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अल्मोड़ा के रवि ने तैयार की आग बुझाने वाली अनोखी मशीन, वनों को बचाने में आएगी काम

अल्मोड़ा के रवि टम्टा ने वनाग्नि से निपटने के लिए एक अनोखी मशीन तैयार की है. इस मशीन से बिना पानी की मदद से आग पर काबू पाया जा सकता है. आग बुझाने वाला यह उपकरण बाकी के आग बुझाने वाले उपकरणों से काफी सस्ता है.

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अल्मोड़ा के रवि टम्टा ने तैयार की आग बुझाने वाली अनोखी मशीन
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Published : Apr 4, 2022, 4:55 PM IST

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में वनाग्नि एक बड़ी समस्या है. गर्मियों के सीजन में यहां लाखों-करोड़ों की वन संपदा वनाग्नि की भेंट चढ़ जाती है. साथ ही इससे पशु, पक्षी और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचता है. वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के लिए अल्मोड़ा के रवि टम्टा ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो बिना पानी के आसानी से आग को बुझा सकती है.

इस मशीन की खासियत यह है कि इसे एक ही व्यक्ति आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. दूसरा यह मशीन बहुत कम लागत के साथ कम समय में आग पर काबू पा लेती है. जिसके कारण यह पहाड़ों के लिए बहुत उपयोगी है.

पढ़ें- केदारनाथ की ध्यान गुफाओं की बंपर डिमांड, मई-जून के लिए फुल हुई बुकिंग, PM मोदी ने की थी साधना

अल्मोड़ा के धौलादेवी विकासखंड के दुनाड़ गांव निवासी रवि टम्टा लंबे समय से इसकी रिसर्च में जुटे हुए थे. इससे पहले वह इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का चार्जर, बांस बुनने की मशीन समेत कई अन्य उपयोगी मशीनें बना चुके हैं. इस बार उन्होंने पहाड़ो में वनाग्नि से निपटने के लिए आग बुझाने की मशीन बनाई है. जिसमें एक मशीन इलेक्ट्रिक जबकि एक पेट्रोल से चलने वाली है. उन्होंने बताया पेट्रोल से चलने वाली मशीन की कीमत लगभग 15 हजार रुपए है, जबकि बैटरी से चलने वाली मशीन थोड़ा महंगी है, जिसकी कीमत 18 से 20 हजार रुपए के आसपास है.

इलेक्ट्रिक मशीन का भार लगभग ढाई किलोग्राम जबकि पेट्रोल से चलने वाली मशीन का भार साढ़े 4 किलोग्राम है. जिसे आसानी से पीठ पर बांधकर आग को बुझाया जा सकता है. रवि टम्टा का कहना है कि यह उपकरण बाकी आग बुझाने वाले उपकरणों से काफी सस्ता है. जंगल में अभी तक आग बुझाने के लिए पानी या अन्य साधनों का उपयोग किया जाता था जो काफी महंगे होते हैं, लेकिन इसकी मदद से आसानी से आग पर बहुत कम समय में बुझायी जा सकती है.

पढ़ें- सीएम धामी से मिला नेपाली प्रतिनिधिमंडल, बॉर्डर समेत तमाम मुद्दों पर हुई बात

रवि ने बताया वह इस मशीन का डेमोस्ट्रेशन अभी तक अल्मोड़ा के मुख्य विकास अधिकारी और डीएफओ के सामने दे चुके हैं. रवि टम्टा ने 12 वीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से की, जिसके बाद ओपन यूनिवर्सिटी से उन्होंने स्नातक किया है. रवि बताते हैं कि वह पहाड़ की समस्याओं के समाधान के लिए लंबे समय से रिसर्च में जुटे हैं. 12 वीं की पढ़ाई जब वह विज्ञान विषय से कर रहे थे, तब से ही वह नई-नई खोजों में जुट गए थे. अब तक वह कई उपयोगी मशीनें तैयार कर चुके हैं.

अल्मोड़ा: उत्तराखंड में वनाग्नि एक बड़ी समस्या है. गर्मियों के सीजन में यहां लाखों-करोड़ों की वन संपदा वनाग्नि की भेंट चढ़ जाती है. साथ ही इससे पशु, पक्षी और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचता है. वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने के लिए अल्मोड़ा के रवि टम्टा ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो बिना पानी के आसानी से आग को बुझा सकती है.

इस मशीन की खासियत यह है कि इसे एक ही व्यक्ति आसानी से इस्तेमाल कर सकता है. दूसरा यह मशीन बहुत कम लागत के साथ कम समय में आग पर काबू पा लेती है. जिसके कारण यह पहाड़ों के लिए बहुत उपयोगी है.

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अल्मोड़ा के धौलादेवी विकासखंड के दुनाड़ गांव निवासी रवि टम्टा लंबे समय से इसकी रिसर्च में जुटे हुए थे. इससे पहले वह इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का चार्जर, बांस बुनने की मशीन समेत कई अन्य उपयोगी मशीनें बना चुके हैं. इस बार उन्होंने पहाड़ो में वनाग्नि से निपटने के लिए आग बुझाने की मशीन बनाई है. जिसमें एक मशीन इलेक्ट्रिक जबकि एक पेट्रोल से चलने वाली है. उन्होंने बताया पेट्रोल से चलने वाली मशीन की कीमत लगभग 15 हजार रुपए है, जबकि बैटरी से चलने वाली मशीन थोड़ा महंगी है, जिसकी कीमत 18 से 20 हजार रुपए के आसपास है.

इलेक्ट्रिक मशीन का भार लगभग ढाई किलोग्राम जबकि पेट्रोल से चलने वाली मशीन का भार साढ़े 4 किलोग्राम है. जिसे आसानी से पीठ पर बांधकर आग को बुझाया जा सकता है. रवि टम्टा का कहना है कि यह उपकरण बाकी आग बुझाने वाले उपकरणों से काफी सस्ता है. जंगल में अभी तक आग बुझाने के लिए पानी या अन्य साधनों का उपयोग किया जाता था जो काफी महंगे होते हैं, लेकिन इसकी मदद से आसानी से आग पर बहुत कम समय में बुझायी जा सकती है.

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रवि ने बताया वह इस मशीन का डेमोस्ट्रेशन अभी तक अल्मोड़ा के मुख्य विकास अधिकारी और डीएफओ के सामने दे चुके हैं. रवि टम्टा ने 12 वीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से की, जिसके बाद ओपन यूनिवर्सिटी से उन्होंने स्नातक किया है. रवि बताते हैं कि वह पहाड़ की समस्याओं के समाधान के लिए लंबे समय से रिसर्च में जुटे हैं. 12 वीं की पढ़ाई जब वह विज्ञान विषय से कर रहे थे, तब से ही वह नई-नई खोजों में जुट गए थे. अब तक वह कई उपयोगी मशीनें तैयार कर चुके हैं.

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