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सोमेश्वर: CM त्रिवेंद्र रावत की घोषणा हवा हवाई, नहीं बदली कांटली सड़क की 'कहानी'

सीएम की घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद भी पच्चीसी-कांटली सड़क की दशा नहीं सुधरी है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है.

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Published : Jan 11, 2020, 7:34 PM IST

someshwar
कांटली सड़क की दशा

सोमेश्वर: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के बावजूद भी सोमेश्वर विधानसभा की कांटली सड़क की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है. डेढ़ साल पहले सोमेश्वर विधानसभा की एक जनसभा में सीएम ने कांटली सड़क की बदहाली को देखते हुए इसके सुदृढ़ीकरण की घोषणा की थी. वहीं खस्ताहाल सड़क की वजह से ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसी बदहाली उस सड़क की है जिसके डामरीकरण और मरम्मत का कार्य कराने की घोषणा स्वंय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांटली की जनसभा में वर्ष 2018 के हरेला पर्व पर की थी. तब सीएम कोसी नदी पुनर्जनन योजना के तहत पौधरोपण करने इसी बदहाल सड़क से कोसी के उद्गम गांव कांटली पहुंचे थे. घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद सड़क के हालात तो नहीं सुधरे लेकिन सड़क बद से बदतर जरूर हो गई है. वहीं सड़क की बदहाली को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है.

बदहाल सड़क

सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र और अल्मोड़ा जिले के सीमान्त गांवों, रुद्रधारी महादेव और पिनाथेश्वर महादेव जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली कांटली सड़क बदतर हो चुकी है. पच्चीसी-कांटली सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे ग्रामीणों और पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. सड़क के अधिकांश कलमठों के बन्द पड़े होने के कारण बरसाती पानी से किसानों के खेतों में फसल को भी नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर चलाया जा रहा जागरुकता अभियान

इसके अलावा जल निकासी की नालियां नेस्तनाबूद होने से सड़क में इकट्ठा पानी कीचड़ राहगीरों और स्कूली बच्चों के ऊपर गिरता रहता है. सड़क के किनारे बने अनेक पैराफिट भी लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़े हैं. जिस कारण अब तक अनेक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.

इस सड़क से कफाड़ी, रौल्याणा गूंठ, मठ, कांटली, प्रसिद्ध पर्यटक और धार्मिक स्थल रुद्रधारी और पिनाथेश्वर महादेव के लिए ग्रामीणों और देश विदेश के पर्यटकों की आवाजाही होती है.

वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष कैलाश जोशी समेत ग्रामीणों ने लोनिवि और जिला प्रशासन से पर्यटन रूट की इस सड़क को अतिशीघ्र दुरुस्त करने की मांग की है.

सोमेश्वर: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा के बावजूद भी सोमेश्वर विधानसभा की कांटली सड़क की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है. डेढ़ साल पहले सोमेश्वर विधानसभा की एक जनसभा में सीएम ने कांटली सड़क की बदहाली को देखते हुए इसके सुदृढ़ीकरण की घोषणा की थी. वहीं खस्ताहाल सड़क की वजह से ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसी बदहाली उस सड़क की है जिसके डामरीकरण और मरम्मत का कार्य कराने की घोषणा स्वंय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांटली की जनसभा में वर्ष 2018 के हरेला पर्व पर की थी. तब सीएम कोसी नदी पुनर्जनन योजना के तहत पौधरोपण करने इसी बदहाल सड़क से कोसी के उद्गम गांव कांटली पहुंचे थे. घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद सड़क के हालात तो नहीं सुधरे लेकिन सड़क बद से बदतर जरूर हो गई है. वहीं सड़क की बदहाली को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है.

बदहाल सड़क

सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र और अल्मोड़ा जिले के सीमान्त गांवों, रुद्रधारी महादेव और पिनाथेश्वर महादेव जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली कांटली सड़क बदतर हो चुकी है. पच्चीसी-कांटली सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे ग्रामीणों और पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. सड़क के अधिकांश कलमठों के बन्द पड़े होने के कारण बरसाती पानी से किसानों के खेतों में फसल को भी नुकसान हो रहा है.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: सड़क सुरक्षा सप्ताह को लेकर चलाया जा रहा जागरुकता अभियान

इसके अलावा जल निकासी की नालियां नेस्तनाबूद होने से सड़क में इकट्ठा पानी कीचड़ राहगीरों और स्कूली बच्चों के ऊपर गिरता रहता है. सड़क के किनारे बने अनेक पैराफिट भी लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़े हैं. जिस कारण अब तक अनेक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.

इस सड़क से कफाड़ी, रौल्याणा गूंठ, मठ, कांटली, प्रसिद्ध पर्यटक और धार्मिक स्थल रुद्रधारी और पिनाथेश्वर महादेव के लिए ग्रामीणों और देश विदेश के पर्यटकों की आवाजाही होती है.

वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष कैलाश जोशी समेत ग्रामीणों ने लोनिवि और जिला प्रशासन से पर्यटन रूट की इस सड़क को अतिशीघ्र दुरुस्त करने की मांग की है.

Intro:सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र और अल्मोड़ा जिले के सीमान्त गांवों, रुद्रधारी महादेव और पिनाथेश्वर महादेव जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली कांटली सड़क बदतर हो चुकी है. जिस सड़क के गड्ढों से हिचकोले खाते सीएम ने यात्रा की और परेशानी को देखते हुए कांटली जनसभा में स्वयं सड़क के सुधारीकरण की घोषणा की वह आज तक कोरी साबित हुई है.Body: सोमेश्वर। पच्चीसी-कांटली सड़क में जगह जगह बने गहरे गड्ढे ग्रामीणों और पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। सड़क के अधिकांश कलमठों के बन्द पड़े होने के कारण बरसाती पानी से किसानों के खेतों में फसल को भी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा जल निकासी की नालियां नेस्तनाबूद होने से सड़क में इकट्ठा पानी कीचड़ राहगीरों और स्कूली बच्चों के ऊपर गिरता रहता है। सड़क के किनारे बने अनेक पेराफिट भी लम्बे समय से क्षतिग्रस्त पड़े हैं जिस कारण सड़क में अब तक अनेक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
ऐसी बदहाली उस सड़क की है जिसके डामरीकरण और मरम्मत कार्य कराने की घोषणा मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांटली की जनसभा में वर्ष 1018 के हरेला पर्व पर की थी। तब सीएम कोसी नदी पुनर्जनन योजना के तहत पौंधरोपण करने इसी बदहाल सड़क से कोसी के उद्गम गांव कांटली में पहुंचे थे। घोषणा के डेढ़ वर्ष बाद सड़क के हालात तो नही सुधरे लेकिन सड़क बद से बदतर जरूर हो गई है और ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
वर्ष 2002 में प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी 9 किमी लम्बी यह सड़क लोनिवि को हस्तांतरित हो चुकी है। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग इस सड़क की सुध नही ले रहा है। इस सड़क से कफाड़ी, रौल्याणा गूंठ, मठ, कांटली, प्रसिद्ध पर्यटक और धार्मिक स्थल रुद्रधारी और पिनाथेश्वर महादेव के लिए ग्रामीणों और देश विदेश के पर्यटकों की आवाजाही होती है।
वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष कैलाश जोशी, पूर्व प्रधान गिरीश काण्डपाल, सामाजिक कार्यकर्ता किशोर भट्ट, राजेन्द्र काण्डपाल, भुवन काण्डपाल, रमेश काण्डपाल आदि ग्रामीणों ने लोनिवि और जिला प्रशासन से पर्यटन रुट की इस सड़क को अतिशीघ्र दुरुस्त करने की मांग की है।
फोटो- पच्चीसी- कांटली मोटर मार्ग में पड़े गहरे गढ्ढे हादसों को दे रहे आमन्त्रण।Conclusion:
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