रानीखेत: विधानसभा क्षेत्र में यूकेडी ने बैठक का आयोजन किया. इस दौरान वहां राज्य निर्माण में किए गए संघर्ष के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. बैठक में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय दलों को राज्य की अवधारणा से कोई सरोकार नहीं है. यूकेडी गांव-गांव जाकर राष्ट्रीय दलों की नाकामियों को उजागर करेगी. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्तराखंड क्रांति दल की सदस्यता भी ली.
पढ़ें- विचार करने के बाद ही लागू होंगी इंटरस्टेट मूवमेंट की गाइडलाइन- CM
दरअसल, सदस्यता अभियान के साथ यूकेडी भी अब चुनावी मोड में आ गयी है. पूर्व कुमाऊं प्रभारी कुंदन सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में हुई बैठक को संबोधित करते हुए यूकेडी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह माहरा ने कहा कि राज्य की लड़ाई में यूकेडी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. 1979 में दल का गठन होने के बाद यूकेडी ने तमाम आंदोलनों में भाग लिया. पार्टी ने पृथक राज्य के लिए संघर्ष किया. 2000 में राज्य बनने के बाद बारी-बारी से भाजपा और कांग्रेस सत्ता में आईं और राज्य को गर्त में धकेलने का काम किया. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों की कुनीतियों के चलते राज्य में पलायन बढ़ा है.
शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के कार्यकाल के दौरान स्थानीय संसाधानों पर आधारित उद्योग-धंधे तक विकसित नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में माफियाराज की संस्कृति को राष्ट्रीय दलों ने ही बढ़ावा दिया है. बैठक में उप प्रधान प्रीति पंत के नेतृत्व में कामिनी पंत, तारा तिवारी, मीना तिवारी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने पार्टी की सदस्यता ली.