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दून अस्पताल में एक अदद बेड को तरस रहे मरीज, फर्श पर लिटाकर हो रहा इलाज

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Published : Apr 15, 2019, 6:43 PM IST

दून मेडिकल कॉलेज में ना सिर्फ देहरादून के बल्कि पर्वतीय जिलों व मैदानी जिलों से भी मरीज अपना इलाज कराने आते हैं, लगातार मरीजों के बढ़ते बोझ से दून मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा रही हैं.

दून अस्पताल

देहरादूनः दून अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है. अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने के बाद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में लगातार प्रशासन की तरफ से सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के आश्वासन ही दिए जाते हैं. वहीं एक मामला इस बार फिर देखने को मिला जहां एक मरीज को बेड न मिलने पर जमीन पर ही अपना इलाज कराना पड़ रहा है.

दून अस्पताल के फर्श पर लेटे लाचार मरीज रविंद्र मित्तल ने मीडिया को बताया कि उसके परिजन इलाज कराने के लिए उसे दून अस्पताल लेकर आए थे, लेकिन 1 हफ्ते से वह दून अस्पताल में ही भर्ती है और अभी तक उसे बेड तक नसीब नहीं हुआ है. उसने कई बार अस्पताल के कर्मचारियों से गुहार लगाई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला.


इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि रविंद्र मित्तल नाम का मरीज इससे पूर्व भी कई बार अपना इलाज कराने यहां आ चुका है. जिसको उसके परिजन लावारिस छोड़ कर चले गए हैं.

फिलहाल उसको अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था. मरीज को पेशाब संबंधी रोग है. चिकित्सकों द्वारा मरीज का इलाज किया जा रहा है, हालांकि उन्होंने कहा कि मरीज को बेड नहीं मिलने की बात उनके संज्ञान में नहीं थी, यदि ऐसा है तो मरीज को जल्द ही बेड उपलब्ध करा दिया जाएगा.


दून मेडिकल कॉलेज में ना सिर्फ देहरादून के बल्कि पर्वतीय जिलों व मैदानी जिलों से भी मरीज अपना इलाज कराने आते हैं, लगातार मरीजों के बढ़ते बोझ से दून मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा रही हैं.

यह भी पढ़ेंः पुलिस की इस रणनीति से नहीं बच पाएंगे अपराधी, SSP ने तैयार किया प्लान

ऐसे में भर्ती मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए.

देहरादूनः दून अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहता है. अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने के बाद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में लगातार प्रशासन की तरफ से सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के आश्वासन ही दिए जाते हैं. वहीं एक मामला इस बार फिर देखने को मिला जहां एक मरीज को बेड न मिलने पर जमीन पर ही अपना इलाज कराना पड़ रहा है.

दून अस्पताल के फर्श पर लेटे लाचार मरीज रविंद्र मित्तल ने मीडिया को बताया कि उसके परिजन इलाज कराने के लिए उसे दून अस्पताल लेकर आए थे, लेकिन 1 हफ्ते से वह दून अस्पताल में ही भर्ती है और अभी तक उसे बेड तक नसीब नहीं हुआ है. उसने कई बार अस्पताल के कर्मचारियों से गुहार लगाई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला.


इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि रविंद्र मित्तल नाम का मरीज इससे पूर्व भी कई बार अपना इलाज कराने यहां आ चुका है. जिसको उसके परिजन लावारिस छोड़ कर चले गए हैं.

फिलहाल उसको अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था. मरीज को पेशाब संबंधी रोग है. चिकित्सकों द्वारा मरीज का इलाज किया जा रहा है, हालांकि उन्होंने कहा कि मरीज को बेड नहीं मिलने की बात उनके संज्ञान में नहीं थी, यदि ऐसा है तो मरीज को जल्द ही बेड उपलब्ध करा दिया जाएगा.


दून मेडिकल कॉलेज में ना सिर्फ देहरादून के बल्कि पर्वतीय जिलों व मैदानी जिलों से भी मरीज अपना इलाज कराने आते हैं, लगातार मरीजों के बढ़ते बोझ से दून मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा रही हैं.

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ऐसे में भर्ती मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए.

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देहरादून का दून अस्पताल हमेशा सुर्खियों में बना रहता है, दून अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित करने के बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है, ऐसे में लगातार प्रशासन की तरफ से सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के आश्वासन ही दिए जाते हैं, वहीं एक मामला इस बार फिर देखने को मिला जहां एक मरीज को बेड न मिलने पर जमीन में ही अपना इलाज कराना पड़ रहा है।


Body:दून अस्पताल के फर्श पर लेटे लाचार मरीज रविंद्र मित्तल ने मीडिया को बताया कि उसके परिजन उसका इलाज कराने के लिए उसे दून अस्पताल लेकर आए थे लेकिन 1 हफ्ते से वह दून अस्पताल में ही भर्ती है मगर अभी तक उसे बैड तक नसीब नहीं हुआ है, उसने कई बार अस्पताल के कर्मचारियों से गुहार लगाई लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

बाईट-रविंद्र मित्तल,लाचार मरीज।

इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एन .एस खत्री का कहना है कि रविंद्र मित्तल नाम का मरीज इससे पूर्व भी कई बार अपना इलाज कराने यहां आ चुका है, जिसको उसके परिजन लावारिस छोड़ कर चले गए हैं फिलहाल उसको अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था मरीज को पेशाब संबंधी रोग है, चिकित्सकों द्वारा मरीज का इलाज किया जा रहा है, हालांकि उन्होंने कहा कि मरीज को बेड नहीं मिलने की बात उनके संज्ञान में नहीं थी, यदि ऐसा है तो मरीज को जल्द ही बेड उपलब्ध करा दिया जाएगा।
बाईट-डॉ एन एस खत्री,डिप्टी सुप्रिडेन्डेन्ट, दून मेडिकल कॉलेज।


Conclusion:दून मेडिकल कॉलेज में ना सिर्फ देहरादून के बल्कि पर्वतीय जिलों व मैदानी जिलों से भी मरीज अपना इलाज कराने आते हैं, लगातार मरीजों के बढ़ते बोझ से दून मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं भी गड़बड़ा रही हैं, ऐसे में भर्ती मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए।
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