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बेहाल बागेश्वर जिला अस्पताल! एनेस्थीसिया का डॉक्टर ही नहीं, कैसे होंगे ऑपरेशन? इस्तीफे की चेतावनी

Anesthesiologist in Bageshwar District Hospital सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की लाख दावे करती है, लेकिन हकीकत क्या है ये बागेश्वर जिला अस्पताल को देख कर लगाया जा सकता है. जहां एनेस्थीसिया का डॉक्टर ही नहीं है. ऐसे में मरीजों को रेफर करना पड़ रहा है. अब अस्पताल के डॉक्टरों ने सूरत-ए-हाल को लेकर इस्तीफे की चेतावनी दी है.

Anesthesiologist in Bageshwar District Hospital
बागेश्वर जिला अस्पताल का हाल
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 7, 2024, 3:56 PM IST

Updated : Jan 7, 2024, 7:05 PM IST

एनेस्थीसिया के डॉक्टर का इंतजार

बागेश्वर: बीते 3 महीने से जिला अस्पताल बागेश्वर में बेहोशी यानी एनेस्थीसिया का डॉक्टर ही नहीं हैं. जिसके चलते ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. एक तरफ मरीज तो परेशान हो रही रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में तैनात डॉक्टर भी लाचार नजर आ रहे हैं. सर्जन गिरिजा शंकर जोशी और डॉक्टर आशीष ने एक हफ्ते के भीतर एनेस्थीसिया डॉक्टर की तैनाती की मांग की है. साथ ही डॉक्टर की तैनाती न होने पर धरना प्रदर्शन के साथ ही अपने पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है.

Anesthesiologist in Bageshwar District Hospital
इलाज कराने पहुंची बच्ची

3 महीने से एनेस्थीसिया का डॉक्टर नहीं, ऐसे सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था: बागेश्वर जिला अस्पताल के सर्जन गिरिजा शंकर जोशी और डॉक्टर आशीष का कहना है कि एनेस्थीसिया को लेकर लगातार उच्चाधिकारियों से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. बीते 3 महीने से बेहोशी का डॉक्टर यानी एनेस्थिसियोलॉजिस्ट नहीं है. जिसके चलते ऑपरेशन करने में दिक्कतें आ रही है. खासकर सड़क दुर्घटना और अन्य घटनाओं में घायलों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. उन्हें मजबूरन रेफर करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ेंः बागेश्वर जिला अस्पताल में बदइंतजामी से मरीज परेशान, फर्श पर बैठने को मजबूर

डॉक्टरों ने बयां की अपनी पीड़ा: कुछ गरीब और असहाय मरीजों की वो खुद की व्यवस्थाओं से ऑपरेशन कर रहे हैं, लेकिन यह कब तक चलेगा? उनका कहना है कि पर्वतीय जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की बात सरकार करती है, लेकिन हालात ऐसे हैं तो वो क्या ही करेंगे? वो पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं देने आए हैं, लेकिन यहां ऑपरेशन आदि न होने से उनका कार्य प्रभावित हो रहा है. कई बार पत्र लिखने के बावजूद मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है.

इस्तीफा देने को मजबूर हुए डॉक्टर: डॉक्टर आशीष ने बताया कि हर दिन वो 8 से 10 ऑपरेशन करते थे, लेकिन वर्तमान में उनका काम केवल विकलांग प्रमाण पत्र बनाने का रह गया है. ऐसे में रेफर के अलावा उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर एनेस्थिसियोलॉजिस्ट तैनात नहीं किया गया तो वो आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. इतना ही नहीं नहीं उन्होंने मामले पर कार्रवाई न होने पर अपने पद से त्यागपत्र देने की बात भी कही.

एनेस्थीसिया के डॉक्टर का इंतजार

बागेश्वर: बीते 3 महीने से जिला अस्पताल बागेश्वर में बेहोशी यानी एनेस्थीसिया का डॉक्टर ही नहीं हैं. जिसके चलते ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. एक तरफ मरीज तो परेशान हो रही रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में तैनात डॉक्टर भी लाचार नजर आ रहे हैं. सर्जन गिरिजा शंकर जोशी और डॉक्टर आशीष ने एक हफ्ते के भीतर एनेस्थीसिया डॉक्टर की तैनाती की मांग की है. साथ ही डॉक्टर की तैनाती न होने पर धरना प्रदर्शन के साथ ही अपने पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है.

Anesthesiologist in Bageshwar District Hospital
इलाज कराने पहुंची बच्ची

3 महीने से एनेस्थीसिया का डॉक्टर नहीं, ऐसे सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था: बागेश्वर जिला अस्पताल के सर्जन गिरिजा शंकर जोशी और डॉक्टर आशीष का कहना है कि एनेस्थीसिया को लेकर लगातार उच्चाधिकारियों से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. बीते 3 महीने से बेहोशी का डॉक्टर यानी एनेस्थिसियोलॉजिस्ट नहीं है. जिसके चलते ऑपरेशन करने में दिक्कतें आ रही है. खासकर सड़क दुर्घटना और अन्य घटनाओं में घायलों के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं. उन्हें मजबूरन रेफर करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ेंः बागेश्वर जिला अस्पताल में बदइंतजामी से मरीज परेशान, फर्श पर बैठने को मजबूर

डॉक्टरों ने बयां की अपनी पीड़ा: कुछ गरीब और असहाय मरीजों की वो खुद की व्यवस्थाओं से ऑपरेशन कर रहे हैं, लेकिन यह कब तक चलेगा? उनका कहना है कि पर्वतीय जिलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की बात सरकार करती है, लेकिन हालात ऐसे हैं तो वो क्या ही करेंगे? वो पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं देने आए हैं, लेकिन यहां ऑपरेशन आदि न होने से उनका कार्य प्रभावित हो रहा है. कई बार पत्र लिखने के बावजूद मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है.

इस्तीफा देने को मजबूर हुए डॉक्टर: डॉक्टर आशीष ने बताया कि हर दिन वो 8 से 10 ऑपरेशन करते थे, लेकिन वर्तमान में उनका काम केवल विकलांग प्रमाण पत्र बनाने का रह गया है. ऐसे में रेफर के अलावा उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर एनेस्थिसियोलॉजिस्ट तैनात नहीं किया गया तो वो आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. इतना ही नहीं नहीं उन्होंने मामले पर कार्रवाई न होने पर अपने पद से त्यागपत्र देने की बात भी कही.

Last Updated : Jan 7, 2024, 7:05 PM IST
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