बागेश्वर: कोविड कर्फ्यू में ढील क्या मिली, सेना की मंडलसेरा गोल्डन फिश कैंटीन में पूर्व सैनिकों का हुजूम देखने को मिला. सेना में अनुशासन का परिचय देने वले पूर्व सैनिक यहां एक-दूसरे को धकियाते दिखे.
हालांकि, कैंटीन प्रबंधन को इस बात का अंदेशा पहले से ही था, इसलिए उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों के पूर्व सैनिकों को सामान लेने के लिए अलग-अलग दिन तय किए थे. शुक्रवार को कांडा तहसील की बारी थी. ऐसे में गुरुवार शाम से ही पूर्व सैनिकों का कैंटीन पहुंचना शुरू हो गया था. पूर्व सैनिक अपनी-अपनी निशानी रखकर रात में सोने के लिए चले गए. इसके बाद जब कैंटीन खुली, तो पहले से ही सैकड़ों लोग कैंटीन के बाहर डेरा डाले बैठे थे.
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कैंटीन प्रबंधक हरीश सिंह मेहरा ने बताया कि कैंटीन में दैनिक उपयोग के सामान की कमी है. पूर्व सैनिक अनुशासन में रहें तब ही कैंटीन से सामान मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि लगभग 1200 लोग कैंटीन के बाहर जमा हो गए हैं. उन्होंने बताया कि जब कैंटीन प्रबंधन ने कूपन बांटने शुरू किए तो लोग धक्का-मुक्की पर उतारू हो गए. इस बीच कुछ बुजुर्ग दूसरे को छड़ी मारते भी दिखे. बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची. सड़क पर भीड़ की वजह से वाहनों की आवाजाही में भी दिक्कत हुई.