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Animal Lovers: बेजुबानों की मसीहा अल्मोड़ा की वकील साहिबा, रखती हैं 100 से अधिक जानवरों का ख्याल

अल्मोड़ा की कामिनी कश्यप आवारा पशुओं के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं. कामिनी ने अपने घर में एक दो या पांच नहीं, बल्कि सौ से भी ज्यादा बेजुबानों को बच्चों की तरह पाल रहीं हैं. वहीं, उनके इस पशु प्रेम की हर कोई प्रशंसा कर रहा है.

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Published : Jan 19, 2023, 7:24 PM IST

जुबानों की मसीहा अल्मोड़ा की वकील साहिबा.

अल्मोड़ा: बेजुबान जानवरों से प्रेम के किस्से आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन कोई व्यक्ति और खासकर महिला अगर इस काम को बीते 40 सालों से बिना किसी सहायता के कर रही है तो आप क्या कहेंगे? जी हां अल्मोड़ा निवासी एडवोकेट कामिनी कश्यप आवारा और घायल पशुओं के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. उनके पशु प्रेम की वजह से कामिनी को आज पूरे अल्मोड़ा में लोग जानते हैं. उन्होंने हजारों पशुओं को नया जीवनदान दिया है.

कामिनी के घर में रहने वाले यह वह पशु हैं, जो या तो सड़क पर पैदा हुए या फिर सड़क दुर्घटना का शिकार हुए. ये वो गाय और बकरी हैं, जो दूध देने के काबिल नहीं रही तो मालिकों ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया. आज कामिनी कश्यप उन सभी पशुओं को बच्चों की तरह पाल रही है.

कामिनी कश्यप अल्मोड़ा की रहने वाली है. यहीं पर उनका जन्म हुआ और उनका जीवन यहीं पर बीत रहा है. पेशे से वकील कामिनी कश्यप को सड़कों पर घूमते हुए भूखे प्यासे जानवरों को देखकर रहा नहीं जाता. यह काम उन्होंने 40 साल पहले शुरू किया था. कामिनी ने इन आवारा पशुओं को नया जीवनदान देने के लिए अपनी सारी खुशियां कुर्बान कर दी. आज वह पूरा दिन इन पशुओं की ही सेवा में लगी रहती हैं.
ये भी पढ़ें: Joshimath Crisis: जोशीमठ पहुंचे देवेंद्र यादव समेत कई कांग्रेसी, पीड़ितों ने रो-रोकर सुनाया दुखड़ा

कामिनी बताती है कि उन्हें तो याद भी नहीं है कि अब तक उन्होंने कितने जानवरों को पाल-पोस कर बड़ा किया है. कामिनी बताती हैं कि फिलहाल उनके पास लगभग 50 से 60 कुत्ते हैं और 35 से ज्यादा गाय के बछड़े हैं. इतना ही नहीं लगभग 20 उनके पास बकरियां भी मौजूद है. हैरानी की बात यह है कि कामिनी कश्यप के पास जो भी जानवर है ना तो वह दूध देते हैं और ना ही उनसे कुछ काम लिया जा सकता है. बावजूद इसके गृहणी होते हुए भी उनके लिए दिन-रात लगी रहती हैं.

कामिनी बताती है कि उनके पास जो जानवर हैं, उसमें कई अपाहिज भी हैं. उसके बाद भी वो उनके लिए दवाई से लेकर खाने पीने की व्यवस्था करती है. वहीं, अब अल्मोड़ा की सड़कों आवारा पशु को देखकर लोग नगरपालिका को नहीं, बल्कि कामिनी को फोन करते हैं. उनकी लगन और काम को देख कर लोग भी उनकी खूब प्रशंसा करते हैं.

जुबानों की मसीहा अल्मोड़ा की वकील साहिबा.

अल्मोड़ा: बेजुबान जानवरों से प्रेम के किस्से आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन कोई व्यक्ति और खासकर महिला अगर इस काम को बीते 40 सालों से बिना किसी सहायता के कर रही है तो आप क्या कहेंगे? जी हां अल्मोड़ा निवासी एडवोकेट कामिनी कश्यप आवारा और घायल पशुओं के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. उनके पशु प्रेम की वजह से कामिनी को आज पूरे अल्मोड़ा में लोग जानते हैं. उन्होंने हजारों पशुओं को नया जीवनदान दिया है.

कामिनी के घर में रहने वाले यह वह पशु हैं, जो या तो सड़क पर पैदा हुए या फिर सड़क दुर्घटना का शिकार हुए. ये वो गाय और बकरी हैं, जो दूध देने के काबिल नहीं रही तो मालिकों ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया. आज कामिनी कश्यप उन सभी पशुओं को बच्चों की तरह पाल रही है.

कामिनी कश्यप अल्मोड़ा की रहने वाली है. यहीं पर उनका जन्म हुआ और उनका जीवन यहीं पर बीत रहा है. पेशे से वकील कामिनी कश्यप को सड़कों पर घूमते हुए भूखे प्यासे जानवरों को देखकर रहा नहीं जाता. यह काम उन्होंने 40 साल पहले शुरू किया था. कामिनी ने इन आवारा पशुओं को नया जीवनदान देने के लिए अपनी सारी खुशियां कुर्बान कर दी. आज वह पूरा दिन इन पशुओं की ही सेवा में लगी रहती हैं.
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कामिनी बताती है कि उन्हें तो याद भी नहीं है कि अब तक उन्होंने कितने जानवरों को पाल-पोस कर बड़ा किया है. कामिनी बताती हैं कि फिलहाल उनके पास लगभग 50 से 60 कुत्ते हैं और 35 से ज्यादा गाय के बछड़े हैं. इतना ही नहीं लगभग 20 उनके पास बकरियां भी मौजूद है. हैरानी की बात यह है कि कामिनी कश्यप के पास जो भी जानवर है ना तो वह दूध देते हैं और ना ही उनसे कुछ काम लिया जा सकता है. बावजूद इसके गृहणी होते हुए भी उनके लिए दिन-रात लगी रहती हैं.

कामिनी बताती है कि उनके पास जो जानवर हैं, उसमें कई अपाहिज भी हैं. उसके बाद भी वो उनके लिए दवाई से लेकर खाने पीने की व्यवस्था करती है. वहीं, अब अल्मोड़ा की सड़कों आवारा पशु को देखकर लोग नगरपालिका को नहीं, बल्कि कामिनी को फोन करते हैं. उनकी लगन और काम को देख कर लोग भी उनकी खूब प्रशंसा करते हैं.

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