाने के लिए विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ में सर्वे कर रही है. जबकि स्थानीय लोग जोशीमठ आपदा के लिए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सुरंग को मान रही है. हालांकि, एनटीपीसी इन आरोपों को बेबुनियाद बता रही है.

बता दें कि जोशीमठ आपदा प्रभावित की हर संभव मदद करना इस समय राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रभावितों के रहने-खाने के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. जहां आपदा प्रभावित परिवारों के सदस्यों के रहने की व्यवस्था होटलों के अलावा राहत शिविरों में की गई है. वहीं, ठंड से बचाने के लिए हीटर, ब्लोअर के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.

जानकारी के अनुसार 120 परिवारों को हीटर और ब्लोअर उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा जो लोग होटल में ठहरे हैं, उनके लिए होटल के हीटर-ब्लोअर उपलब्ध हैं. 1082 लीटर दूध, 105 लोगों को इलेक्ट्रिक केतली, 110 लोगों को थर्मल वियर, 175 लोगों को हॉट वॉटर बोतल, 592 लोगों को टोपी, 280 लोगों को मोजे, 213 लोगों को शॉल सहित जरूरत का सामान वितरित किया गया है.

इसी तरह अब तक 842 लोगों को खाद्यान्न किट, 693 को कंबल, 121 लोगों को डेली यूज किट, 48 लोगों को जूते भी दिए गए हैं. प्रभावितों की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है. अब तक कुल 826 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई है. इसके साथ ही स्थानीय निवासियों के मवेशियों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. 72 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और 100 चारा बैग भी वितरित किए गए हैं.

जोशीमठ में आपदा प्रभावित 275 परिवारों के 925 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत राहत शिविरों में रखा गया है. राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, चिकित्सा सहित मूलभूत सुविधाएं प्रभावितों को उपलब्ध कराई जा रही है. प्रभावित परिवारों को उनकी सुविधा और स्वेच्छा के अनुसार सुरक्षित गेस्ट हाउस, होटल, स्कूल और धर्मशाला में ठहराया गया है.

Last Updated : Jan 22, 2023, 9:45 PM IST
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