ऋषिकेश: प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने पिछले दिनों जमकर तबाही मचाई, जिसके कारण लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा. लगातार हो रही बारिश से नदी,नाले सब उफान पर हैं. जिसके कारण नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को डर के साये में जीने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं नदियों में बढ़े पानी के जलस्तर के कारण अच्छी खबर भी सामने आई है. टिहरी डैम में एक दिन में जमा किये गये बारिश के पानी से टीएचडीसी को 30 करोड़ का फायदा हुआ है. जिससे राज्य का राजस्व भी बढ़ना लाजमी है.
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण गढ़वाल क्षेत्र में जगह-जगह पर जलभराव हो गया था, जिसके कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे. हालांकि इस पूरे मामले में टिहरी बांध की भूमिका के बाद नुकसान पर काफी हद तक काबू पाया गया. गढ़वाल क्षेत्र में बादल फटने और बारिश की वजह से एकाएक काफी पानी आ गया था. जिसे टिहरी डैम में स्टोर किया.
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टिहरी डैम में एक दिन में 3.75 मीटर तक पानी को स्टोर किया गया. जिसकी वजह से तराई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा नहीं हुए. अगर इस पूरे पानी को टिहरी डैम में रोकने के बजाय छोड़ दिया जाता तो ऋषिकेश, हरिद्वार तराई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती. जिसे देखते हुए टीएचडीसी के अधिकारियों ने पानी को स्टोर करने का निर्णय लिया.
प्रदेश को होगी 3 करोड़ 60 लाख रुपए का फायदा
टीएचडीसी के तकनीकी निदेशक एचएल अरोड़ा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि प्रदेश में हुई भारी बारिश के चलते और बादल फटने के कारण डैम में भारी मात्रा में पानी आ गया था. जिसे स्टोर कर लिया गया था. अरोड़ा ने बताया कि डैम में स्टोर किये गये पानी से 70 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादित की जा सकेगी. जिसकी कीमत लगभग 30 करोड़ रुपए होगी. उन्होंने बताया कि बरसात के समय स्टोर किये गये पानी से जहां टीएचडीसी को फायदा होगा वहीं इससे राज्य के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. एचएल अरोड़ा ने बताया कि अनुबंध के अनुसार 30 करोड़ का 12 प्रतिशत फायदा उत्तराखंड कोई मिलेगा यानी एक दिन के जमा किये गये पानी से बनने वाली बिजली से उत्तराखंड को 3 करोड़ 60 लाख रुपए का फायदा होगा.