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मी टू मामला: भाजपा नेता की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, पीड़िता ने DG से की निष्पक्ष जांच कराने की मांग

बहुचर्चित मी टू मामले में पुलिस ने 15 मई को यौन उत्पीड़न की धारा में चार्जशीट दाखिल की थी. पीड़िता ने कहा कि पुलिस की एसएसएल रिपोर्ट के अनुसार संजय कुमार के मोबाइल से डाटा उड़ाने की पुष्टि भी नहीं हो पाई थी. साथ ही पीड़िता ने बताया की संजय कुमार प्रदेश के एक मंत्री की बेटी की शादी में शामिल हुए थे. जिसके आधार पर पुलिस ने विवेचना में दुष्कर्म की धारा हटा दी थी. पीड़िता ने महानिदेशक को लिखे गये शिकायत पत्र में पुलिस का कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये हैं.

मी टू मामले में पीड़िता ने उठाये सवाल.
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Published : Jun 2, 2019, 9:31 PM IST

देहरादून: मी टू मामले में भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार पर दोबारा पुलिस का शिकंजा कसा जा सकता है. पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत दी है. जिसमें पीड़िता ने आरोपी संजय कुमार पर लगाई गई धारा 376 हटाए जाने के बारे में लिखा है. साथ ही पीड़िता ने पुलिस पर संजय कुमार को बचाने का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक से मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है.
बहुचर्चित मी टू मामले में पुलिस ने 15 मई को यौन उत्पीड़न की धारा में चार्जशीट दाखिल की थी. पीड़िता ने कहा कि पुलिस की एसएसएल रिपोर्ट के अनुसार संजय कुमार के मोबाइल से डाटा उड़ाने की पुष्टि भी नहीं हो पाई थी. साथ ही पीड़िता ने बताया की संजय कुमार प्रदेश के एक मंत्री की बेटी की शादी में शामिल हुए थे. जिसके आधार पर पुलिस ने विवेचना में दुष्कर्म की धारा हटा दी थी. पीड़िता ने महानिदेशक को लिखे गये शिकायत पत्र में पुलिस का कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये हैं.

दरअसल, 2 नवंबर को भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार पर अश्लील मैसेज भेजने और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जिसके बाद 11 नवंबर 2018 को पीड़िता की तरफ से तहरीर मिलने के बाद एसपी देहात सरिता गोपाल को जांच सौंपी गई थी. जांच में भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री पर नगर कोतवाली में यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा नेता संजय कुमार हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले आये थे. जिसके बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्ज कराये थे. पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में धारा 376 को बढ़ा दी थी. लेकिन कुछ दिनों पहले पुलिस ने संजय कुमार पर लगी धारा 376 हटा दी थी. जिसके बाद पीड़िता ने महानिदेशक को लिखित शिकायत देकर मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.

देहरादून: मी टू मामले में भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री संजय कुमार पर दोबारा पुलिस का शिकंजा कसा जा सकता है. पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत दी है. जिसमें पीड़िता ने आरोपी संजय कुमार पर लगाई गई धारा 376 हटाए जाने के बारे में लिखा है. साथ ही पीड़िता ने पुलिस पर संजय कुमार को बचाने का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक से मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है.
बहुचर्चित मी टू मामले में पुलिस ने 15 मई को यौन उत्पीड़न की धारा में चार्जशीट दाखिल की थी. पीड़िता ने कहा कि पुलिस की एसएसएल रिपोर्ट के अनुसार संजय कुमार के मोबाइल से डाटा उड़ाने की पुष्टि भी नहीं हो पाई थी. साथ ही पीड़िता ने बताया की संजय कुमार प्रदेश के एक मंत्री की बेटी की शादी में शामिल हुए थे. जिसके आधार पर पुलिस ने विवेचना में दुष्कर्म की धारा हटा दी थी. पीड़िता ने महानिदेशक को लिखे गये शिकायत पत्र में पुलिस का कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये हैं.

दरअसल, 2 नवंबर को भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार पर अश्लील मैसेज भेजने और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. जिसके बाद 11 नवंबर 2018 को पीड़िता की तरफ से तहरीर मिलने के बाद एसपी देहात सरिता गोपाल को जांच सौंपी गई थी. जांच में भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री पर नगर कोतवाली में यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा नेता संजय कुमार हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले आये थे. जिसके बाद पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्ज कराये थे. पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में धारा 376 को बढ़ा दी थी. लेकिन कुछ दिनों पहले पुलिस ने संजय कुमार पर लगी धारा 376 हटा दी थी. जिसके बाद पीड़िता ने महानिदेशक को लिखित शिकायत देकर मामले में निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.

Intro:मी टू मामले भाजपा के पूर्व सगठन मंत्री सजय कुमार पर दोबारा पुलिस का शिकंजा कसा जा सकता है क्योंकि पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत दी है।आरोपी संजय कुमार देहरादून में नही थे इसलिए विवेचक ने आईपीसी की धारा 376 हटाई गई है।साथ ही आरोप लगाया कि आरोपी का सत्ता से जुड़े होने के कारण पुलिस पहले दिन से आरोपी भाजपा संजय कुमार को बचा रही है।इसलिए पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है।


Body:बहुचर्चित मी टू मामले में पुलिस द्वारा 15 मई को यौन उत्पीड़न की धारा में चार्जसीट दाखिल कर दी थी।पुलिस के अनुसार एसएसएल रिपोर्ट के अनुसार संजय कुमार के मोबाइल से डाटा उड़ाने की पुष्टि भी नहीं हो पाई थी।साथ ही पीड़िता द्वारा बताया के दिन बी संजय कुमार देहरादून से बाहर प्रदेश के एक मंत्री की बेटी की शादी में शामिल हुए थे।जिसके आधार पर पुलिस ने विवेचना में दुष्कर्म की धारा हटा दी गई थी। और उसी दिन से पुलिस की विवेचना पर सवाल उठ रहे थे।

दरअसल 2 नवंबर को भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने प्रदेश महामंत्री संगठन संजय कुमार पर अश्लील मैसेज भेजने और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।और उसके बाद 11 नवंबर 2018 को पीड़ित की तरफ से तहरीर आने के बाद एसपी देहात सरिता गोपाल को जांच सौंपी गई थी।और नगर कोतवाली में यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।मुकदमा दर्ज होने के बाद भाजपा नेता संजय कुमार हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर ले आया था। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्ज कर कराई गई थे।बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में धारा 376 को बढ़ा दिया था।


Conclusion:पुलिस द्वारा संजय कुमार पर धारा 376 हटाने पर पीड़िता ने पुलिस की विवेचना पर ही सवाल उठा दिए है।जिसके चलते पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक को मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए लिखित शिकायत दी।शिकायत में पीड़िता ने नए सिरे से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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