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खस्ताहाल हालत पर 10 वर्षों से आंसू बहा रहा मार्ग, आखिर कब सुध लेगा प्रशासन?

सोमेश्वर-गिरेछिना मार्ग से जुड़ा संपर्क मार्ग तहसील कार्यालय, उपजिलाधिकारी न्यायालय और उपकोषागार को मुख्य सड़क से जोड़ता है. मार्ग न बनने से आम जनता  के साथ ही तहसील कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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Published : Jan 8, 2020, 1:43 PM IST

Someshwar News
बदहाली पर 10 वर्षों से आंसू बहा रहा सोमेश्वर-गिरेछिना मार्ग.

सोमेश्वर: सोमेश्वर-गिरेछिना से जुड़ा संपर्क मार्ग 10 सालों से खस्ताहाल है. तहसील बनने के 10 साल बीत जाने के बाद भी 500 मीटर सड़क को दुरुस्त नहीं किया जा सका, जो शासन-प्रशासन की सुस्त चाल को दर्शाता है. वहीं इस मार्ग से रोजाना अधिकारी आते-जाते रहते हैं और उनकी नजर जर्जर मार्ग पर नहीं पड़ती है. इस सड़क में कई फरियादी, बुजुर्ग और तहसील के कर्मचारी चोटिल हो चुके हैं. इसके बावजूद सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है.

रोड की जर्जर हालत से लोग परेशान.

गौर हो कि सोमेश्वर-गिरेछिना मार्ग से जुड़ा संपर्क मार्ग तहसील कार्यालय, उपजिलाधिकारी न्यायालय और उपकोषागार को मुख्य सड़क से जोड़ता है. मार्ग न बनने से आम जनता के साथ ही तहसील कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रशासन ने तहसील भवन का निर्माण 2010 में किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 500 मीटर सड़क आज भी खस्ताहाल है.

पढ़ें-बर्फबारी बनी आफत: थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग तीसरे दिन भी बंद, पेयजल और विद्युत आपूर्ति भी ठप

संघर्ष समिति सहित कई संगठन पिछले एक दशक से इसके डामरीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई सिफर रही. जिससे लोगों में रोष गहराता जा रहा है.लोगों का कहना है कि 10 साल बाद भी 500 मीटर सड़क न बनना सरकारी मशीनरी की नाकामी को दर्शाता है.

तहसील कार्यालय, उपकोषागार और एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी और विधिक सेवा से जुड़े व्यवसायी इस बदहाल मार्ग से काफी परेशान हैं. विधिक सेवा दे रहे जगत राम का कहना है कि तीव्र ढलान वाली इस सड़क में कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो चुके हैं.

बरसात के समय इस कच्ची सड़क से वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. कई तहसील दिवसों में सड़क निर्माण की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई. साथ ही जिलाधिकारी को पत्राचार से अवगत किया जा चुका है. शीघ्र तहसील रोड को दुरुस्त और डामरीकरण नहीं किया तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे.

सोमेश्वर: सोमेश्वर-गिरेछिना से जुड़ा संपर्क मार्ग 10 सालों से खस्ताहाल है. तहसील बनने के 10 साल बीत जाने के बाद भी 500 मीटर सड़क को दुरुस्त नहीं किया जा सका, जो शासन-प्रशासन की सुस्त चाल को दर्शाता है. वहीं इस मार्ग से रोजाना अधिकारी आते-जाते रहते हैं और उनकी नजर जर्जर मार्ग पर नहीं पड़ती है. इस सड़क में कई फरियादी, बुजुर्ग और तहसील के कर्मचारी चोटिल हो चुके हैं. इसके बावजूद सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है.

रोड की जर्जर हालत से लोग परेशान.

गौर हो कि सोमेश्वर-गिरेछिना मार्ग से जुड़ा संपर्क मार्ग तहसील कार्यालय, उपजिलाधिकारी न्यायालय और उपकोषागार को मुख्य सड़क से जोड़ता है. मार्ग न बनने से आम जनता के साथ ही तहसील कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्रशासन ने तहसील भवन का निर्माण 2010 में किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 500 मीटर सड़क आज भी खस्ताहाल है.

पढ़ें-बर्फबारी बनी आफत: थल-मुनस्यारी मोटरमार्ग तीसरे दिन भी बंद, पेयजल और विद्युत आपूर्ति भी ठप

संघर्ष समिति सहित कई संगठन पिछले एक दशक से इसके डामरीकरण की मांग कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई सिफर रही. जिससे लोगों में रोष गहराता जा रहा है.लोगों का कहना है कि 10 साल बाद भी 500 मीटर सड़क न बनना सरकारी मशीनरी की नाकामी को दर्शाता है.

तहसील कार्यालय, उपकोषागार और एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी और विधिक सेवा से जुड़े व्यवसायी इस बदहाल मार्ग से काफी परेशान हैं. विधिक सेवा दे रहे जगत राम का कहना है कि तीव्र ढलान वाली इस सड़क में कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो चुके हैं.

बरसात के समय इस कच्ची सड़क से वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. कई तहसील दिवसों में सड़क निर्माण की मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई. साथ ही जिलाधिकारी को पत्राचार से अवगत किया जा चुका है. शीघ्र तहसील रोड को दुरुस्त और डामरीकरण नहीं किया तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे.

Intro:सोमेश्वर की तहसील के साथ उप कोषागार औए परगना मजिस्ट्रेट न्यायालय भी संचालित होता है लेकिन मुख्य सड़क से यहां तक पहुंचने के लिए मात्र पांच सौ मीटर सड़क की बदहाली शासन प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है. इस सड़क में कई फरियादी, बुजुर्ग और तहसील के कर्मचारी बुरी तरह चोटिल हो चुके हैं और शासन प्रशासन के नुमाइंदे खामोश हैं.Body:सोमेश्वर। तहसील कार्यालय, उपजिलाधिकारी न्यायालय और उप कोषागार को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला मार्ग नही बनने से आम जनता और तहसील के कर्मचारियों मो खासा दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. प्रशासन ने तहसील भवन का निर्माण 2010 में किया था मगर हैरानी की बात है कि यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 500 मीटर सड़क आज भी बदहाल हालात में है. संघर्ष समिति सहित कई संगठन पिछले एक दशक से इसके डामरीकरण की मांग कर चुके हैं लेकिन कार्यवाही सिफर रही है. आरोप है कि इसी जर्जर और फिसलन वाले मार्ग से जिले के आला अफसर और शासन के तमाम प्रतिनिधि तहसील दिवस और अन्य कार्यों के लिए हिचकोले खाते हुए आवाजाही करते हैं. लेकिन 10 वर्ष बाद भी मात्र 5 सौ मीटर सड़क नही बनना सरकारी मशीनरी की नाकामी को दर्शाता है.
तहसील कार्यालय, उपकोषागार और एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी और विधिक सेवा से जुड़े व्यवसाय करने वाले लोग इस बदहाल मार्ग से काफी परेशान हैं. विधिक सेवा दे रहे जगत राम का कहना है कि तीव्र ढलान वाली इस सड़क में कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर घायल हो चुके हैं. बरसात के समय इस कच्ची सड़क से वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है अनेक तहसील दिवसों में सड़क निर्माण की मांग की गई लेकिन सड़क बद से बदतर हो गई है. विधिक सेवा के कार्मिकों ने उप जिलाधिकारी को इस आशय का पत्र सौंपते हुए शीघ्र सोमेश्वर- गिरेछिना सड़क तक तहसील रोड को दुरुस्त कर डामरीकरण करने की मांग की है कार्यवाही नही होने पर तहसील में धरना देने की चेतावनी भी ज्ञापन में दी गई है.Conclusion:
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