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पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस - Bageshwar

बागेश्वर के जिला मुख्यालय में बस्ती में घुसे गुलदार को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है. जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. पिछले दिनों गुलदार के घुसने से की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी थी.

बागेश्वर
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Published : Sep 12, 2019, 12:47 PM IST

बागेश्वर: जिले में लंबे समय से आतंक का पर्याय बने गुलदार को आखिरकार पिंजरे में कैद कर दिया गया है. जिसके बाद जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर द्यांगण क्षेत्र में गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.

वन विभाग ने तेंदुआ पकड़ा

बता दें, पिछले दिनों मुख्य बाजार में गुलदार ने दस्तक दी थी और घर से बरामदे से एक पालतू कुत्ते को उठा गया था. यह पूरी घटना घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सूचना पर वन विभाग की टीम ने द्यांगण क्षेत्र में पिंजरा लगाया था. करीब एक सप्ताह बाद गुलदार के पिंजरे में फंसने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.

पढ़ें- उत्तराखंड: चमोली में महसूस किये गए भूकंप के झटके

4 फीट लंबे गुलदार की उम्र करीब तीन साल बताई जा रही है. गुलदार नरभक्षी है या नहीं फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है. वन विभाग की टीम गुलदार को जिला मुख्यालय ले गई है. जहां उसकी मेडिकल जांच की जायेगी.

बागेश्वर: जिले में लंबे समय से आतंक का पर्याय बने गुलदार को आखिरकार पिंजरे में कैद कर दिया गया है. जिसके बाद जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर दूर द्यांगण क्षेत्र में गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.

वन विभाग ने तेंदुआ पकड़ा

बता दें, पिछले दिनों मुख्य बाजार में गुलदार ने दस्तक दी थी और घर से बरामदे से एक पालतू कुत्ते को उठा गया था. यह पूरी घटना घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सूचना पर वन विभाग की टीम ने द्यांगण क्षेत्र में पिंजरा लगाया था. करीब एक सप्ताह बाद गुलदार के पिंजरे में फंसने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.

पढ़ें- उत्तराखंड: चमोली में महसूस किये गए भूकंप के झटके

4 फीट लंबे गुलदार की उम्र करीब तीन साल बताई जा रही है. गुलदार नरभक्षी है या नहीं फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है. वन विभाग की टीम गुलदार को जिला मुख्यालय ले गई है. जहां उसकी मेडिकल जांच की जायेगी.

Intro:बागेश्वर

एंकर- बागेश्वर जिले में लंबे समय से आतंक फैला रहे गुलदार को आखिरकार पिंजरे में कैद करने में सफलता मिल ही गयी। जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर द्यांगण क्षेत्र में गुलदार के पकड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

वीओ- बागेश्वर में गुलदार की दहशत अभी भी बनी हुई है। समय समय पर आबादी वाले क्षेत्रों में गुलदार की धमक से लोग दहशत में हैं। पिछले दिनों मुख्य बाजार के एक घर की सीसीटीवी में गुलदार कैद हो गया। गुलदार बरामदे से एक पालतू कुत्ते को भी उठा ले गया था। इसके बाद वन विभाग ने गुलदार दिखायी देने की सूचना पर द्यांगण क्षेत्र में पिंजरा लगा दिया। करीब एक सप्ताह बाद पिंजरे में फंसने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। चार फिट लंबे गुलदार की उम्र करीब तीन साल बतायी जा रही है। गुलदार नरभक्षी है या नहीं फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वन विभाग गुलदार को जिला मुख्यालय लाया जहां उसकी मेडिकल जांच की जायेगी।
बाइट-1- मोहन सिंह नयाल, रेंजर। Body:वीओ- बागेश्वर में गुलदार की दहशत अभी भी बनी हुई है। समय समय पर आबादी वाले क्षेत्रों में गुलदार की धमक से लोग दहशत में हैं। पिछले दिनों मुख्य बाजार के एक घर की सीसीटीवी में गुलदार कैद हो गया। गुलदार बरामदे से एक पालतू कुत्ते को भी उठा ले गया था। इसके बाद वन विभाग ने गुलदार दिखायी देने की सूचना पर द्यांगण क्षेत्र में पिंजरा लगा दिया। करीब एक सप्ताह बाद पिंजरे में फंसने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। चार फिट लंबे गुलदार की उम्र करीब तीन साल बतायी जा रही है। गुलदार नरभक्षी है या नहीं फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वन विभाग गुलदार को जिला मुख्यालय लाया जहां उसकी मेडिकल जांच की जायेगी।
बाइट-1- मोहन सिंह नयाल, रेंजर।Conclusion:
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