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कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नए सिरे से करेंगे देश के इतिहास का संकलन

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Published : Jul 30, 2019, 3:06 PM IST

कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर देश के इतिहास को एक बार फिर से संकलित करने का प्रयास कर रहे हैं. इसको लेकर विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें इतिहास, समाज और संस्कृति विषयों पर चर्चा की गई.

कुमाऊं विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी

अल्मोड़ा: कुमाऊं विश्वविद्यालय देश के इतिहास को बदलने की कोशिश में जुट गया है. देश के इतिहास का नए सिरे से संकलन के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में इतिहास, समाज और संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में पद्मश्री ललित पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के कुलपति प्रोफेसर केएस राणा सहित दिल्ली-मुंबई यूपी हरियाणा सहित देशभर से पहुंचे 100 से अधिक शोधार्थियों ने अपने विचार विमर्श रखे.

देश का इतिहास बदलेंगे कुमाऊं विवि के प्रोफेसर.

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति ने अल्मोड़ा के इतिहास को क्रांतिकारियों का इतिहास बताया. उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भारत के इतिहास को एकपक्षीय दिखाया गया है. देश के इतिहास में मुगलों को बढ़-चढ़कर दिखाया गया है. जबकि महाराणा प्रताप सहित तमाम शूरवीरों कमतर दिखाने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को नए सिरे से संकलित किया जाएगा.

पढे़ं- केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पोषण अभियान की ली समीक्षा बैठक, लिंगानुपात बढ़ाने के भी दिये निर्देश

वहीं, इतिहासकारों ने कहा कि आजादी से पहले देश के इतिहास में चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु सहित तमाम क्रांतिकारियों को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया. अंग्रेजों और कांग्रेसियों के दबाव में साम्यवादियों द्वारा बनाए गए इतिहास को बदल कर नए स्वरूप में लाने की आवश्यकता है. इसके लिए इतिहास संकलन की एक समिति बनाई गई है. पहले क्षेत्रीय स्तर पर इतिहास का संकलन किया जाएगा और देश के इतिहास का नए सिरे से संकलन होगा.

अल्मोड़ा: कुमाऊं विश्वविद्यालय देश के इतिहास को बदलने की कोशिश में जुट गया है. देश के इतिहास का नए सिरे से संकलन के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में इतिहास, समाज और संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में पद्मश्री ललित पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के कुलपति प्रोफेसर केएस राणा सहित दिल्ली-मुंबई यूपी हरियाणा सहित देशभर से पहुंचे 100 से अधिक शोधार्थियों ने अपने विचार विमर्श रखे.

देश का इतिहास बदलेंगे कुमाऊं विवि के प्रोफेसर.

कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति ने अल्मोड़ा के इतिहास को क्रांतिकारियों का इतिहास बताया. उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भारत के इतिहास को एकपक्षीय दिखाया गया है. देश के इतिहास में मुगलों को बढ़-चढ़कर दिखाया गया है. जबकि महाराणा प्रताप सहित तमाम शूरवीरों कमतर दिखाने का काम किया. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को नए सिरे से संकलित किया जाएगा.

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वहीं, इतिहासकारों ने कहा कि आजादी से पहले देश के इतिहास में चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु सहित तमाम क्रांतिकारियों को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया. अंग्रेजों और कांग्रेसियों के दबाव में साम्यवादियों द्वारा बनाए गए इतिहास को बदल कर नए स्वरूप में लाने की आवश्यकता है. इसके लिए इतिहास संकलन की एक समिति बनाई गई है. पहले क्षेत्रीय स्तर पर इतिहास का संकलन किया जाएगा और देश के इतिहास का नए सिरे से संकलन होगा.

Intro:कुमाऊं विश्वविद्यालय देश के इतिहास को बदलने की कोशिश में जुट गया है। देश के इतिहास नए सिरे से संकलन के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में इतिहास, समाज और संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में पदम श्री ललित पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के कुलपति प्रोफ़ेसर केएस राणा सहित दिल्ली-मुंबई यूपी हरियाणा सहित देशभर से पहुंचे 100 से अधिक शोधार्थियों संगोष्ठी में अपने विचार विमर्श रखे।



Body:कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति ने अल्मोड़ा के इतिहास को क्रांतिकारियों का इतिहास बताया। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व भारत के इतिहास को एकपक्षीय दिखाया गया है। देश के इतिहास में मुगलों को बढ़-चढ़कर दिखाया गया है जबकि महाराणा प्रताप सहित तमाम शूरवीरों कमत्तर दिखाने का काम किया। कुलपति का कहना है कि देश के इतिहास को नए सिरे से संकलन किया जाएगा। वही इतिहासकारों का कहना है कि आजादी से पहले देश के इतिहास में चंद्रशेखर आजाद ,सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु सहित तमाम क्रांतिकारियों को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया । अंग्रेजो और कांग्रेसियों के दबाव में साम्यवादियों द्वारा बनाए गए इतिहास को बदल कर नए स्वरूप में लाने की आवश्यकता है। इसके लिए इतिहास संकलन की एक समिति बनाई गई है पहले क्षेत्रीय स्तर पर इतिहास का संकलन किया जाएगा आगे देश के इतिहास का नए सिरे से संकलन होगा।
उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में शोध पत्र को पढ़ा जाएगा और उत्कृष्ट शोध पत्रों का प्रकाशन किया जाएगा।

बाइट- प्रो के एस राणा, कुलपति कुमाऊँ विवि
बाइट प्रो -वी डी एस नेगी, प्रोफेसर इतिहास एसएसजे विवि अल्मोड़ा


Conclusion:
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