देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय में मंगलवार को दिन में तकरीबन चार बजे ATM बिल्डिंग में मौजूद गन्ना चीनी अनुभाग 1 में दीवार का प्लास्टर भरभराकर गिर पड़ा. प्लास्टर के बड़े टुकड़े अनुभाग में कार्यरत मंसाराम सेमवाल की कुर्सी पर गिरे, जिससे कुछ देर के लिए वहां अफरा तफरी मच गई.हालांकि गनीमत ये रही है कि उस वक्त सेमवाल अपनी कुर्सी से थोड़ा दूर खड़े थे.
सचिवालय में हुई इस घटना के बाद कर्मचारियों में खासा रोष देखने को मिला और सचिवालय में फैली तमाम अव्यवस्थाओं के लिए कर्मचारियों ने सचिवालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. पूरे राज्य को सुरक्षित और विकसित करने की जिम्मेदारी रखने वाले सचिवालय की दीवारें कितनी मजबूत हैं और यहां पर काम करने वाले कितने सुरक्षित हैं इसकी तस्वीर मंगलवार को देखने को मिली. जहां सचिवालय के गन्ना और चीनी अनुभाग 1 में दीवार से पलास्टर के बड़े टुकड़े नीचे गिर गये.
सौभाग्यवश जिस कुर्सी पर दीवार से टूटा प्लास्टर का टुकड़ा गिरा उस दौरान मंसाराम सेमवाल अपने टाइपिस्ट से कुछ टाइप करवाने के लिए नजदीक में ही खड़े थे. जिस वजह से वे बाल-बाल बच गए वरना कोई बड़ा हादसा होना तय था.
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अनुभाग अधिकारी सेमवाल का कहना है कि ईश्वर ने उन्हें बचाया है, लेकिन सचिवालय प्रशासन ने उन्हें इस जोखिम में काम करने के लिए मजबूर किया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आने वाला मानसून सीजन के लिहाज से स्थिति और भी खतरनाक है और सचिवालय प्रशासन अभी भी चैन की नींद सो रहा है.
सचिवालय में भरी दुपहरी हुई ऐसे घटना से लम्बे समय से असुविधाओं से जूझ रहे सचिवालय में कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा. जिसके बाद सचिवालय में तमाम व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है.
सचिवालय में मौजूद कार्यालयों में आ रही सीलन की स्थिति, खराब हो रही फाइलों की स्थिति और इतना ही नहीं जर्जर और गंदगी से भरे पड़े शौचालयों से कर्मचारी सालों से परेशान हैं, लेकिन सचिवालय प्रशासन को इसकी सुध नहीं है.
कर्मचारियों की बातों से साफ पता चलता है कि वो तमाम विभाग जिनके ऊपर राज्य की जिम्मेदारी है. इस संबंध में सचिवालय संघ के राकेश जोशी का कहना है कि सचिवालय में फैली ये तमाम अव्यवस्थाओं के पीछे सचिवालय प्रशासन जिम्मेदार है.