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सोमेश्वर: प्रधानाचार्य ने छात्र से ढुलाई चावल की बोरी, अस्पताल पहुंचा छात्र

अल्मोड़ा के सोमेश्वर में एक प्रधानाचार्य और भोजन माता पर छात्र से बाल मजदूरी कराने का मामला सामने आया है. आरोप है कि उसने सागर नाम के छात्र से 50 किलो के चावल की बोरी ढुलाई में लगाया था. जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई. ऐसे में अब छात्र का इलाज अस्पताल में चल रहा है. पीड़ित छात्र के पिता ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है.

almora
तबीयत बिगड़ी
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Published : Jan 14, 2020, 4:22 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 9:34 PM IST

सोमेश्वर: जनपद अल्मोड़ा के सोमेश्वर ताकुला विकास खण्ड के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डौनी में 9वीं के छात्र से शिक्षक द्वारा चावल ढुलाई करवाने का मामला सामने आया है. वहीं, चावल की बोरी ढोने से छात्र की तबीयत बिगड़ गई और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. पीड़ित छात्र के पिता ने इस मामले में आरोपी स्कूल प्रभारी प्रधानाचार्य और भोजन माता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

मामला डॉनी के राउमा विद्यालय का है. जहां 18 दिसंबर को विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य और भोजन माता ने विद्यालय के गोदाम से लगभग 70 मीटर दूर स्थित भोजनालय तक चावल की भरी बोरी को छात्र सागर से ढुलवाया. जब सागर की कमर और पेट मे दर्द होने लगा तो उसे 29 दिसम्बर को उपचार के लिए रानीखेत के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया.

बाल मजदूरी मामला

3 जनवरी को पीड़ित छात्र के पिता आनंद राम ने पुलिस थाना सोमेश्वर में भी इसकी शिकायत की. साथ ही बाल श्रम कराने वाले प्रभारी प्रधानाचार्य और जिम्मेदार अधिकारियों पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की. वहीं, पीड़ित छात्र के पिता ने पुलिस के अलावा जिला शिक्षाधिकारी और सीएम को भी पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करवाई है.

ये भी पढ़े : उत्तराखंड के सभी अस्पताल IPHS मानकों के तहत होंगे संचालित, मिलेगी बेहतर सुविधाएं

अनुसूचित जाति के इस गरीब छात्र के परिजनों का कहना है कि उनका बेटा स्कूल पढ़ने गया था लेकिन स्कूल प्रशासन ने उससे चावल की बोरी ढुलवाई गई. उपचार में उनका काफी पैसा बर्बाद होने के साथ ही काफी मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ी है.

बता दें कि जिला शिक्षाधिकारी ने इस विद्यालय में उपस्थिति, अनियमितता के चलते पूर्व में ही विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य किरन रावत और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरीश राम को पद से हटाने के आदेश 05 जुलाई 2019 को जारी किए थे, लेकिन डीईओ के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य आज तक अपने पद पर बनी हैं और अब बाल श्रम कराने के मामले से स्कूल फिर चर्चाओं में है.

जिला शिक्षा अधिकारी बीएच चंद ने ईटीवी कुंवर भाकुनी संवाददाता से मोबाइल पर बातचीत के दौरान कहा कि उक्त विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य किरन रावत और प्रबन्धक हरीश राम को हटाने के निर्देश मैंने पहले ही दिए थे, लेकिन आश्चर्य है कि ये अब तक कैसे पद पर बने हुए हैं. इसकी भी जांच की जाएगी. वहीं, बाल मजदूरी मामले को लेकर कहा कि अभी अभिभावक की लिखित शिकायत नहीं मिली है. यह मामला गम्भीर है इसलिए शिकायत मिलते ही स्वयं मौके पर जाऊंगा और सख्त उचित कार्रवाई करुंगा.

सोमेश्वर: जनपद अल्मोड़ा के सोमेश्वर ताकुला विकास खण्ड के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डौनी में 9वीं के छात्र से शिक्षक द्वारा चावल ढुलाई करवाने का मामला सामने आया है. वहीं, चावल की बोरी ढोने से छात्र की तबीयत बिगड़ गई और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. पीड़ित छात्र के पिता ने इस मामले में आरोपी स्कूल प्रभारी प्रधानाचार्य और भोजन माता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

मामला डॉनी के राउमा विद्यालय का है. जहां 18 दिसंबर को विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य और भोजन माता ने विद्यालय के गोदाम से लगभग 70 मीटर दूर स्थित भोजनालय तक चावल की भरी बोरी को छात्र सागर से ढुलवाया. जब सागर की कमर और पेट मे दर्द होने लगा तो उसे 29 दिसम्बर को उपचार के लिए रानीखेत के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया.

बाल मजदूरी मामला

3 जनवरी को पीड़ित छात्र के पिता आनंद राम ने पुलिस थाना सोमेश्वर में भी इसकी शिकायत की. साथ ही बाल श्रम कराने वाले प्रभारी प्रधानाचार्य और जिम्मेदार अधिकारियों पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की. वहीं, पीड़ित छात्र के पिता ने पुलिस के अलावा जिला शिक्षाधिकारी और सीएम को भी पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करवाई है.

ये भी पढ़े : उत्तराखंड के सभी अस्पताल IPHS मानकों के तहत होंगे संचालित, मिलेगी बेहतर सुविधाएं

अनुसूचित जाति के इस गरीब छात्र के परिजनों का कहना है कि उनका बेटा स्कूल पढ़ने गया था लेकिन स्कूल प्रशासन ने उससे चावल की बोरी ढुलवाई गई. उपचार में उनका काफी पैसा बर्बाद होने के साथ ही काफी मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ी है.

बता दें कि जिला शिक्षाधिकारी ने इस विद्यालय में उपस्थिति, अनियमितता के चलते पूर्व में ही विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य किरन रावत और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरीश राम को पद से हटाने के आदेश 05 जुलाई 2019 को जारी किए थे, लेकिन डीईओ के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य आज तक अपने पद पर बनी हैं और अब बाल श्रम कराने के मामले से स्कूल फिर चर्चाओं में है.

जिला शिक्षा अधिकारी बीएच चंद ने ईटीवी कुंवर भाकुनी संवाददाता से मोबाइल पर बातचीत के दौरान कहा कि उक्त विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य किरन रावत और प्रबन्धक हरीश राम को हटाने के निर्देश मैंने पहले ही दिए थे, लेकिन आश्चर्य है कि ये अब तक कैसे पद पर बने हुए हैं. इसकी भी जांच की जाएगी. वहीं, बाल मजदूरी मामले को लेकर कहा कि अभी अभिभावक की लिखित शिकायत नहीं मिली है. यह मामला गम्भीर है इसलिए शिकायत मिलते ही स्वयं मौके पर जाऊंगा और सख्त उचित कार्रवाई करुंगा.

Intro:ताकुला विकास खण्ड के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डौनी में कक्षा 9 के नाबालिग छात्र से 50 किग्रा वजन की चावल की बोरी ढुलवाने का मामला सामने आया है. छात्र के पिता ने पुलिस और विभागीय अधिकारियों से शिकायत की है कहा है कि वजन ढोने से उनके पुत्र सागर कुमार की हालत बिगड़ गई . जिसका रानीखेत में उपचार किया जा रहा है उन्होंने बाल श्रम कराने वाले शिक्षक और भोजन माता के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है.Body:सोमेश्वर। ताकुला विकास खण्ड के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डॉनी में कक्षा 9 के एक छात्र से मिड डे मील की चावल की बोरियां ढुलवाने का मामला विद्यालय के लिए परेशानी का कारण बन गया है। छात्र के पिता का आरोप है कि चावल की 50 किग्रा0 वजन की बोरी ढोने से उनके पुत्र की आंतों और किडनी में खिंचाव आ गया। यही नही नौबत छात्र को अस्पताल में भर्ती कर ईलाज करने तक पहुंच गई और भुक्तभोगी अभिभावक ने पुलिस थाने, जिला शिक्षा अधिकारी और मुख्यमंत्री तक को शिकायत की है।
मामला डॉनी के राउमा विद्यालय का है जहां के छात्र सागर कुमार के पिता आनन्द राम ने आरोप लगाया है कि गत 18 दिसंबर को विद्यालय के अध्यापक और भोजन माता ने विद्यालय के गोदाम से लगभग 70 मीटर दूर स्थित भोजनालय तक चावल की भरी बोरी सागर से पीठ में ढुलवाने का कार्य किया। आनन्द राम का कहना है कि दूसरे दिन से जब सागर के कमर और पेट मे दर्द होने लगा तो उसे 29 दिसम्बर को उपचार के लिए रानीखेत के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया। एक सप्ताह तक अस्पताल में उपचार करने के बाद सागर के पिता ने 3 जनवरी को पुलिस थाना सोमेश्वर में भी मामले की शिकायत सौंपी।
आनन्द राम का आरोप है कि बाल श्रम कराने वाले अध्यापक और जिम्मेदार अधिकारियों पर शीघ्र कार्यवाही होनी चाहिए। अनुसूचित जाति के इस गरीब छात्र के परिजनों का कहना है कि उनका बेटा स्कूल पढ़ने गया था लेकिन स्कूल प्रशासन ने उससे चावल की बोरी ढुलवाया। उपचार में उनका काफी पैसा बर्बाद होने के साथ ही काफी मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी है।
बताते चलें कि जिला शिक्षाधिकारी ने इस विद्यालय में उपस्थिति आदि अनियमितता के चलते पूर्व में ही विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य किरन रावत और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरीश राम को पद से हटाने के आदेश 05 जुलाई 2019 को जारी किए थे। लेकिन डीईओ के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य आज तक पद पर बनी हैं और अब बाल श्रम कराने के मामले से स्कूल फिर चर्चाओं में है।
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*दूरभाष पर डीईओ का बयान*
उक्त विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य किरन रावत और प्रबन्धक हरीश राम को हटाने के निर्देश मैंने दिए थे लेकिन आश्चर्य है कि ये अब तक कैसे पद पर बने हैं इसकी भी जांच होगी। मुझे एक दिन फोन जरूर आया था लेकिन अभी अभिभावक की लिखित शिकायत नही मिली है। यह मामला गम्भीर है इसलिए शिकायत मिलते ही स्वयं मौके पर जाऊंगा और उचित तथा सख्त कार्यवाही की जाएगी।
एच बी चंद
जिला शिक्षाधिकारी (माध्यमिक) अल्मोड़ा।Conclusion:
Last Updated : Jan 14, 2020, 9:34 PM IST
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