अल्मोड़ाः ताड़ीखेत ब्लॉक के फयाटनौला गांव में गुलदार ने एक ग्रामीण युवक को अपना निवाला बना लिया. इस घटना से पूरे फयाटनौला क्षेत्र में दहशत का माहौल बना है. ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी है. जिसके बाद वन विभाग की टीम फयाटनौला पहुंच गई है.
ग्रामीणों के मुताबिक, फयाटनौला गांव का युवक जगदीश चंद्र असनोड़ा पुत्र बिशन दत्त असनोड़ा गांव में अकेला ही रहता था. बीती सोमवार की शाम वो घर से करीब तीन किलोमीटर ऊपर स्थित बाजार से सामान खरीद कर वापस लौट रहा था. तभी शाम करीब 7.30 बजे उस पर गुलदार ने जानलेवा हमला कर दिया.
बाजार से लौटते समय गुलदार ने किया हमला: इस बात की जानकारी ग्रामीणों को तब मिली, जब मंगलवार को प्राइमरी स्कूल कनोली के बच्चे और अध्यापक अपने स्कूल में पहुंचे. स्कूल के पास ही खून के निशान मिले. इसके बाद अध्यापकों ने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. ग्रामीण राजेंद्र सिंह मावड़ी ने बताया कि खून के निशान मिलने पर ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की. खोजबीन के दौरान कहीं चप्पल तो कहीं पर कपडे़ पडे़ मिले.
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सूखे नौले के पास मिला जगदीश का शव: काफी खोजबीन के बाद गांव के ही एक नौले के पास झाड़ियों में एक शव पड़ा मिला. जिसके बाद ग्रामीणों को पता लगा कि यह शव गांव के ही जगदीश चंद्र असनोड़ा का है. जिसे गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था. इसके बाद फयाटनौला के ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी.
बारिश के कारण रेस्क्यू में आ रही है दिक्कत: वन क्षेत्राधिकारी तापस मिश्रा ने बताया कि ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि गुलदार ने एक शख्स को निवाला बनाया है. जिसके बाद टीम को फयाटनौला गांव भेजा गया है. शव झाड़ियों के बीच फंसा है. शव को निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बारिश होने के कारण दिक्कतें आ रही हैं.
प्रथम दृष्टया शख्स गुलदार का शिकार बना लगता है. शव को झाड़ियों से निकालकर रानीखेत अस्पताल ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाया जाएगा. वहीं, मृतक के आश्रितों को नियमानुसार मुआवजा राशि भी उपलब्ध कराई जा रही है.
एक किलोमीटर दूर तक घसीट लाया गुलदार: गुलदार ने जहां जगदीश पर हमला किया वो इलाका गांव से एक किलोमीटर से भी ज्यादा दूर ऊंचाई पर स्थित है. घटनस्थाल पर खून के निशान देखकर पता चल रहा है कि गुलदार पहले जगदीश पर हमला कर उसे पहाड़ी की दूसरी तरफ कनोली की ओर ले गया. उसके बाद वो उसे घसीटकर वापस घटनास्थल से पहाड़ी के दूसरी तरफ यानी जगदीश के गांव की ओर ले गया होगा. घर से समानांतर करीब एक किलोमीटर और घटनास्थल से एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर झाड़ियों में शव मिला है.
गांव के घर में अकेला रहता था जगदीश: जगदीश असनोड़ा एक पढ़ा-लिखा नौजवान था. कुछ समय दिल्ली में रहने के बाद वो गांव लौट आया था. जगदीश के दो बड़े भाई मोहन चंद्र असनोड़ा और चंद्रा दत्त असनोड़ा हैं. पिता का काफी समय पहले निधन हो चुका है. दोनों बड़े भाई दिल्ली और राजस्थान में प्राइवेट जॉब करते हैं.