ETV Bharat / state

Bageshwar Uttarayani Fair: गुलदार से भी भिड़ जाता है उत्तराखंड का ये डॉगी, बहादुरी के हैं किस्से - उत्तरायणी मेला

हर साल उत्तरायणी मेले में भोटिया कुत्ते बिकने के लिए पहुंचते हैं, जिनकी काफी मांग रहती है. इस साल मेले में कुत्तों के अच्छे दाम मिलने से व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं. वहीं कुछ व्यापारी व्यापार अच्छा ना होने की बात कह रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 18, 2023, 11:57 AM IST

गुलदार से भी भिड़ जाता है उत्तराखंड का ये डॉगी

बागेश्वर: आज हम आपको ऐसे कुत्ते से रूबरू कराने जा रहे हैं जो गुलदार से भी भिड़ जाता है. अक्सर जिसकी बहादुरी के किस्से पर्वतीय अंचलों में सुनने को मिल जाते हैं. लोग इन कुत्तों को पालने में रुचि भी दिखाते हैं. जिसे सीमांत जनपद में भोटिया कुत्ता कहा जाता है.

कुत्तों की बाजार में रहती है भारी मांग: गौर हो कि उत्तरायणी मेला चरम में चल रहा है. मेला हजारों साल पुराना होने के साथ साथ अपने अस्तित्व को भी बचाए हुए है. इस मेले का धार्मिक रूप होने के साथ साथ व्यापारिक रूप भी है. मेले में तिब्बत व्यापार के समय से चला आ रहा कुत्तों का व्यापार आज भी जारी है. उत्तरायणी मेले में भोटिया प्रजाति के कुत्तों की हर साल मांग रहती है. इस बार भी इस प्रजाति के कुत्तों की खरीदारी के लिए लोग उमड़ रहे हैं. मल्खा डुर्गंचा से कुत्ते लेकर आए तिल राम ने बताया कि उनके पास बेहतरीन नस्ल के कुत्ते अलग-अलग दाम में उपलब्ध हैंं. एक पिल्ले की कीमत साढ़े 5 हजार रुपये से 22 हजार तक है.
पढ़ें-Uttarayani Mela: बागेश्वर उत्तरायणी मेले में लगे राजनीतिक पंडाल, नेताओं ने जनता को किया संबोधित

दामों में भारी बढ़ोत्तरी: बता दें कि भोटिया कुत्तों के लिए पूरे प्रदेश से लोग उत्तरायणी मेले में पहुंचते हैं. भोटिया कुत्तों को उनकी बेजोड़ ताकत और वफादारी के लिए जाना जाता है. कुत्तों के बाजार में इस साल भारी भीड़ नजर आ रही है. मेले के दो साल बाद लगने की वजह से कुत्तों के दामों में भी भारी बढ़ोत्तरी हो रही है. हालांकि कुछ व्यापारी मेले में अच्छे व्यापार की बात तो कुछ खास नहीं बता रहे हैं.

जानिए क्या कह रहे कुत्ते के व्यापारी: व्यापारी महेश आगरी ने बताया कि मेले में वो सालों से आ रहे हैं. उनके पूर्वजों के समय से चल रहे इस कारोबार को आज भी बचाए हुए हैं. मेले में कारोबार कभी अच्छा तो कभी बुरा भी होता है. इस बार काफी अच्छा व्यापार हो रहा है. उन्होंने 18 हजार तक का कुत्ता इस बार बेचा है. भोटिया नस्ल का कुत्ता काफी ईमानदार होता है. इसका हम लोग सालों से संरक्षण करते आ रहे हैं. वहीं महेश चंद्र ने बताया कि पहले के मुकाबले आज कुत्तों का कारोबार काफी अच्छा हुआ है.
पढ़ें-Uttarayani Kautik: विलुप्त हो रही कुमाऊं की बैर भगनौल विधा, हुड़के की थाप जमती पर है महफिल

महेश ने बताया कि वो खुद 10 कुत्ते लाए थे. उनमें से 8 की बिक्री हो चुकी है. रेट भी अच्छे मिल रहे हैं. साथ के कई व्यापारी सारे कुत्ते बेचकर घर भी जा चुके हैं. भोटिया कुत्तों को लेने दूसरे जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं. वहीं व्यापारी चतुर राम ने बताया कि अब मेला पहले जैसा नहीं रह गया है. पहले काफी अच्छा मेला हुआ करता था. आज मेले में वैसी बात नहीं रही. मैं करीब 35 सालों से इस मेले में आ रहा हूं. कोरोना महामारी के दो साल बाद हुए मेले में अच्छा कारोबार नहीं हो रहा है.

गुलदार से भी भिड़ जाता है उत्तराखंड का ये डॉगी

बागेश्वर: आज हम आपको ऐसे कुत्ते से रूबरू कराने जा रहे हैं जो गुलदार से भी भिड़ जाता है. अक्सर जिसकी बहादुरी के किस्से पर्वतीय अंचलों में सुनने को मिल जाते हैं. लोग इन कुत्तों को पालने में रुचि भी दिखाते हैं. जिसे सीमांत जनपद में भोटिया कुत्ता कहा जाता है.

कुत्तों की बाजार में रहती है भारी मांग: गौर हो कि उत्तरायणी मेला चरम में चल रहा है. मेला हजारों साल पुराना होने के साथ साथ अपने अस्तित्व को भी बचाए हुए है. इस मेले का धार्मिक रूप होने के साथ साथ व्यापारिक रूप भी है. मेले में तिब्बत व्यापार के समय से चला आ रहा कुत्तों का व्यापार आज भी जारी है. उत्तरायणी मेले में भोटिया प्रजाति के कुत्तों की हर साल मांग रहती है. इस बार भी इस प्रजाति के कुत्तों की खरीदारी के लिए लोग उमड़ रहे हैं. मल्खा डुर्गंचा से कुत्ते लेकर आए तिल राम ने बताया कि उनके पास बेहतरीन नस्ल के कुत्ते अलग-अलग दाम में उपलब्ध हैंं. एक पिल्ले की कीमत साढ़े 5 हजार रुपये से 22 हजार तक है.
पढ़ें-Uttarayani Mela: बागेश्वर उत्तरायणी मेले में लगे राजनीतिक पंडाल, नेताओं ने जनता को किया संबोधित

दामों में भारी बढ़ोत्तरी: बता दें कि भोटिया कुत्तों के लिए पूरे प्रदेश से लोग उत्तरायणी मेले में पहुंचते हैं. भोटिया कुत्तों को उनकी बेजोड़ ताकत और वफादारी के लिए जाना जाता है. कुत्तों के बाजार में इस साल भारी भीड़ नजर आ रही है. मेले के दो साल बाद लगने की वजह से कुत्तों के दामों में भी भारी बढ़ोत्तरी हो रही है. हालांकि कुछ व्यापारी मेले में अच्छे व्यापार की बात तो कुछ खास नहीं बता रहे हैं.

जानिए क्या कह रहे कुत्ते के व्यापारी: व्यापारी महेश आगरी ने बताया कि मेले में वो सालों से आ रहे हैं. उनके पूर्वजों के समय से चल रहे इस कारोबार को आज भी बचाए हुए हैं. मेले में कारोबार कभी अच्छा तो कभी बुरा भी होता है. इस बार काफी अच्छा व्यापार हो रहा है. उन्होंने 18 हजार तक का कुत्ता इस बार बेचा है. भोटिया नस्ल का कुत्ता काफी ईमानदार होता है. इसका हम लोग सालों से संरक्षण करते आ रहे हैं. वहीं महेश चंद्र ने बताया कि पहले के मुकाबले आज कुत्तों का कारोबार काफी अच्छा हुआ है.
पढ़ें-Uttarayani Kautik: विलुप्त हो रही कुमाऊं की बैर भगनौल विधा, हुड़के की थाप जमती पर है महफिल

महेश ने बताया कि वो खुद 10 कुत्ते लाए थे. उनमें से 8 की बिक्री हो चुकी है. रेट भी अच्छे मिल रहे हैं. साथ के कई व्यापारी सारे कुत्ते बेचकर घर भी जा चुके हैं. भोटिया कुत्तों को लेने दूसरे जिलों से भी लोग पहुंच रहे हैं. वहीं व्यापारी चतुर राम ने बताया कि अब मेला पहले जैसा नहीं रह गया है. पहले काफी अच्छा मेला हुआ करता था. आज मेले में वैसी बात नहीं रही. मैं करीब 35 सालों से इस मेले में आ रहा हूं. कोरोना महामारी के दो साल बाद हुए मेले में अच्छा कारोबार नहीं हो रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.