देहरादून: केदारनाथ के ऊपरी हिस्से पर स्थित चौराबाड़ी ग्लेशियर में बन रही झील को लेकर तमाम तरह की खबरें सामने आ रहीं हैं. जिसके कारण जिला प्रशासन से लेकर राज्य सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है. चौराबाड़ी ग्लेशियर में बन रही झील के बारे में बोलते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ किया है कि वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार इस मामले में अग्रिम कार्रवाई करेगी.
केदारनाथ में साल 2013 की आपदा के लिए बड़ा कारण बनी चौराबाड़ी झील एक बार फिर से चर्चाओं में है. एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि यहां बनने वाली झील एक बार फिर केदारधाम के लिए खतरा बन सकती है. जिसके बाद से ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है. रिपोर्ट आने के बाद एक बार फिर से वैज्ञानिकों ने इस झील पर अध्ययन शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि ग्लेशियर में कुछ फीट तक पानी भर गया है. जिससे आने वाले समय में केदारनाथ के लिए एक बार फिर खतरा पैदा हो सकता है.
पढ़ें-ऊर्जा के क्षेत्र में उतरा इंडियन ऑयल, 64 लाख की लागत से लगाया सोलर प्लांट
हालांकि कुछ वैज्ञानिकों द्वारा झील का अध्ययन करने के बाद यह बताया गया है कि मौजूदा स्थिति खतरे से बाहर है. वैज्ञानिकों ने बताया कि झील से पानी का रिसाव हो रहा है. यही नहीं झील में मौजूद पानी धाम के लिए कहीं से भी खतरनाक नहीं है. हालांकि वैज्ञानिकों ने झील का लगातार निरीक्षण करते रहने की जरूरत महसूस की गई है.
पढ़ें-बुजुर्ग मां को बेटों ने किया 'अनाथ', भटकते हुए मिला बेटी का साथ
वहीं इस संवेदनशील मुद्दे पर राज्य सरकार भी सजग है. सरकार केदारधाम और चौराबाड़ी ग्लेशियर में होने वाली इस गतिविधि पर पूरी नजर बनाए हुए है. मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड सरकार भी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि रिपोर्ट के आधार पर सरकार समुचित कार्रवाई कर सके. मामले पर बोलते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वे इस मामले में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों की एक टीम चौराबाड़ी ग्लेशियर का अध्ययन कर रही है. जैसे ही वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सामने आएगी राज्य सरकार उसके आधार पर काम करना शुरू कर देगी.