ETV Bharat / state

जिला पंचायत सदस्यों के धरने को राज्यसभा सांसद ने दिया समर्थन, जांच की मांग

author img

By

Published : Jun 27, 2021, 9:39 AM IST

बागेश्वर में जिला पंचायत सदस्यों की ओर से जिला पंचायत में बरती जा रही अनियमितता के खिलाफ दिए जा रहे धरने को राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने समर्थन किया है.

strike
strike

बागेश्वर: जिला पंचायत सदस्यों की ओर से जिला पंचायत में बरती जा रही अनियमितता के खिलाफ धरना दिया जा रहा है. जिसको राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने अपना समर्थन दिया. उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों के साथ सरकार व प्रशासन की अनदेखी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने जल्द जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

जिला पंचायत परिसर में सदस्यों का धरना-प्रदर्शन जारी है. जिला पंचायत के सदस्यों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष व अपर मुख्य अधिकारी पंचायती राज अधिनियम के विपरीत सदन चला रहे हैं. नियोजन व अन्य समितियों का कार्यकाल बीते जनवरी माह में खत्म हो गया है, कई बार समितियों का पुनर्गठन किए जाने को कहने के बाद भी आज तक कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है. मनमाने ढंग से सदन चलाया जा रहा है.

धरने को राज्यसभा सांसद ने दिया समर्थन.

पंचायत अधिनियमों का उल्लंघन कर बजट को गलत तरीके से वितरित किया जा रहा है. नियम के खिलाफ 55 प्रतिशत बजट अध्यक्ष के विवेकाधीन रख दिया. जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि 15वें वित्त की कार्ययोजना बिना सदस्यों से प्रस्ताव मांगे बगैर अपने कार्यकर्ताओं से कार्यों का प्रस्ताव मंगवाकर योजना अपलोड कर दी गई है.

सदन में मात्र एक कर्मचारी के प्रमोशन का प्रस्ताव पास होने के बाद भी दो अन्य कर्मचारियों का भी प्रमोशन कर दिया गया. सोबन सिंह जीना बहुद्देश्यीय भवन के कमरे शराब व्यवसायी को दे दिए गए हैं. जिला पंचायत में कार्यरत स्थायी चालकों से गाड़ी न चलवाकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से चलवाई जा रही है. मनमाने तरीके से टीए, डीए निकाले जा रहे हैं.

पढ़ें: पैंक्रियाटाइटिस रोग की औषधि को लेकर पंतनगर विवि और पद्मश्री बालेंदु प्रकाश के बीच करार

जिला पंचायत के जो कर्मचारी नहीं है, उनसे सरकारी कार्य कराया जा रहा है. धरने मे बैठे पंचायत सदस्यों को सांसद प्रदीप टम्टा ने भी सर्मथन दिया है. कहा कि 55 प्रतिशत विवेकाधीन कोष रखने का पंचायत अध्यक्ष को कोई अधिकार नहीं है. यहां जो भी चल रहा है पंचायती राज एक्ट के खिलाफ है. पंचायत एक्ट में क्षेत्र के विकास के लिए सदस्यों को बराबर बजट आवंटित होता है. साथ ही नियोजन समिति के भंग होने के बाद भी बजट पास करना कहीं न कहीं वित्तिय अनिमियताओं को दर्शाता है. उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से इसकी जांच की मांग की है.

बागेश्वर: जिला पंचायत सदस्यों की ओर से जिला पंचायत में बरती जा रही अनियमितता के खिलाफ धरना दिया जा रहा है. जिसको राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने अपना समर्थन दिया. उन्होंने जिला पंचायत सदस्यों के साथ सरकार व प्रशासन की अनदेखी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने जल्द जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

जिला पंचायत परिसर में सदस्यों का धरना-प्रदर्शन जारी है. जिला पंचायत के सदस्यों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष व अपर मुख्य अधिकारी पंचायती राज अधिनियम के विपरीत सदन चला रहे हैं. नियोजन व अन्य समितियों का कार्यकाल बीते जनवरी माह में खत्म हो गया है, कई बार समितियों का पुनर्गठन किए जाने को कहने के बाद भी आज तक कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है. मनमाने ढंग से सदन चलाया जा रहा है.

धरने को राज्यसभा सांसद ने दिया समर्थन.

पंचायत अधिनियमों का उल्लंघन कर बजट को गलत तरीके से वितरित किया जा रहा है. नियम के खिलाफ 55 प्रतिशत बजट अध्यक्ष के विवेकाधीन रख दिया. जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि 15वें वित्त की कार्ययोजना बिना सदस्यों से प्रस्ताव मांगे बगैर अपने कार्यकर्ताओं से कार्यों का प्रस्ताव मंगवाकर योजना अपलोड कर दी गई है.

सदन में मात्र एक कर्मचारी के प्रमोशन का प्रस्ताव पास होने के बाद भी दो अन्य कर्मचारियों का भी प्रमोशन कर दिया गया. सोबन सिंह जीना बहुद्देश्यीय भवन के कमरे शराब व्यवसायी को दे दिए गए हैं. जिला पंचायत में कार्यरत स्थायी चालकों से गाड़ी न चलवाकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से चलवाई जा रही है. मनमाने तरीके से टीए, डीए निकाले जा रहे हैं.

पढ़ें: पैंक्रियाटाइटिस रोग की औषधि को लेकर पंतनगर विवि और पद्मश्री बालेंदु प्रकाश के बीच करार

जिला पंचायत के जो कर्मचारी नहीं है, उनसे सरकारी कार्य कराया जा रहा है. धरने मे बैठे पंचायत सदस्यों को सांसद प्रदीप टम्टा ने भी सर्मथन दिया है. कहा कि 55 प्रतिशत विवेकाधीन कोष रखने का पंचायत अध्यक्ष को कोई अधिकार नहीं है. यहां जो भी चल रहा है पंचायती राज एक्ट के खिलाफ है. पंचायत एक्ट में क्षेत्र के विकास के लिए सदस्यों को बराबर बजट आवंटित होता है. साथ ही नियोजन समिति के भंग होने के बाद भी बजट पास करना कहीं न कहीं वित्तिय अनिमियताओं को दर्शाता है. उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से इसकी जांच की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.