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प्रधान संघ ने किया पंचायती राज एक्ट में संशोधन का विरोध, जा सकते हैं कोर्ट - पंचायती चुनाव में किए गए संशोधन '

प्रधान संगठन ने पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का पुरजोर विरोध किया है. संगठन का कहना है कि सरकार ने ये फैसला जल्दबाजी में लिया है.

प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी.
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Published : Jul 3, 2019, 10:57 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का प्रधान संगठन ने विरोध किया है. प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है. अगर सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती तो प्रधान संगठन इस मसले पर विधिक राय लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है.

दरअसल, राज्य सरकार ने नया बिल लाकर दो से ज्यादा बच्चे वालों को चुनाव लड़ने से वंचित रखा है. साथ ही नए विधेयक के अनुसार दसवीं पास ही पंचायती चुनाव लड़ पाएंगे. ऐसे में प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी ने कहा कि सरकार ने पहले आश्वासन दिया था कि जब यह अधिनियम लाया जाएगा तो उसमें 300 दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति की तीसरी संतान होती है तो वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो जाएगा.

प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी.

पढ़ें: कुमाऊं दौरे पर कांग्रेस के दिग्गज नेता, कार्यकर्ताओं में भर रहे जोश

रितेश ने कहा कि गांवों में अक्सर चार सौ से लेकर पांच सौ परिवार निवास करते हैं. उनमें से एक या दो परिवार ही चुनाव लड़ते हैं. ऐसे में उन पर यह नियम जबरन थोपा जा रहा है. सरकार को यदि वास्तव में जनसंख्या नियंत्रित करना था तो यह नियम प्रत्येक परिवार के लिए लागू होना चाहिए था. साथ ही आठवीं व दसवीं पास की बाध्यता भी सरकार जबरन थोप रही है. दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर वैसे ही गिरा हुआ है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा पंचायती राज एक्ट में किए गए संशोधन का प्रधान संगठन ने विरोध किया है. प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है. अगर सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती तो प्रधान संगठन इस मसले पर विधिक राय लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है.

दरअसल, राज्य सरकार ने नया बिल लाकर दो से ज्यादा बच्चे वालों को चुनाव लड़ने से वंचित रखा है. साथ ही नए विधेयक के अनुसार दसवीं पास ही पंचायती चुनाव लड़ पाएंगे. ऐसे में प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी ने कहा कि सरकार ने पहले आश्वासन दिया था कि जब यह अधिनियम लाया जाएगा तो उसमें 300 दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति की तीसरी संतान होती है तो वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो जाएगा.

प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी.

पढ़ें: कुमाऊं दौरे पर कांग्रेस के दिग्गज नेता, कार्यकर्ताओं में भर रहे जोश

रितेश ने कहा कि गांवों में अक्सर चार सौ से लेकर पांच सौ परिवार निवास करते हैं. उनमें से एक या दो परिवार ही चुनाव लड़ते हैं. ऐसे में उन पर यह नियम जबरन थोपा जा रहा है. सरकार को यदि वास्तव में जनसंख्या नियंत्रित करना था तो यह नियम प्रत्येक परिवार के लिए लागू होना चाहिए था. साथ ही आठवीं व दसवीं पास की बाध्यता भी सरकार जबरन थोप रही है. दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर वैसे ही गिरा हुआ है.

Intro: दो से अधिक बच्चे होने पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवारी से वंचित करने वाला विधेयक सदन में पास हो जाने के बाद प्रदेश में इसका विरोध भी शुरू हो गया है, पंचायत चुनाव में अभी तक शैक्षिक योग्यता की भी कोई शर्त नहीं थी अब पंचायत चुनाव लड़ने के लिए आठवीं और दसवीं पास होना जरूरी है ,ऐसे में प्रधान संगठन ने सरकार के इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है।
summary- पंचायत राज एक्ट में संशोधन के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जहां एक्ट का विरोध कर रही है तो वहीं प्रधान संगठन ने भी इस मसले पर अपने तेवर तेज कर दी हैं प्रधान संगठन ने साफ किया है कि अगर सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो प्रधान संगठन इस मसले पर विधिक राय लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकता है।


Body:प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रधान संगठन के महामंत्री रितेश जोशी ने कहा कि सरकार द्वारा यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है पहले सरकार ने आश्वासन दिया था कि जब यह अधिनियम लाया जाएगा तो उसमें 300 दिन का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा, ऐसे में यदि किसी व्यक्ति की तीसरी संतान होती है तो वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो जाएगा। गांवों में अक्सर चार सौ से लेकर पाँच सौ परिवार निवास करते हैं, उनमें से एक या दो परिवार ही चुनाव लड़ते हैं, ऐसे में उन पर यह नियम जबरन थोपे जा रहे हैं। सरकार को यदि वास्तव में जनसंख्या नियंत्रित करनी थी तो यह नियम प्रत्येक परिवार के लिए लागू होना चाहिए था, यदि कोई व्यक्ति पंचायत प्रतिनिधि या फिर नौकरी या व्यवसाय करता हो उसकी दो ही संताने होनी चाहिए, और अगर उस व्यक्ति के 3 बच्चे होंगे तो वो अयोग्य घोषित किया जाएगा,इसका प्रधान संगठन स्वागत करेगा। इसके साथ ही आठवीं व दसवीं पास की बाध्यता भी सरकार जबरन थोप रही है, क्योंकि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर वैसे ही गिरा हुआ है ,जहां पर पांचवी तक के स्कूल संचालन करने की भी सही प्रकार से व्यवस्था नहीं है ।ऐसे मे सर्वप्रथम सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाये, ऐसे में प्रधान संगठन शिक्षा की बाध्यता का भी विरोध कर रहा है।
बाईट-रितेश जोशी, महामंत्री ,प्रधान संगठन


Conclusion:पंचायत राज एक्ट के विरोध में जहां विपक्षी पार्टी कांग्रेस सरकार पर शिक्षा और बच्चों की पाबंदी लगाये जाने के फैसले का विरोध कर रही है तो वहीं प्रधान संगठन भी इस मामले में आक्रमक नजर आ रहा है। संगठन के सदस्यों का कहना है कि यदि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करती है तो प्रधान संगठन इसका स्वागत करता है और सरकार से मांग करता है कि इस नियम को सही तरीके से लाया जाए और यदि सरकार प्रधान संगठन की मांग को अनसुना करती है तो इसमें विधिक राय लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है
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