अल्मोड़ा: रानीखेत में कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर के तत्वावधान में पूर्व सैनिकों के लिए 'न्याय चला फौजी से मिलने' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के पूर्व सैनिकों, विधवाओं और वीर नारियों को कानूनी अधिकारों से रूबरू करना और उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिलाना है. कार्यक्रम की अध्यक्षता सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने की.
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पहले पूर्व सैनिकों व आश्रितों के लंबित पड़े मामलों की सुनवाई के लिए लखनऊ का रूख करना पड़ता था. जिस कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब पूर्व सैनिकों व आश्रितों के लंबित पड़े मामलों की सुनवाई नैनीताल में ही हो जाएगी.
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उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत अभी रानीखेत से की गई है. भविष्य में देहरादून, लैंसडाउन और हल्द्वानी में भी ये कार्यक्रम किया जाएगा. यहां भी उनकी सुनवाई हो सकेगी, जिससे पूर्व सैनिकों व आश्रितों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से न्यायाधिकरण ने सेना के साथ मिलकर पूर्व सैनिकों को कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. पैरा लीगल वालंटियर की सूची और उनके नंबर भी जिला सैनिक अधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं.
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अधिकारियों ने कहा कि पूर्व सैनिकों को घर-घर तक कानूनी जानकारी उपलब्ध कराना उनका उद्देश्य है. इस कार्यक्रम में अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले के सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों ने प्रतिभाग किया.