बागेश्वर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त गांवों में शासन के माध्यम से कई गांवों में स्वागत बोर्ड लगने थे. लोहे से बने इन भारी भरकम बोर्डों को बनाने में काफी रुपये खर्च किए गए. बोर्डों में पड़ी तारीख से पता चलता है, कि ये बोर्ड साल 2016 योजना के हैं.
3 साल बीत जाने के बाद भी आज तक बोर्ड द्वाली, आरे समेत कई दूरस्थ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं. इस दौरान समाजसेवी पंकज पांडे ने बताया कि बोर्ड बागेश्वर के दुरस्थ ग्राम पंचायतों में लगने थे. प्रशासन और ग्राम प्रधानों की लापरवाही के चलते बोर्ड जिला मुख्यालय में ही जंक खा रहे हैं. जो साफ तौर से सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है.
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वहीं मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है, कि चुनावों के दौरान गांवों में देखा जाएगा. जहां कहीं भी बोर्ड नहीं लगे होंगे वहां जिम्मेदार अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए जल्द बोर्ड लगवाए जाएंगे.