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ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर पागल नाले के पास मलबे में फंसी बस

चमोली में लगातार हो रही बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग टंगड़ी गांव के पास पागल नाले में मलबा आने से बाधित हो गया.

Badrinath Highway
बदरीनाथ हाईवे बंद
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Published : Aug 13, 2021, 8:56 AM IST

Updated : Aug 13, 2021, 9:56 AM IST

चमोली: प्रदेश में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, चमोली में लगातार हो रही बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग टंगड़ी गांव के पास पागल नाले में मलबा आने से बाधित हो गया है. वहीं, नाले में आए मलबे में एक रोडवेज की बस भी फंस गई. जिसके विभागीय कर्मचारियों ने घंटों की मशक्कत के बाद जेसीबी मशीन की मदद से बाहर निकाल लिया गया.

टंगणी गांव के पास इस नाले में आये दिन मलबा आ रहा है,जिससे हाईवे पर सफर कर रहे लोगों को खासी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है. हाईवे बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है. जोशीमठ से हरिद्वार जा रही उत्तराखंड परिवहन विभाग की रोडवेज बस मलबे में फंस गई. जिसे मलबे से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. हाईवे पर आवाजाही करने वाले लोग सुबह से ही सड़क खुलने का इंतजार कर रहे थे. वहीं, अब विभागीय टीम ने पागल नाले के पास मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया है. साथ ही जेसीबी मशीन की मदद से मलबे में फंसी बस को बाहर निकाल लिया गया है.

बदरीनाथ हाईवे पागल नाले में बाधित.

वहीं, चमोली जनपद में अभी भी दो दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग बंद चल रहे हैं. वहीं नीती घाटी को जोड़ने वाले बॉर्डर रोड को तमक के पास बीआरओ के द्वारा सेना और अन्य वाहनों की अवाजाही के लिए खोल दिया गया है.

बता दें कि ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ियों का दरकना लगातार जारी है. इस मार्ग पर देवप्रयाग, तीन धारा, तोताघाटी और शिव मूर्ति ऐसे नए भूस्खलन जोन बने हैं, जो कभी भी दरक जाते हैं, जिससे मार्ग तो बंद हो ही जाता है, लोगों की जान भी आफत में फंसी रहती है. कब कोई पत्थर किसी की जान ले ले, कुछ कहा नहीं जा सकता है. हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर मनोज सुंदरियाल की जान ऐसे ही पहाड़ी से गिरने वाले पत्थरों ने ले ली थी.

पढ़ें-उत्तरकाशी के बग्याल गांव में पड़ी दरारें, दहशत में ग्रामीण

वहीं, इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अधिशासी अभियंता बीएल द्विवेदी का कहना है कि पहाड़ी से मलबा आने के बाद विभाग की पूरी कोशिश रहती है कि मार्ग को जल्द से जल्द खोल दिया जाए. उन्होंने कहा कि मार्ग पर होने वाले भूस्खलन जोन पर ट्रीटमेंट का कार्य टीएचडीसी का है. टीएचडीसी को ही इसका आकलन करना होता है.

हालांकि, नए भूस्खलन जोन्स का जियोलॉजिकल सर्वे जारी है. सड़क परिवहन मंत्रालय का अप्रूवल मिलते ही भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट का कार्य शुरू किया जाएगा. ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे-58 को गढ़वाल की लाइफ लाइन कहा जाता है. ये राष्ट्रीय राजमार्ग टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है. इसी हाईवे पर व्यासी, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, जोशीमठ, विष्णुप्रयाग और बदरीनाथ धाम समेत माणा गांव आते हैं.

चमोली: प्रदेश में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, चमोली में लगातार हो रही बारिश के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग टंगड़ी गांव के पास पागल नाले में मलबा आने से बाधित हो गया है. वहीं, नाले में आए मलबे में एक रोडवेज की बस भी फंस गई. जिसके विभागीय कर्मचारियों ने घंटों की मशक्कत के बाद जेसीबी मशीन की मदद से बाहर निकाल लिया गया.

टंगणी गांव के पास इस नाले में आये दिन मलबा आ रहा है,जिससे हाईवे पर सफर कर रहे लोगों को खासी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है. हाईवे बंद होने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई है. जोशीमठ से हरिद्वार जा रही उत्तराखंड परिवहन विभाग की रोडवेज बस मलबे में फंस गई. जिसे मलबे से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. हाईवे पर आवाजाही करने वाले लोग सुबह से ही सड़क खुलने का इंतजार कर रहे थे. वहीं, अब विभागीय टीम ने पागल नाले के पास मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया है. साथ ही जेसीबी मशीन की मदद से मलबे में फंसी बस को बाहर निकाल लिया गया है.

बदरीनाथ हाईवे पागल नाले में बाधित.

वहीं, चमोली जनपद में अभी भी दो दर्जन से अधिक संपर्क मार्ग बंद चल रहे हैं. वहीं नीती घाटी को जोड़ने वाले बॉर्डर रोड को तमक के पास बीआरओ के द्वारा सेना और अन्य वाहनों की अवाजाही के लिए खोल दिया गया है.

बता दें कि ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ियों का दरकना लगातार जारी है. इस मार्ग पर देवप्रयाग, तीन धारा, तोताघाटी और शिव मूर्ति ऐसे नए भूस्खलन जोन बने हैं, जो कभी भी दरक जाते हैं, जिससे मार्ग तो बंद हो ही जाता है, लोगों की जान भी आफत में फंसी रहती है. कब कोई पत्थर किसी की जान ले ले, कुछ कहा नहीं जा सकता है. हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर मनोज सुंदरियाल की जान ऐसे ही पहाड़ी से गिरने वाले पत्थरों ने ले ली थी.

पढ़ें-उत्तरकाशी के बग्याल गांव में पड़ी दरारें, दहशत में ग्रामीण

वहीं, इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अधिशासी अभियंता बीएल द्विवेदी का कहना है कि पहाड़ी से मलबा आने के बाद विभाग की पूरी कोशिश रहती है कि मार्ग को जल्द से जल्द खोल दिया जाए. उन्होंने कहा कि मार्ग पर होने वाले भूस्खलन जोन पर ट्रीटमेंट का कार्य टीएचडीसी का है. टीएचडीसी को ही इसका आकलन करना होता है.

हालांकि, नए भूस्खलन जोन्स का जियोलॉजिकल सर्वे जारी है. सड़क परिवहन मंत्रालय का अप्रूवल मिलते ही भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट का कार्य शुरू किया जाएगा. ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे-58 को गढ़वाल की लाइफ लाइन कहा जाता है. ये राष्ट्रीय राजमार्ग टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है. इसी हाईवे पर व्यासी, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, चमोली, जोशीमठ, विष्णुप्रयाग और बदरीनाथ धाम समेत माणा गांव आते हैं.

Last Updated : Aug 13, 2021, 9:56 AM IST
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