अल्मोड़ाः पर्वतीय जिलों में बेहतर संचार सेवा मुहैया कराने का दावा करने वाला भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. कुमाऊं मंडल के हजारों उपभोक्ता बीएसएनएल से जुड़े हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते निगम लगातार घाटे में चल रहा है. जिस कारण अभीतक 74 कर्मचारियों ने वीआरएस ले लिया है. वहीं, स्टाफ की कमी के कारण बीएसएनएल की संचार सेवा बदहाल होती जा रही है. जिससे उपभोक्ता भी परेशान हो रहे हैं.
बता दें कि, कुमाऊं मंडल के चार जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ में मोबाइल के 3 लाख, लैंडलाइन के 5100 व ब्रॉडबैंड के 8800 उपभोक्ता बीएसएनएल से जुड़े हैं. ऐसे में बीएसएनएल का घाटे में जाना उपभोक्ताओं को सीधे प्रभावित कर रहा है.
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अल्मोड़ा बीएसएनएल के महाप्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि उपभोक्ताओं का आज भी बीएसएनएल पर भरोसा कायम है, लेकिन बीएसएनएल आर्थिक घाटे से जूझ रहा है. बीएसएनएल में पहले कर्मचारी और अधिकारियों को मिलाकर कुल 131 का स्टाफ था, लेकिन 74 लोगों के वीआरएस लेने के बाद अब कुल 53 लोगों का स्टाफ बचा है.
उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी से भी व्यवस्थाएं चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, अभी स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ रखा गया है. जिससे व्यस्थाओं को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है.