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गांधी रोड पर महिला शौचालय का अभाव, पार्षदों ने बोर्ड की बैठक में उठाया मुद्दा

राजधानी में व्यस्त जगहों पर आज तक महिला शौचालय नहीं बन पाए हैं. जिससे महिलाओं को परेशानी हो रही है. नगर निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

महिला शौचालय
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Published : Mar 1, 2019, 3:00 PM IST

देहरादूनः नगर निगम क्षेत्र के व्यस्त जगहों पर आज तक महिला शौचालय नहीं बन सका. उसी तरह शहर के व्यस्तम रोड में से एक गांधी रोड पर भी महिला शौचालय न होने से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं महिला शौचालय की मांग को लेकर निगम में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक में इस बार पार्षदों ने शौचालय का मुद्दा उठाया जिस पर बोर्ड ने तत्काल अपनी सहमति दे दी है. जल्द ही सभी पार्षद अपने वार्डो की रिपोर्ट देखकर महिला शौचालय बनवाने की अनुमति लेंगे. नगर निगम के व्यस्त जगहों पर महिला शौचालय बनाने की कवायद काफी सालों से चल रही है. कई बार नगर निगम में प्रस्ताव भी गए हैं लेकिन निगम अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर अब तक मंजूरी नहीं दी.

नगर निगम द्वारा शहर में जल्द महिला शौचालय बनाए जाएंगे.

कल हुई बोर्ड बैठक में एक फिर पार्षदों ने महिला शौचालय का मुद्दा उठाया गया और बोर्ड ने तत्काल अपनी सहमति दे दी. सभी पार्षदों को अपने क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार महिला शौचालय बनाने की अनुमति लेंगे. जानकारी के अनुसार नगर निगम से 60 से 70 के लगभग शौचालय बनाने की अनुमति मिली है.

वहीं ज्यादा जानकारी देते हुए नगर आयुक्त ने विनय शंकर पांडे ने बताया कि बोर्ड की बैठक में पार्षदों द्वारा महिला शौचालय का प्रस्ताव आया था और बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया है कि सभी पार्षदों के वार्डों में आवश्यकता अनुसार महिला शौचालय बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सभी पार्षद अपने वार्डों में सर्वे करके निगम में रिपोर्ट भेजेंगे, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

देहरादूनः नगर निगम क्षेत्र के व्यस्त जगहों पर आज तक महिला शौचालय नहीं बन सका. उसी तरह शहर के व्यस्तम रोड में से एक गांधी रोड पर भी महिला शौचालय न होने से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं महिला शौचालय की मांग को लेकर निगम में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन आज तक किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.

गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक में इस बार पार्षदों ने शौचालय का मुद्दा उठाया जिस पर बोर्ड ने तत्काल अपनी सहमति दे दी है. जल्द ही सभी पार्षद अपने वार्डो की रिपोर्ट देखकर महिला शौचालय बनवाने की अनुमति लेंगे. नगर निगम के व्यस्त जगहों पर महिला शौचालय बनाने की कवायद काफी सालों से चल रही है. कई बार नगर निगम में प्रस्ताव भी गए हैं लेकिन निगम अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर अब तक मंजूरी नहीं दी.

नगर निगम द्वारा शहर में जल्द महिला शौचालय बनाए जाएंगे.

कल हुई बोर्ड बैठक में एक फिर पार्षदों ने महिला शौचालय का मुद्दा उठाया गया और बोर्ड ने तत्काल अपनी सहमति दे दी. सभी पार्षदों को अपने क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार महिला शौचालय बनाने की अनुमति लेंगे. जानकारी के अनुसार नगर निगम से 60 से 70 के लगभग शौचालय बनाने की अनुमति मिली है.

वहीं ज्यादा जानकारी देते हुए नगर आयुक्त ने विनय शंकर पांडे ने बताया कि बोर्ड की बैठक में पार्षदों द्वारा महिला शौचालय का प्रस्ताव आया था और बोर्ड द्वारा निर्णय लिया गया है कि सभी पार्षदों के वार्डों में आवश्यकता अनुसार महिला शौचालय बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सभी पार्षद अपने वार्डों में सर्वे करके निगम में रिपोर्ट भेजेंगे, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एंकर- आज भारतीय वायु सेना के शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। भारतीय सेना का इस पराक्रम की गाथा पुरानी है। भारतीय वायु सेना से दून का पुराना नाता रहा है जिसका प्रमाण आज भी देहरादून के रेलवे स्टेशन पर मौजूद हैं।


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आज भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से देश का गौरव बढ़ाया है तो देहरादून की बात करें तो वीर चक्र से सम्मानित दून निवासी विंग कमांडर सुरपति भट्टाचार्य कमांडेंट हसनैन लेफ्टिनेंट विनोद कुमार ने और विंग कमांडर सुबह चंगाई भी एयरपोर्ट में रखकर 54 साल पहले 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान को सबक सिखा चुके हैं। देहरादून के रेलवे स्टेशन पर लगा इन इन तीनों वीरों का शिलापट्ट आज भी उनकी बहादुरी के किस्से याद दिलाता है।दून का सेना से बहुत पुराना नाता रहा है इसी कारण जून को सेना का गढ़ माना जाता है। एयरफोर्स के जांबाजों का जब भी नाम लिया जाता है तो 1965 में दुश्मन देश के छक्के छुड़ाने वाले निवासी वीर सैनिकों का जिक्र जरूर होता है।

विंग कमांडर सुरपति भट्टाचार्य पश्चिमी सेक्टर में एक ऑपरेशनल फाइटर स्कोडर्न के फ्लाइंग कमांडर थे। सन 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में उन्होंने 12 सितंबर 1965 को स्क्वाडर्न की कमान संभाली थी। इस दौरान वो दुश्मन के टैंक, बख्तरबंद वाहनों और सेना की एकाग्रता को नष्ट करने में सफल रहे। इसके चलते 12 सितंबर 1965 को वन्हें वीर चक्र देकर सम्मानित किया गया।

विंग कमांडर सुबोध चन्द मंगाई को भी 10 फरवरी 1962 में वायु सेना में कमीशन किया गया। सन 1965 में सितंबर माह में पाकिस्तान के कलीकुंडा हवाई क्षेत्र में छह कृपाण जेट विमान से हमला किया गया तो फ़्लाइंग ऑफिसर सुबोध ममगाई ने डटकर सामना किया था । वही पूरे युद्ध में अद्भुत वीरता साहस और पराक्रम दिखाने के चलते 7 सितंबर 1965 को उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

इसके साथ ही 4 दिसंबर 1971 के युद्ध में ढाका के परिसर युद्ध को ढाका के परिसर में कुर्मी टोला एयर फील्ड पर हवाई हमला में दुश्मन के वायुयान का सामना कर मार गिराने और पूरे ऑपरेशन में अदम साहस शौर्य और कुशलता परिचय देने के लिए 1972 में उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया

तीनों जवानों के बहादुरी की मिसाल आज भी गर्व से पूरे देश में दी जाती है वही ढूंढ रेलवे स्टेशन में अनाजों के नाम का शिला पक जा बाजो के पराक्रम को दर्शाता है



Conclusion:
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