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दून ISBT पर सालों से बंद है स्लाइडिंग रैम्प, वृद्ध और विकलांगों को हो रही परेशानी - dehradun isbt

देहरादून के आईएसबीटी पर बनाया गया रैम्प कई सालों से बंद पड़ा है. जिसके चलते पर वृद्ध और विकलांग लोगों को आईएसबीटी में आने-जाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दून आईएसबीटी पर बंद है रैम्प.
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Published : Jun 21, 2019, 10:45 PM IST

देहरादून: पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्टेशनों पर वृद्ध और विकलांगों के चलने के लिए रैम्प की व्यवस्था हमेशा रहती है. लेकिन देहरादून के आईएसबीटी पर बनाया गया रैम्प कई सालों से बंद पड़ा है. जिसके चलते वृद्ध और विकलांग लोगों को आईएसबीटी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि आईएसबीटी की देख रेख का जिम्मा संभाल रही रैमकी कंपनी की ओर से इस रैम्प से गुजरने का रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इस रैम्प से कोई भी व्यक्ति न गुजर पाए, इसके लिए इस रैम्प को एक लोहे के बड़े पाइप की मदद से बंद कर दिया गया है. जिसके चलते मुख्य पार्किंग की ओर से आईएसबीटी में प्रवेश करने में वृद्ध और विकलांग लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दून आईएसबीटी पर बंद है रैम्प.

पढ़ें: चमकी बुखार को लेकर अलर्ट पर उत्तराखंड, एहतियातन सीएम त्रिवेंद्र ने जारी किए आदेश

वहीं, इस मामले में रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज रिटायर्ड मेजर बी.एस नेगी ने कहा कि रैम्प को बंद करने का मुख्य कारण यह था कि कई लोग इस रैम्प की मद्द से अपने दोपहिया वाहनों को आईएसबीटी के अंदर लेकर पहुंचने लगे थे. ऐसे में जब कई बार समझाने के बावजूद भी लोग नहीं माने तो मजबूरन उन्हें इस रैम्प को बंद करवाना पड़ा.

देहरादून: पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्टेशनों पर वृद्ध और विकलांगों के चलने के लिए रैम्प की व्यवस्था हमेशा रहती है. लेकिन देहरादून के आईएसबीटी पर बनाया गया रैम्प कई सालों से बंद पड़ा है. जिसके चलते वृद्ध और विकलांग लोगों को आईएसबीटी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि आईएसबीटी की देख रेख का जिम्मा संभाल रही रैमकी कंपनी की ओर से इस रैम्प से गुजरने का रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इस रैम्प से कोई भी व्यक्ति न गुजर पाए, इसके लिए इस रैम्प को एक लोहे के बड़े पाइप की मदद से बंद कर दिया गया है. जिसके चलते मुख्य पार्किंग की ओर से आईएसबीटी में प्रवेश करने में वृद्ध और विकलांग लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दून आईएसबीटी पर बंद है रैम्प.

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वहीं, इस मामले में रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज रिटायर्ड मेजर बी.एस नेगी ने कहा कि रैम्प को बंद करने का मुख्य कारण यह था कि कई लोग इस रैम्प की मद्द से अपने दोपहिया वाहनों को आईएसबीटी के अंदर लेकर पहुंचने लगे थे. ऐसे में जब कई बार समझाने के बावजूद भी लोग नहीं माने तो मजबूरन उन्हें इस रैम्प को बंद करवाना पड़ा.

Intro:Desk please check the visuals send from livU.

Folder Name- ISBT Dehradun

देहरादून- चाहे रेलवे स्टेशन हो , बस अड्डा हो, या फिर एयरपोर्ट किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्टेशन में आपने बुजुर्गों और विकलांगों के चलने के लिए अलग से रेम्प की व्यवस्था जरूर देखी होगी । लेकिन यदि हम बात राजधानी देहरादून के ISBT( Inter State Bus Terminal) की करें तो यहां आईएसबीटी में बुजुर्गों और विकलांगों के चलने के लिए रेम्प का निर्माण तो जरूर किया गया है । लेकिन बीते कई सालों से यह रेम्प किसी बुजुर्ग या विकलांग के कोई काम नही आ पा रहा है ।

यहां आप जरूर सोच रहे होंगे कि आखिर जब ISBT में रेम्प बना हुआ है तो इसका इस्तेमाल क्यों नही हो पा रहा? दरअसल ISBT की देख रेख का ज़िम्मा सम्हाल रही रैमकी कंपनी की ओर से इस रेम्प से गुज़रने का रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है । इस रेम्प से कोई भी व्यक्ति न गुज़र पाए इसके लिए इस रेम्प को एक लोहे के बड़े पाइप की मदद से बन्द कर दिया गया है । ऐसे में वर्तमान में आईएसबीटी की मुख्य पार्किंग की ओर से आईएसबीटी में प्रवेश करने वाले बुजुर्ग और विकलांग जनों को ISBT मुख्य बस अड्डे तक पहुचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।




Body:रेम्प बंद किए जाने के विषय में जब हमने रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट इंचार्ज रिटायर्ड मेजर बी.एस नेगी से बात की तो उन्होंने ईटीवी भारत के सामने खुलकर अपनी समस्या रखी । बतौर मेजर नेगी इस रेम्प को बंद करने का सबसे मुख्य कारण यह था कि कई लोग इस रेम्प की मद्द से अपने दोपहिया वाहनों को आईएसबीटी बस अड्डे के अंदर लेकर पहुँचने लगे थे । ऐसे में जब कई बार समझाने के बावजूद भी लोग नही माने तो मजबूरन उन्हें इस रेम्प को बंद करवाना पड़ा ।

गौरतलब है कि जब इस दौरान हमने प्रोजेक्ट इंचार्ज बीएस नेगी को सालों से रैम्प बन्द होने की वजह से विकलांगों और बुजुर्गों को आ रही दिक्कतों से रूबरू कराया तो उन्होंने हमें आश्वस्त किया कि वह जल्द की इस रेम्प को खुलवाएंगे । इसके अवाला कोई भी व्यक्ति प्लेटफॉर्म तक अपने दो पहिया वाहन को न ले जा पाए इसके लिए रेम्प के दोनो तरफ दीवार बना तक रेम्प को संकरा कर दिया जाएगा ।









Conclusion:बरहाल रैमकी के प्रोजेक्ट इंचार्ज मेज़र नेगी को जब हमने आम जनता की समस्याओं से रूबरू करवाया तो उन्होंने हमें रैम्प को जल्द से जल्द खुलवाने का आश्वासन दिया । ऐसे में अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक अब इस रैम्प को बुजुर्गों और विकलांगों के लिए खोला जाता है।
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