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लंबे समय बाद श्रद्धालुओं के लिए खुला जागेश्वर मंदिर, पहले दिन कम आए श्रद्धालु

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Published : Jun 22, 2021, 3:00 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 3:59 PM IST

अल्मोड़ा का जागेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है. हालांकि मंदिर खुलने के पहले दिन कम श्रद्धालु ही दिखाई दिए.

लंबे समय बाद श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुला जागेश्वर मंदिर
लंबे समय बाद श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुला जागेश्वर मंदिर

अल्मोड़ा: कोरोना के चलते लंबे समय से बंद पड़े विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर को आज से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. हालांकि कोरोनाकाल के चलते मंदिर के खुलने के बाद पहले दिन कम श्रद्धालु नजर आए. पहले इन दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ हुआ करती थी. फिलहाल मंदिर में केवल दर्शन की अनुमति दी गई है.

पूजा व अन्य कर्मकांड पहले की तरह ऑनलाइन ही चलेंगे. मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि कोरोना का प्रकोप कम होने पर मंदिर समिति ने जिला प्रशासन से मंदिर खुलवाने की अनुमति मांगी थी. प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की शर्त पर अनुमति दे दी है.

लंबे समय बाद श्रद्धालुओं के लिए खुला जागेश्वर मंदिर.

मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का मुख्य प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड के साथ पंजीकरण किया जाएगा. सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की गई है. कोरोना के लक्षण होने पर श्रद्धालु मंदिर के अंदर नहीं जा पाएंगे.

पढ़ें: उत्तराखंड : भारी बारिश व भूस्खलन से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद

मंदिर सुबह 7 से शाम 6 बजे तक खुलेगा. इसके बाद किसी को भी मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. मंदिर दर्शन के दौरान कोई भी पुजारी श्रद्धालु के संपर्क में नहीं आएगा. मंदिर के अंदर जल चढ़ाना, टीका लगाना, घंटी बजाना, प्रसाद लेना और देना पूर्व की तरह प्रतिबंधित रहेगा.

मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश पूर्ण रूप से अभी भी प्रतिबंधित रहेगा. मंदिर के पुजारी तारा दत्त भट्ट ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर है. यह 125 छोटे बड़े मंदिरों का समूह है. हर साल सावन के महीने में यहां मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचते हैं.

अल्मोड़ा: कोरोना के चलते लंबे समय से बंद पड़े विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर को आज से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. हालांकि कोरोनाकाल के चलते मंदिर के खुलने के बाद पहले दिन कम श्रद्धालु नजर आए. पहले इन दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ हुआ करती थी. फिलहाल मंदिर में केवल दर्शन की अनुमति दी गई है.

पूजा व अन्य कर्मकांड पहले की तरह ऑनलाइन ही चलेंगे. मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि कोरोना का प्रकोप कम होने पर मंदिर समिति ने जिला प्रशासन से मंदिर खुलवाने की अनुमति मांगी थी. प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की शर्त पर अनुमति दे दी है.

लंबे समय बाद श्रद्धालुओं के लिए खुला जागेश्वर मंदिर.

मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का मुख्य प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड के साथ पंजीकरण किया जाएगा. सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी की गई है. कोरोना के लक्षण होने पर श्रद्धालु मंदिर के अंदर नहीं जा पाएंगे.

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मंदिर सुबह 7 से शाम 6 बजे तक खुलेगा. इसके बाद किसी को भी मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. मंदिर दर्शन के दौरान कोई भी पुजारी श्रद्धालु के संपर्क में नहीं आएगा. मंदिर के अंदर जल चढ़ाना, टीका लगाना, घंटी बजाना, प्रसाद लेना और देना पूर्व की तरह प्रतिबंधित रहेगा.

मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश पूर्ण रूप से अभी भी प्रतिबंधित रहेगा. मंदिर के पुजारी तारा दत्त भट्ट ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर है. यह 125 छोटे बड़े मंदिरों का समूह है. हर साल सावन के महीने में यहां मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचते हैं.

Last Updated : Jun 22, 2021, 3:59 PM IST
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