ETV Bharat / state

पिंडर नदी में आपदा मे ध्वस्त पुल का निर्माण कार्य तेज, लोगों को मिलेगी सहूलियत

आपदा में पिंडर और कफनी नदी को पार करने के लिए बनाए गए लकड़ी के पक्के पैदल पुल ध्वस्त हो गए थे. जिसके बाद से हर साल कफनी और पिंडर नदी (Bageshwar Pindar and Kafni River) पर लकड़ी के कच्चे पुलों का निर्माण किया जाने लगा.

Bageshwar
पिंडर नदी में पुल का निर्माण
author img

By

Published : Jan 17, 2022, 4:10 PM IST

बागेश्वर: पिंडर नदी में लोहे के स्पान पुल (Bageshwar Pindar river) का निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है. पुल निर्माण सामग्री पहुंच गई है और विभाग मार्च तक पुल का निर्माण पूरा कराने की बात कह रहा है. जिसके बनने से लोगों को सफर आसान होगा.

पिंडारी ग्लेशियर (Bageshwar Pindari Glacier) विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट है. देश और विदेशों के हजारों लोग इस ट्रैक की चढ़ाई कर चुके हैं. प्रकृति की इस खूबसूरत नेमत को 2013 में पहले कुदरत के कहर से जूझना पड़ा था. आपदा में पिंडर और कफनी नदी (Bageshwar Pindar and Kafni River) को पार करने के लिए बनाए गए लकड़ी के पक्के पैदल पुल ध्वस्त हो गए थे. जिसके बाद से हर साल कफनी और पिंडर नदी पर लकड़ी के कच्चे पुलों का निर्माण किया जाने लगा. बारिश के दौरान कच्चे पुल बह जाने से संपर्क कट जाता था और ट्रैकरों व स्थानीय लोगों को परेशानी उठानी पड़ती थी. बारिश बंद होने के बाद फिर से कच्चे पुल बनाए जाते हैं. बार-बार परेशानी से जूझ रहे स्थानीय लोगों ने पिंडर नदी में पक्के पुल का निर्माण कराने की मांग की.

पढ़ें-रो पड़े हरक सिंह रावत, बोले- बिना बताए बीजेपी ने मुझे निकाल दिया

शासन ने लोहे के स्पान पुल के निर्माण के लिए एक करोड़ छह लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है. वर्तमान में पुल के अपरमेंट बनकर तैयार हो गए हैं. खाती गांव के तारा सिंह दानू ने बताया कि पुल ध्वस्त होने के बाद बुग्यालों में बकरी चराने वाले अनवाल, पोर्टर, गाइड काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण होने के बाद सबकी परेशानी दूर हो जाएगी. पिंडारी ग्लेशियर के रास्ते की खोज अंग्रेज प्रशासक विलियम ट्रेल को जाता है. उन्होंने 1830 में सूपी गांव के मलक सिंह बूढ़ा के सहयोग से इस रास्ते की खोज की थी.

वह पिंडारी के रास्ते जोहार तक जा रहे थे. हालांकि इस यात्रा को वह पूरा नहीं कर सके, लेकिन मलक सिंह बूढ़ा ने इस दर्रे को सफलता पूर्वक पार किया था. पिंडारी ग्लेशियर का यह दर्रा आज भी विलियम ट्रेल के नाम पर ट्रेल पास के नाम से जाना जाता है. वहीं लोनिवि के अधिशासी अभियंता ने बताया कि पिंडर नदी में लोहे का पक्का स्पान पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है. पुल निर्माण की सामग्री नदी तक पहुंच गई है. इन दिनों ठंड अधिक होने से कुछ दिक्कत आ रही हैं. विभाग मार्च तक हर हाल में पुल का निर्माण कार्य पूरा करा लेगा.

बागेश्वर: पिंडर नदी में लोहे के स्पान पुल (Bageshwar Pindar river) का निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है. पुल निर्माण सामग्री पहुंच गई है और विभाग मार्च तक पुल का निर्माण पूरा कराने की बात कह रहा है. जिसके बनने से लोगों को सफर आसान होगा.

पिंडारी ग्लेशियर (Bageshwar Pindari Glacier) विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट है. देश और विदेशों के हजारों लोग इस ट्रैक की चढ़ाई कर चुके हैं. प्रकृति की इस खूबसूरत नेमत को 2013 में पहले कुदरत के कहर से जूझना पड़ा था. आपदा में पिंडर और कफनी नदी (Bageshwar Pindar and Kafni River) को पार करने के लिए बनाए गए लकड़ी के पक्के पैदल पुल ध्वस्त हो गए थे. जिसके बाद से हर साल कफनी और पिंडर नदी पर लकड़ी के कच्चे पुलों का निर्माण किया जाने लगा. बारिश के दौरान कच्चे पुल बह जाने से संपर्क कट जाता था और ट्रैकरों व स्थानीय लोगों को परेशानी उठानी पड़ती थी. बारिश बंद होने के बाद फिर से कच्चे पुल बनाए जाते हैं. बार-बार परेशानी से जूझ रहे स्थानीय लोगों ने पिंडर नदी में पक्के पुल का निर्माण कराने की मांग की.

पढ़ें-रो पड़े हरक सिंह रावत, बोले- बिना बताए बीजेपी ने मुझे निकाल दिया

शासन ने लोहे के स्पान पुल के निर्माण के लिए एक करोड़ छह लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है. वर्तमान में पुल के अपरमेंट बनकर तैयार हो गए हैं. खाती गांव के तारा सिंह दानू ने बताया कि पुल ध्वस्त होने के बाद बुग्यालों में बकरी चराने वाले अनवाल, पोर्टर, गाइड काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण होने के बाद सबकी परेशानी दूर हो जाएगी. पिंडारी ग्लेशियर के रास्ते की खोज अंग्रेज प्रशासक विलियम ट्रेल को जाता है. उन्होंने 1830 में सूपी गांव के मलक सिंह बूढ़ा के सहयोग से इस रास्ते की खोज की थी.

वह पिंडारी के रास्ते जोहार तक जा रहे थे. हालांकि इस यात्रा को वह पूरा नहीं कर सके, लेकिन मलक सिंह बूढ़ा ने इस दर्रे को सफलता पूर्वक पार किया था. पिंडारी ग्लेशियर का यह दर्रा आज भी विलियम ट्रेल के नाम पर ट्रेल पास के नाम से जाना जाता है. वहीं लोनिवि के अधिशासी अभियंता ने बताया कि पिंडर नदी में लोहे का पक्का स्पान पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है. पुल निर्माण की सामग्री नदी तक पहुंच गई है. इन दिनों ठंड अधिक होने से कुछ दिक्कत आ रही हैं. विभाग मार्च तक हर हाल में पुल का निर्माण कार्य पूरा करा लेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.