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अल्मोड़ा में शोपीस बने अंडरग्राउंड डस्टबिन - almora underground dustbin latest news

अल्मोड़ा में 15 स्थानों पर अंडरग्राउंड डस्टबिन लगाये गये हैं. यहां लगाये गये अंडरग्राउंड डस्टबिन महज शो पीस बनकर रह गये हैं.

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अल्मोड़ा में शोपीस बने अंडरग्राउंड डस्टबिन
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Published : Dec 6, 2021, 8:45 PM IST

अल्मोड़ा: शहर को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए अल्मोड़ा नगरपालिका ने करोड़ों रूपये खर्च कर अंडरग्राउंड डस्टबिन लगाये थे, जो कि अब केवल शो पीस बनकर रह गये हैं. अल्मोड़ा नगरपालिका के पास कचरा उठाने के लिए न तो कोई मशीन है और न ही वाहन. ऐसे में यह अंडरग्राउंड डस्टबिन किसी काम के नहीं हैं.

बता दें नगर में जगह-जगह कूड़ा फैलने की समस्या के निस्तारण के लिए ग्रामीण निर्माण विभाग की कार्यदायी संस्था इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल विंग की ओर से नगर के 15 स्थानों पर अंडरग्राउंड डस्टबिन बनाकर तैयार किये गये थे, मगर लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी आज तक यह अंडरग्राउंड डस्टबिन संचालित नहीं हो पाये हैं. जिससे नगर में कूड़ा फैलने की समस्या जस की तस बनी हुई है.

अल्मोड़ा में शोपीस बने अंडरग्राउंड डस्टबिन

पढ़ें- Army Day 2021: यूं ही नहीं कहते उत्तराखंड को सैन्य धाम, जान न्यौछावर करने की है परंपरा

नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग ने इसके लिए टेंडर किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. जैसे ही कूड़ा उठाने के लिए वाहन मिल जायेंगे तो यह व्यवस्था संचालित हो जायेगी.

अल्मोड़ा: शहर को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए अल्मोड़ा नगरपालिका ने करोड़ों रूपये खर्च कर अंडरग्राउंड डस्टबिन लगाये थे, जो कि अब केवल शो पीस बनकर रह गये हैं. अल्मोड़ा नगरपालिका के पास कचरा उठाने के लिए न तो कोई मशीन है और न ही वाहन. ऐसे में यह अंडरग्राउंड डस्टबिन किसी काम के नहीं हैं.

बता दें नगर में जगह-जगह कूड़ा फैलने की समस्या के निस्तारण के लिए ग्रामीण निर्माण विभाग की कार्यदायी संस्था इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल विंग की ओर से नगर के 15 स्थानों पर अंडरग्राउंड डस्टबिन बनाकर तैयार किये गये थे, मगर लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी आज तक यह अंडरग्राउंड डस्टबिन संचालित नहीं हो पाये हैं. जिससे नगर में कूड़ा फैलने की समस्या जस की तस बनी हुई है.

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नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग ने इसके लिए टेंडर किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. जैसे ही कूड़ा उठाने के लिए वाहन मिल जायेंगे तो यह व्यवस्था संचालित हो जायेगी.

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