ETV Bharat / state

स्वर्ण आलू को नहीं मिल रही मंडी और कोल्ड स्टोरेज, किसान मायूस - Potato Farmers disappointed

अल्मोड़ा के सोमेश्वर में मंडी और कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से किसान मायूस हैं. इस इलाके में उगाया जाने वाला स्वर्ण आलू बहुत ही गुणकारी माना जाता है.

cold storage
किसान मायूस
author img

By

Published : Jun 8, 2021, 2:46 PM IST

अल्मोड़ा: जिले का सोमेश्वर क्षेत्र आलू उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. यहां की 65 ग्राम सभाओं के काश्तकार हजारों नाली उपजाऊ भूमि में जैविक आलू का बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं. स्थानीय स्तर पर कोल्ड स्टोरेज और विपणन की व्यवस्था नहीं होने के चलते किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पाता है.

किसान आलू को ओने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. इससे काश्तकार खासे मायूस हैं. काश्तकार राज्य सरकार से कोल्ड स्टोरेज और मंडी बनाने की मांग की है. ताकि यहां काश्तकारों का ये एक बड़ा रोजगार बन सके.

ये भी पढ़ें: IBPS भर्ती 2021 : बैंक में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर, ऐसे करें आवेदन

बता दें कि अल्मोड़ा जनपद की सोमेश्वर क्षेत्र की बौरारो घाटी कृषि के लिये प्रसिद्ध है. यहां के सैकड़ों किसान आलू का उत्पादन करते हैं जो पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक होता है. पूरे क्षेत्र में हजारों कुंतल आलू की पैदावार होती है. लेकिन मंडी और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के किसान काफी परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि पूरे 6 महीने के मेहनत के बाद भी उनको निराशा ही हाथ लगती है. आधा दर्जन गांवों की हजारों नाली भूमि में इसकी पैदावार की जाती है. उन्होंने बताया कि आलू की पैदावार अच्छी होती है. पर यहां पर मंडी और कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण उनको ओने-पौने दामों में आलू बेचना पड़ता है. इससे उनको बीज की कीमत भी नहीं मिल पाती है.

ये भी पढ़ें: आज से शुरू हुई एमडीडीए की ओटीएस स्कीम, ऑनलाइन करें आवेदन

किसानों ने बताया कि यहां का आलू बहुत गुणकारी और पूर्ण रूप से जैविक है. उनका कहना है कि इस आलू को स्वर्ण आलू भी कहा जाता है. उनको इसका बीज उद्यान विभाग नहीं दे पाता है. इस कारण उनको बीज लाने के लिये दूर-दूर भटकना पड़ता है.

अल्मोड़ा: जिले का सोमेश्वर क्षेत्र आलू उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. यहां की 65 ग्राम सभाओं के काश्तकार हजारों नाली उपजाऊ भूमि में जैविक आलू का बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं. स्थानीय स्तर पर कोल्ड स्टोरेज और विपणन की व्यवस्था नहीं होने के चलते किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पाता है.

किसान आलू को ओने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. इससे काश्तकार खासे मायूस हैं. काश्तकार राज्य सरकार से कोल्ड स्टोरेज और मंडी बनाने की मांग की है. ताकि यहां काश्तकारों का ये एक बड़ा रोजगार बन सके.

ये भी पढ़ें: IBPS भर्ती 2021 : बैंक में नौकरी पाने का सुनहरा अवसर, ऐसे करें आवेदन

बता दें कि अल्मोड़ा जनपद की सोमेश्वर क्षेत्र की बौरारो घाटी कृषि के लिये प्रसिद्ध है. यहां के सैकड़ों किसान आलू का उत्पादन करते हैं जो पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक होता है. पूरे क्षेत्र में हजारों कुंतल आलू की पैदावार होती है. लेकिन मंडी और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के किसान काफी परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि पूरे 6 महीने के मेहनत के बाद भी उनको निराशा ही हाथ लगती है. आधा दर्जन गांवों की हजारों नाली भूमि में इसकी पैदावार की जाती है. उन्होंने बताया कि आलू की पैदावार अच्छी होती है. पर यहां पर मंडी और कोल्ड स्टोरेज नहीं होने के कारण उनको ओने-पौने दामों में आलू बेचना पड़ता है. इससे उनको बीज की कीमत भी नहीं मिल पाती है.

ये भी पढ़ें: आज से शुरू हुई एमडीडीए की ओटीएस स्कीम, ऑनलाइन करें आवेदन

किसानों ने बताया कि यहां का आलू बहुत गुणकारी और पूर्ण रूप से जैविक है. उनका कहना है कि इस आलू को स्वर्ण आलू भी कहा जाता है. उनको इसका बीज उद्यान विभाग नहीं दे पाता है. इस कारण उनको बीज लाने के लिये दूर-दूर भटकना पड़ता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.