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दलित युवक मौत मामलाः अनुसूचित आयोग ने टिहरी प्रशासन को किया तलब, दिल्ली में होगी सुनवाई

कोट गांव में दलित युवक की पिटाई से हुई मौत के मामले की सुनवाई अब 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली में होगी.आयोग ने मुख्यसचिव और डीजीपी को तलब करने के बाद अब टिहरी प्रशासन से भी जवाब मांगा है.

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Published : May 9, 2019, 10:13 PM IST

दलित युवक मौत मामला

देहरादूनः टिहरी जिले के कोट गांव में पिछले महीने शादी समारोह में हुए विवाद और दलित युवक की पिटाई से हुई मौत के मामले की सुनवाई 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली में होगी. उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग इस मामले पर गंभीर नजर आ रहा है. इस संबंध में टिहरी एसएसपी को पत्र भेज जांच रिपोर्ट मांगी गई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, दिल्ली ने मुख्यसचिव और डीजीपी को तलब करने के बाद अब टिहरी प्रशासन को भी तलब किया है.

दलित युवक की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने टिहरी प्रशासन को तलब किया है.

इसके साथ ही राष्ट्रीय आयोग के सदस्य ने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा की इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. देहरादून पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ. स्वराज विद्वान ने बताया कि आयोग मामले को लेकर बेहद संवदेनशील है और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण मामला है.

जब 25 तारीख को घटना हुई थी तो पुलिस ने 29 तारीख को रिपोर्ट क्यों लिखी, जबकि लगातार पीड़ित परिवार कैम्पटी थाने का चक्कर लगाकर न्याय की गुहार लगा रहा था. बावजूद इसके उस थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गयी. आयोग चाहता है कि आगे अगर ऐसी कोई घटना होती है तो तत्काल प्रभाव से पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज की जाए और अगर पुलिस तत्काल प्रभाव इस पर कार्रवाई करती तो यह मामला इतना बड़ा नहीं होता, लेकिन इस घटना में पुलिस ने बहुत टालमटोल किया है.


पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी भी नहीं होनी चाहिए. इस घटना से जुड़े सभी तथ्यों को मांगा गया है कि अभी तक प्रशासन ने क्या-क्या किया है, कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, कितना मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया गया है, कितना मुआवजा देना अभी भी बचा हुआ है, प्रशासन पीड़ित परिवार के लिए क्या कर रहा है और इस घटना का मुख्य आरोपी कौन है.

यह भी पढ़ेंः कुमाऊं मंडल में वनाग्नि के 223 मामले आए सामने, वन विभाग कर रहा 'इंद्र देव' का इंतजार

इस बात को लेकर प्रशासन को तलब किया गया है और 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग, दिल्ली में इस मामले की सुनवाई की जाएगी.

देहरादूनः टिहरी जिले के कोट गांव में पिछले महीने शादी समारोह में हुए विवाद और दलित युवक की पिटाई से हुई मौत के मामले की सुनवाई 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली में होगी. उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग इस मामले पर गंभीर नजर आ रहा है. इस संबंध में टिहरी एसएसपी को पत्र भेज जांच रिपोर्ट मांगी गई है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, दिल्ली ने मुख्यसचिव और डीजीपी को तलब करने के बाद अब टिहरी प्रशासन को भी तलब किया है.

दलित युवक की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने टिहरी प्रशासन को तलब किया है.

इसके साथ ही राष्ट्रीय आयोग के सदस्य ने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा की इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. देहरादून पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ. स्वराज विद्वान ने बताया कि आयोग मामले को लेकर बेहद संवदेनशील है और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण मामला है.

जब 25 तारीख को घटना हुई थी तो पुलिस ने 29 तारीख को रिपोर्ट क्यों लिखी, जबकि लगातार पीड़ित परिवार कैम्पटी थाने का चक्कर लगाकर न्याय की गुहार लगा रहा था. बावजूद इसके उस थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गयी. आयोग चाहता है कि आगे अगर ऐसी कोई घटना होती है तो तत्काल प्रभाव से पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज की जाए और अगर पुलिस तत्काल प्रभाव इस पर कार्रवाई करती तो यह मामला इतना बड़ा नहीं होता, लेकिन इस घटना में पुलिस ने बहुत टालमटोल किया है.


पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी भी नहीं होनी चाहिए. इस घटना से जुड़े सभी तथ्यों को मांगा गया है कि अभी तक प्रशासन ने क्या-क्या किया है, कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, कितना मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया गया है, कितना मुआवजा देना अभी भी बचा हुआ है, प्रशासन पीड़ित परिवार के लिए क्या कर रहा है और इस घटना का मुख्य आरोपी कौन है.

यह भी पढ़ेंः कुमाऊं मंडल में वनाग्नि के 223 मामले आए सामने, वन विभाग कर रहा 'इंद्र देव' का इंतजार

इस बात को लेकर प्रशासन को तलब किया गया है और 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग, दिल्ली में इस मामले की सुनवाई की जाएगी.

Intro:Note - फीड FTP से भेजी गई है.....(UK_DDN_09 May 2019_Dalit Mamla_Rohit Soni_7205803)

टिहरी जिले के कोट गांव में पिछले महीने शादी समारोह में हुए विवाद और दलित युवक की पिटाई से हुई मौत के मामले की सुनवाई 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली में होगी। हालांकि जहा एक तरफ उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग इस मामले पर गंभीर नज़र आ रहा है और टिहरी एसएसपी को पत्र भेज जाँच रिपोर्ट मांगी है। तो वही दूसरी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, दिल्ली ने मुख्यसचिव और डीजीपी को तालाब करने के बाद अब टिहरी प्रशासन को तलब किया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय आयोग सदस्य ने पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा की इस प्रकार की घटनाओ की पुनर्वृति नहीं होनी चाहिए।   


Body:देहरादून पहुंची राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ. स्वराज विद्वान ने बताया कि आयोग मामले को लेकर बेहद संवदेनशील है, और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण मामला है। जब 25 तारीख को घटना हुई थी तो पुलिस ने 29 तारीख को रिपोर्ट क्यों लिखी, जब लगातार पीड़ित परिवार कम्पटी थाने का चक्कर लगाकर न्याय की गुहार लगा रही थी। बावजूद इसके उस थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी गयी। आयोग चाहता है कि आगे अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो तत्काल प्रभाव से पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज की जाए। और अगर पुलिस तत्काल प्रभाव इस पर कार्रवाई करती तो यह मामला इतना बड़ा नहीं होता।  लेकिन इस घटना में पुलिस ने बहुत टालमटोल किया है। 


साथ ही कहा कि पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी भी नहीं होनी चाहिए। और इस घटना से जुड़ी सभी रिपोर्टों को मांगा गया है कि अभी तक प्रशासन ने क्या-क्या किया है,   कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है, कितना मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया गया है, कितना मुआवजा देना अभी भी बचा हुआ है, प्रशासन पीड़ित परिवार के लिए क्या कर रहा है, और इस घटना का मुख्य आरोपी कौन है इस बात को लेकर प्रशासन को तलब किया गया है और 15 मई को राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग, दिल्ली में इस मामले की सुनवाई की जाएगी।

बाइट - स्वराज विद्वान (सदस्य, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग)




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