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बागेश्वर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में लगने थे बोर्ड, लापरवाही के चलते जिला मुख्यालय में खा रहे जंक

भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के चलते गांव खुले में शौच मुक्त तो हो गए, लेकिन इन गांवों में प्रशासन की ओर से बनवाए गए होडिंग बोर्ड अभी भी नहीं लग सके हैं.

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Published : Sep 29, 2019, 8:39 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 8:53 AM IST

गांवों में नहीं लगे प्रशासन द्वारा बनवाए गए बोर्ड.

बागेश्वर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त गांवों में शासन के माध्यम से कई गांवों में स्वागत बोर्ड लगने थे. लोहे से बने इन भारी भरकम बोर्डों को बनाने में काफी रुपये खर्च किए गए. बोर्डों में पड़ी तारीख से पता चलता है, कि ये बोर्ड साल 2016 योजना के हैं.

गांवों में नहीं लगे प्रशासन द्वारा बनवाए गए बोर्ड.

3 साल बीत जाने के बाद भी आज तक बोर्ड द्वाली, आरे समेत कई दूरस्थ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं. इस दौरान समाजसेवी पंकज पांडे ने बताया कि बोर्ड बागेश्वर के दुरस्थ ग्राम पंचायतों में लगने थे. प्रशासन और ग्राम प्रधानों की लापरवाही के चलते बोर्ड जिला मुख्यालय में ही जंक खा रहे हैं. जो साफ तौर से सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है.

यह भी पढ़ें: बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी, पड़े रोजी-रोटी के लाले

वहीं मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है, कि चुनावों के दौरान गांवों में देखा जाएगा. जहां कहीं भी बोर्ड नहीं लगे होंगे वहां जिम्मेदार अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए जल्द बोर्ड लगवाए जाएंगे.

बागेश्वर: स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त गांवों में शासन के माध्यम से कई गांवों में स्वागत बोर्ड लगने थे. लोहे से बने इन भारी भरकम बोर्डों को बनाने में काफी रुपये खर्च किए गए. बोर्डों में पड़ी तारीख से पता चलता है, कि ये बोर्ड साल 2016 योजना के हैं.

गांवों में नहीं लगे प्रशासन द्वारा बनवाए गए बोर्ड.

3 साल बीत जाने के बाद भी आज तक बोर्ड द्वाली, आरे समेत कई दूरस्थ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं. इस दौरान समाजसेवी पंकज पांडे ने बताया कि बोर्ड बागेश्वर के दुरस्थ ग्राम पंचायतों में लगने थे. प्रशासन और ग्राम प्रधानों की लापरवाही के चलते बोर्ड जिला मुख्यालय में ही जंक खा रहे हैं. जो साफ तौर से सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है.

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वहीं मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है, कि चुनावों के दौरान गांवों में देखा जाएगा. जहां कहीं भी बोर्ड नहीं लगे होंगे वहां जिम्मेदार अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए जल्द बोर्ड लगवाए जाएंगे.

Intro:बागेश्वर।

एंकर- भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत ऐसे गावँ जो पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त हो गए हैं इन गांवों में प्रशासन द्वारा होडिंग बोर्ड लगाने थे। बोर्ड तो बने लेकिन ये बोर्ड प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते आज भी जिला मुख्यालय में एक होटल के पास लावारिश हालत में जंक खा रहे हैं।

वीओ- बागेश्वर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त गांवों में शासन के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा इन गांवों में स्वागत बोर्ड लगने थे। लोहे से बने इन भारी- भरकम बोर्डों को बनाने में काफी धन खर्च किया गया। बोर्डों में पड़ी तारिक से पता चलता है कि ये बोर्ड वर्ष 2016 योजना के हैं। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक ये बोर्ड द्वाली, आरे समेत कई दूरस्थ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं। समाजसेवी पंकज पांडे ने बताया कि ये बोर्ड बागेश्वर के दुरस्त ग्राम पंचायतों में लगने थे। लेकिन प्रशासन और ग्राम प्रधानों की लापरवाही के चलते ये बोर्ड जिला मुख्यालय में ही जंक खा रहे हैं। जो कि सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है। वहीं मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि गांवों में बोर्ड लगने थे, मेरे द्वारा चुनावों के दौरान भी गांवों में देखा जाएगा जहां कहीं भी बोर्ड नहीं लगे होंगे वहां जिम्मेदार अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए जल्द बोर्ड लगवाए जाएंगे।
बाईट 01- पंकज पांडेय, समाजसेवी।
बाईट 02- रंजना राजगुरु, डीएम बागेश्वर।Body:वीओ- बागेश्वर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच मुक्त गांवों में शासन के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा इन गांवों में स्वागत बोर्ड लगने थे। लोहे से बने इन भारी- भरकम बोर्डों को बनाने में काफी धन खर्च किया गया। बोर्डों में पड़ी तारिक से पता चलता है कि ये बोर्ड वर्ष 2016 योजना के हैं। इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक ये बोर्ड द्वाली, आरे समेत कई दूरस्थ गांवों तक नहीं पहुंच सके हैं। समाजसेवी पंकज पांडे ने बताया कि ये बोर्ड बागेश्वर के दुरस्त ग्राम पंचायतों में लगने थे। लेकिन प्रशासन और ग्रामप्रधानों की लापरवाही के चलते ये बोर्ड जिला मुख्यालय में ही जंक खा रहे हैं। जो कि सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है। वहीं मामले में जिलाधिकारी रंजना राजगुरु का कहना है कि गांवों में बोर्ड लगने थे, मेरे द्वारा चुनावों के दौरान भी गांवों में देखा जाएगा जहां कहीं भी बोर्ड नहीं लगे होंगे वहां जिम्मेदार अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए जल्द बोर्ड लगवाए जाएंगे।
बाईट 01- पंकज पांडेय, समाजसेवी।
बाईट 02- रंजना राजगुरु, डीएम बागेश्वर।Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 8:53 AM IST
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