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बोल्डर की चपेट में आने से शख्स की मौत, 2010 की आपदा में खोया था बेटा

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Published : Jul 23, 2023, 10:49 PM IST

बागेश्वर के बड़ेत गांव की चंद्रा पाठक के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया है. पहले साल 2010 की आपदा में बेटे को खोया अब अपनी पति को भी खो दिया है. दरअसल, घास काटते पर पहाड़ी से बोल्डर और पत्थर आ गिरे. जिसकी चपेट में चंद्रा पाठक के पति दयाल पाठक आ गए. पत्थर लगने से दयाल पाठक सीधे खाई में जा गिरे. जिससे उनकी मौत हो गई.

Man Dies Hit by boulder in Kapkot
दयाल पाठक की मौत

बागेश्वरः कपकोट में पत्थर की चपेट में आने से एक शख्स की मौत हो गई. शख्स ने साल 2010 की आपदा में बेटे को भी खोया था. घटना के बाद कपकोट क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर स्वजनों को सौंप दिया है.

मलबा और पत्थर की चपेट में आने से खाई में गिरे दयाल पाठकः कपकोट के गांवों में बारिश का दौर लगातार जारी है. आज कपकोट के बड़ेत गांव के 50 वर्षीय दयाल पाठक पुत्र उर्बा दत्त पाठक घास काट रहे थे. उस वक्त भारी बारिश भी हो रही थी. इसी बीच बड़ेत मोटर मार्ग की कटिंग का मलबा और पत्थर गिरने लगे. जिसकी चपेट में आने से वो खाई में गिर गए. परिजनों ने आनन-फानन में घटना की सूचना पुलिस को दी. इसके बाद दयाल पाठक को खाई से बाहर निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
ये भी पढ़ेंः सीतापुर में बारिश के बाद बहा अस्थाई पुल, 100 लोग फंसे, SDRF ने किया रेस्क्यू

साल की आपदा में बेटे को खोयाः बता दें कि मृतक दिल्ली में नौकरी करते थे. वो बीते चार दिन पहले ही घर आए थे. उन्होंने साल 2010 में आई आपदा में अपना इकलौता बेटा करन पाठक को भी खोया था. 18 अगस्त 2010 में सरस्वती शिशु मंदिर सुमगढ़ के पीछे भूस्खलन हुआ था. जिसमें उनके बेटे समेत 18 मासूम जिंदा दफन हो गए थे. मृतक की तीन बेटियां हैं. जिसमें 24 वर्षीय रेखा और 20 वर्ष की गीता हैदराबाद में जेएनएम की पढ़ाई कर रही हैं. जबकि, 22 वर्षीय रेनू और उनकी पत्नी चंद्रा पाठक घर पर रहती हैं.

विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने जताया दुखः वहीं, कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, ग्राम प्रधान भूपेश ऐठानी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, भावना कोरंगा, प्रहलाद कपकोटी, हरीश पाठक आदि ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उधर, थानाध्यक्ष कपकोट कैलाश सिंह बिष्ट ने कहा कि शव पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौंप दिया है. घटना की सभी एंगलों से जांच की जा रही है.

बागेश्वरः कपकोट में पत्थर की चपेट में आने से एक शख्स की मौत हो गई. शख्स ने साल 2010 की आपदा में बेटे को भी खोया था. घटना के बाद कपकोट क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर स्वजनों को सौंप दिया है.

मलबा और पत्थर की चपेट में आने से खाई में गिरे दयाल पाठकः कपकोट के गांवों में बारिश का दौर लगातार जारी है. आज कपकोट के बड़ेत गांव के 50 वर्षीय दयाल पाठक पुत्र उर्बा दत्त पाठक घास काट रहे थे. उस वक्त भारी बारिश भी हो रही थी. इसी बीच बड़ेत मोटर मार्ग की कटिंग का मलबा और पत्थर गिरने लगे. जिसकी चपेट में आने से वो खाई में गिर गए. परिजनों ने आनन-फानन में घटना की सूचना पुलिस को दी. इसके बाद दयाल पाठक को खाई से बाहर निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
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साल की आपदा में बेटे को खोयाः बता दें कि मृतक दिल्ली में नौकरी करते थे. वो बीते चार दिन पहले ही घर आए थे. उन्होंने साल 2010 में आई आपदा में अपना इकलौता बेटा करन पाठक को भी खोया था. 18 अगस्त 2010 में सरस्वती शिशु मंदिर सुमगढ़ के पीछे भूस्खलन हुआ था. जिसमें उनके बेटे समेत 18 मासूम जिंदा दफन हो गए थे. मृतक की तीन बेटियां हैं. जिसमें 24 वर्षीय रेखा और 20 वर्ष की गीता हैदराबाद में जेएनएम की पढ़ाई कर रही हैं. जबकि, 22 वर्षीय रेनू और उनकी पत्नी चंद्रा पाठक घर पर रहती हैं.

विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने जताया दुखः वहीं, कपकोट विधायक सुरेश गड़िया, पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण, ग्राम प्रधान भूपेश ऐठानी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, भावना कोरंगा, प्रहलाद कपकोटी, हरीश पाठक आदि ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उधर, थानाध्यक्ष कपकोट कैलाश सिंह बिष्ट ने कहा कि शव पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों को सौंप दिया है. घटना की सभी एंगलों से जांच की जा रही है.

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