अल्मोड़ाः पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने अपने पैतृक गांव मोहनरी में काफल पार्टी का आयोजन किया. जिसमें काफी संख्या में लोगों ने शिरकत कर पहाड़ी फल काफल का पिसी नूण के साथ जमकर स्वाद लिया. हरीश रावत की इस काफल पार्टी में उनके करीबी माने जाने वाले पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक दो क्विंटल काफल लेकर पहुंचे तो वहीं उनके साथ पहुंची महिला टीम ने सभी लोगों को काफल के साथ पिसा हुआ पहाड़ी नमक बांटा.
गौर हो कि पहाड़ी संस्कृति और पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समय-समय पर इस तरह के आयोजन करते हैं. इस काफल पार्टी के लिए लमगड़ा विकासखंड से बेहद रसीले काफल एकत्रित कर पूर्व राज्य मंत्री बिट्टू कर्नाटक मोहनरी पहुंचे. उनके साथ पहुंची महिलाएं भी सिलबट्टे पर पीसकर पहाड़ी नूण (नमक) तैयार कर आई थीं.
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पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमारे पहाड़ी उत्पादों को लगातार विश्व पटल पर लाने का प्रयास करते रहते हैं. उन्हीं का अनुसरण कर वर्तमान में अन्य नेता भी पहाड़ी उत्पादों के प्रचार करने लगे हैं. उन्होंने झंगोरा की खीर, भट्ट के डूबके, पहाड़ी ककड़ी का रायता, मंडुआ आदि को उत्तराखंड के अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल में भी प्रसिद्ध किया है.
बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि हरीश रावत के प्रयास से ही झंगोरा और मंडुए की मांग पूरे देश समेत विश्व में भी बढ़ी है. उन्होंने बताया कि जल्द ही पहाड़ी उत्पादों की पार्टी का आयोजन मुंबई में भी किया जाएगा. काफल पार्टी को सफल बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिट्टू कर्नाटक की सराहना की. बता दें कि हरीश रावत कभी आम तो कभी रायता पार्टी करते दिखे जाते हैं. कभी भुट्टा खाते तो कभी गेठी का स्वाद लेते नजर आते हैं.
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हरदा ने कही दिल छूने वाली बातः वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि काफल पार्टी में जिन लोगों का मन नहीं भरा, उनके लिए अगली काफल पार्टी बिट्टू कर्नाटक के कैंप कार्यालय में होगी. इस दौरान उन्होंने काफल पार्टी में अल्माेड़ा से पहुंची महिला टीम की भी सराहना की. मीडिया के पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काफल पार्टी का राजनीति से कोई मतलब नहीं है. विरोधी तो कुछ न कुछ कहते ही हैं. इसका उद्देश्य उनकी आर्थिकी को बढ़ाना है, जो लोग इससे जुड़े हैं.