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बागेश्वर में बेकाबू हो रही वनाग्नि, 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख, धुएं से विजिबिलिटी हुई कम - forest burning ash

बागेश्वर में अभी तक आग से 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं. वहीं, आग से उठ रहे धुंए से शहर भर में चारों ओर धुंध छा गई है.

वनाग्नि के कारण धुंध से दिन में सूर्य भी चन्द्रमा जैसा नजर आ रहा है.
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Published : May 29, 2019, 11:43 PM IST

बागेश्वर: जिले के जंगलों में आग लगने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. बागेश्वर में अभी तक आग से 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं. वहीं, आग से उठ रहे धुंए से शहर भर में चारों ओर धुंध छा गई है. जिले के बागेश्वर शहर, गरुड़, और कपकोट क्षेत्र धुंध से इस कदर घिर गए हैं कि 50 मीटर की दूरी के पार देख पाना भी मुश्किल हो रहा है. साथ ही धुंध से दिन में सूर्य भी चन्द्रमा जैसा नजर आ रहा है.

वनाग्नि से परेशान स्थानीय लोग.

स्थानीय निवासी तनुज तिरूवा ने बताया कि लोगों को वातावरण में फैले धुंए के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही है. वहीं, जिला अस्पताल में सांस और आंखों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. जंगलों में लगी आग पहाड़ी क्षेत्रों के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है.

लगातार जल रहे जंगलों के कारण तापमान में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. गर्म हवाओं की वजह से आग और ज्यादा भड़क रही है. वक्त रहते इसे रोका नहीं गया तो ये रिहायशी इलाकों में पहुंचकर काफी नुकसान पहुंचा सकती है. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग और प्रशासन वनाग्नि पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम नजर आ रहा है.

बागेश्वर: जिले के जंगलों में आग लगने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. बागेश्वर में अभी तक आग से 50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं. वहीं, आग से उठ रहे धुंए से शहर भर में चारों ओर धुंध छा गई है. जिले के बागेश्वर शहर, गरुड़, और कपकोट क्षेत्र धुंध से इस कदर घिर गए हैं कि 50 मीटर की दूरी के पार देख पाना भी मुश्किल हो रहा है. साथ ही धुंध से दिन में सूर्य भी चन्द्रमा जैसा नजर आ रहा है.

वनाग्नि से परेशान स्थानीय लोग.

स्थानीय निवासी तनुज तिरूवा ने बताया कि लोगों को वातावरण में फैले धुंए के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही है. वहीं, जिला अस्पताल में सांस और आंखों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. जंगलों में लगी आग पहाड़ी क्षेत्रों के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है.

लगातार जल रहे जंगलों के कारण तापमान में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. गर्म हवाओं की वजह से आग और ज्यादा भड़क रही है. वक्त रहते इसे रोका नहीं गया तो ये रिहायशी इलाकों में पहुंचकर काफी नुकसान पहुंचा सकती है. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग और प्रशासन वनाग्नि पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम नजर आ रहा है.

नोट-अभी मोजो नहीं ली है।
       


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रिपोर्ट- नीरज पाण्डेय, बागेश्वर।
मो.- 9411776715
दिनाँक— 29 मई 2019

एंकर— बागेश्वर जिले में जंगलों में लग रही आग कम होने का नाम नहीं ले रही। चारों ओर घनी धुंध छाई हुई है। जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। अभी तक वन विभाग और प्रशासन आग पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम रहा है। स्थिति बद से बत्तर होती जा रही है।

वीओ 1— बागेश्वर जिले में अब तक आग से  50 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं। जंगलों में आग लगने से मौसम में भी तपिश बढ़ गई है। जिले के गरुड़, बागेश्वर, कपकोट घनी धुंध से घिर गए हैं। धुंध के चलते 50 मीटर की दूरी पर भी देख पाना सम्भव नहीं हो रहा।  धुंध इतनी घनी है कि सूर्य दिन में भी चन्द्रमा जैसा नजर आ रहा है।
 जिले के तीन रेंजों को मिलाकर अब तक कुल 50 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। आग से विभाग को करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। जंगलों में लगी आग के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को वातावरण में फैले धुंए के चलते सांस लेने में परेशानी हो रही है। जिला अस्पताल में सांस और आंखों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जंगल की आग पहाड़ी क्षेत्रों के लिए गंभीर समस्या बनी हुई है।

बाईट—1- तनुज तिरूवा, स्थानीय।
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