अल्मोड़ा: सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश की बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (एमपैक्स) में चलाए जा रहे कम्प्यूटराइजेशन अभियान पर सवाल उठने लगे हैं. उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने इस योजना में घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड की 600 से अधिक इन सहकारी समितियों में कम्प्यूटराइजेशन के नाम पर करीब 30 करोड़ की धांधली की गई है.
पीसी तिवारी ने बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियां (एमपैक्स) में चलाए जा रहे कम्प्यूटराइजेशन अभियान के तहत 30 करोड़ रुपए की धांधली का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले में सहकारिता विभाग से लेकर विभाग के मंत्री की भी मिलीभगत है. वहीं, उन्होंने जिलाधिकारी वंदना सिंह को पत्र देकर इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
पीसी तिवारी ने बताया कि अल्मोड़ा जिले में 77 सहकारी समितियां हैं. जिसमें प्रत्येक में 5 लाख 40 हजार रुपए की लागत से यह योजना संचालित की जा रही है. जिसमें 2 लाख 80 हजार रुपए समितियों की ओर से तथा इतनी ही धनराशि सहकारी बैंकों से दी जा रही है. जिसमें जनपद में सहकारी समितियों के सदस्यों का लगभग 4 करोड़ रुपया दांव पर लगा है. इसी तरह पूरे प्रदेश में मौजूद 660 सहकारी समितियों से करोड़ों रुपए इस योजना में खर्च किए जा रहे हैं. जिसमें मात्र 86 हजार रुपये कंप्यूटर बिल समितियों को दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी खरीद की प्रक्रिया क्या रही है और करोड़ों रुपया किस तरह खर्च किया जा रहा है, इस पर सहकारिता विभाग ने चुप्पी साध रखी है. उन्होंने मामले में करीब 30 करोड़ रुपए की धांधली की आशंका जताई है. साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े फर्जीवाड़े में सहकारिता विभाग से लेकर विभाग के मंत्री की भूमिका संदिग्ध है.
उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि अगर यह घोटाला साबित होता है तो सहकारिता विभाग के मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही तिवारी ने कहा कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा खुद को जीरो टॉलरेंस की सरकार बताती है, अगर वह वाकई में भ्रष्टाचार के खिलाफ है तो इस मामले का सरकार को जल्द से जल्द पर्दाफाश करना चाहिए.