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गजबः विकास कार्यों के लिए मिले पैसों को खर्च नहीं कर सका ऋषिकेश नगर निगम, हुआ लैप्स

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Published : Aug 1, 2019, 11:36 PM IST

पूर्व में नगर पालिका रहे ऋषिकेश शहर में विकास कार्यों के लिए 14वें वित्त आयोग से पैसा रिलीज किया गया था, लेकिन पूरा पैसा खर्च होने से पहले ही नगर पालिका ऋषिकेश को अपग्रेड कर नगर निगम बना दिया गया.

निगम के अधिकारियों की लापरवाही से लैप्स हुए करोड़ों रुपए.

ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश को 14वें वित्त आयोग से जो पैसे मिले थे, उनमें से करोड़ों रुपए लैप्स हो गए हैं. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम के अधिकारी अपने काम के प्रति कितने गंभीर हैं. इससे पहले अपग्रेड होकर बने नगर निगम में 14वें वित्त आयोग के पैसों में से लगभग 11 करोड़ रुपए बचे हुए थे. जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है. ऐसे में अब निगम ने पैसे खर्च करने की समय वृद्धि के लिए शहरी विकास सचिव को पत्र भेजा है.

निगम के अधिकारियों की लापरवाही से लैप्स हुए करोड़ों रुपए.
बता दें कि पूर्व में नगर पालिका रहे ऋषिकेश शहर में विकास कार्यों के लिए 14वें वित्त आयोग से पैसा रिलीज किया गया था, लेकिन पूरा पैसा खर्च होने से पहले ही नगर पालिका ऋषिकेश को अपग्रेड कर नगर निगम बना दिया गया. जिसके कारण नगर पालिका ऋषिकेश को भंग करना पड़ा था. पालिका भंग होने के बाद पालिका के खाते में 11 करोड़ रुपए बचे हुए थे, जो क्षेत्र के विकास कार्य में खर्च किए जाने थे. नगर निगम ऋषिकेश में चुनाव संपन्न होने के बाद निगम में काम का दौर शुरू हुआ. लेकिन निगम के अधिकारी उन पैसों में से सिर्फ 3 करोड़ रुपये ही विकास कार्यो के लिए खर्च कर पाये. जिसके कारण 8 करोड़ बच गए. अब इन पैसों के खर्च की समय सीमा समाप्त हो गई है. इतना ही नहीं 14वें वित्त आयोग से मिले इन पैसों की समय सीमा पहले भी दो बार बढ़ाई जा चुकी है.

पढ़ें-अब नाली में कूड़ा बहाने वाले होटल और रेस्टोरेंट संचालकों की खैर नहीं...

नगर निगम गठन के 8 महीने से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन ऋषिकेश में विकास की गति रफ्तार नहीं पकड़ पाई है. यहां आज भी सड़कों की स्थिति खस्ताहाल है. नालियां ओवरफ्लो हैं. ड्रेनेज सिस्टम बदहाल है. बावजूद इसके नगर निगम 14वें वित्त आयोग से मिले पैसों को विकासकार्यों में खर्च नहीं कर पाया. जिसके कारण पहले भी पार्षदों ने बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा किया था. पार्षदों का कहना था कि नगर निगम के उच्च अधिकारियों को 14वें वित्त आयोग के 8 करोड़ रुपए खाते में बचे होने की सूचना निगम के एकाउंटेंट को देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया.जिसके लिए एकाउंटेंट पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें-ईटीवी भारत के खुलासे के बाद कुंभकरणी नींद से जागा निगम प्रशासन, कांजी हाउस शिफ्ट करने की कही बात

वहीं मामले पर बोलते हुए ऋषिकेश नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने बताया कि 14वें वित्त आयोग से मिले पैसों में से 8 करोड़ रुपए लैप्स होने की सूचना उन्हें जून में मिली. जिसके बाद उन्होंने शासन को इस मामले में पत्र लिखकर समयावधि बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पहले भी चुनाव आचार संहिता के कारण ये पैसे खर्च नहीं किये जा सके. जिसके बाद एक बार फिर से पैसे खर्च करने की समय अवधि बढ़ाने के लिए पत्र लिखा गया है.

ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश को 14वें वित्त आयोग से जो पैसे मिले थे, उनमें से करोड़ों रुपए लैप्स हो गए हैं. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम के अधिकारी अपने काम के प्रति कितने गंभीर हैं. इससे पहले अपग्रेड होकर बने नगर निगम में 14वें वित्त आयोग के पैसों में से लगभग 11 करोड़ रुपए बचे हुए थे. जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है. ऐसे में अब निगम ने पैसे खर्च करने की समय वृद्धि के लिए शहरी विकास सचिव को पत्र भेजा है.

निगम के अधिकारियों की लापरवाही से लैप्स हुए करोड़ों रुपए.
बता दें कि पूर्व में नगर पालिका रहे ऋषिकेश शहर में विकास कार्यों के लिए 14वें वित्त आयोग से पैसा रिलीज किया गया था, लेकिन पूरा पैसा खर्च होने से पहले ही नगर पालिका ऋषिकेश को अपग्रेड कर नगर निगम बना दिया गया. जिसके कारण नगर पालिका ऋषिकेश को भंग करना पड़ा था. पालिका भंग होने के बाद पालिका के खाते में 11 करोड़ रुपए बचे हुए थे, जो क्षेत्र के विकास कार्य में खर्च किए जाने थे. नगर निगम ऋषिकेश में चुनाव संपन्न होने के बाद निगम में काम का दौर शुरू हुआ. लेकिन निगम के अधिकारी उन पैसों में से सिर्फ 3 करोड़ रुपये ही विकास कार्यो के लिए खर्च कर पाये. जिसके कारण 8 करोड़ बच गए. अब इन पैसों के खर्च की समय सीमा समाप्त हो गई है. इतना ही नहीं 14वें वित्त आयोग से मिले इन पैसों की समय सीमा पहले भी दो बार बढ़ाई जा चुकी है.

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नगर निगम गठन के 8 महीने से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन ऋषिकेश में विकास की गति रफ्तार नहीं पकड़ पाई है. यहां आज भी सड़कों की स्थिति खस्ताहाल है. नालियां ओवरफ्लो हैं. ड्रेनेज सिस्टम बदहाल है. बावजूद इसके नगर निगम 14वें वित्त आयोग से मिले पैसों को विकासकार्यों में खर्च नहीं कर पाया. जिसके कारण पहले भी पार्षदों ने बोर्ड बैठक में जमकर हंगामा किया था. पार्षदों का कहना था कि नगर निगम के उच्च अधिकारियों को 14वें वित्त आयोग के 8 करोड़ रुपए खाते में बचे होने की सूचना निगम के एकाउंटेंट को देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया.जिसके लिए एकाउंटेंट पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

पढ़ें-ईटीवी भारत के खुलासे के बाद कुंभकरणी नींद से जागा निगम प्रशासन, कांजी हाउस शिफ्ट करने की कही बात

वहीं मामले पर बोलते हुए ऋषिकेश नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने बताया कि 14वें वित्त आयोग से मिले पैसों में से 8 करोड़ रुपए लैप्स होने की सूचना उन्हें जून में मिली. जिसके बाद उन्होंने शासन को इस मामले में पत्र लिखकर समयावधि बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पहले भी चुनाव आचार संहिता के कारण ये पैसे खर्च नहीं किये जा सके. जिसके बाद एक बार फिर से पैसे खर्च करने की समय अवधि बढ़ाने के लिए पत्र लिखा गया है.

Intro:ऋषिकेश--नगर निगम ऋषिकेश में चौदवें वित्त आयोग से मिले पैसों में से बचे 8 करोड़ रुपए लैप्स हो गए,अब ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारी कितने कामकाजी हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है,पूर्व में रही नगर पालिका से अपग्रेड होकर बने नगर निगम में चौदवें वित्त आयोग के पैसों में से लगभग 11 करोड़ बचे हुए थे,जिसकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है,निगम के द्वारा समय वृद्धि के लिए शहरी विकास सचिव को पत्र भेजा गया है।


Body:वी/ओ--आपको बता दें कि पूर्व में रही नगर पालिका ऋषिकेश को शहर में विकास कार्यों के लिए 14 वित्त आयोग से पैसा रिलीज किया गया था लेकिन पूरा पैसा खर्च होने से पहले ही नगर पालिका ऋषिकेश को अपग्रेड कर नगर निगम बना दिया गया था जिस कारण नगर पालिका ऋषिकेश को भंग करना पड़ा था पालिका भंग होने के बाद पालिका के खाते में 11 करोड़ रुपए बचे हुए थे जो क्षेत्र के विकास कार्य में खर्च किए जाने थे लगभग 1 वर्ष के अंतराल में नगर निगम ऋषिकेश में चुनाव संपन्न होने के बाद निगम में काम का जो का दौर शुरू हुआ लेकिन आपको बता दें की निगम के अधिकारी उन पैसों में से सिर्फ 3 करोड़ रुपये ही विकास कार्यो के लिए खर्च कर सके और 8 करोड़ बच गए,जिसके बाद पैसे को खर्च करने की समय सीमा समाप्त हो गई इतना ही नहीं 14 वित्त आयोग से मिले इन पैसों की समय सीमा पूर्व में भी दो बार समाप्त हो चुकी थी,हालांकि दो बार समय सीमा बढ़ा दी गई थी,लेकिन अब यह तीसरी बार समय सीमा समाप्त हो रही है।

वी/ओ--आपको बता दें कि नगर निगम के गठन हुए 8 महीने से अधिक का समय बीत गया है लेकिन ऋषिकेश में विकास की गति तेज नहीं पकड़ पा रही है सड़कों की स्थिति खस्ताहाल है नालियां ओवरफ्लो होकर बह रही हैं ड्रेनेज सिस्टम बदहाल है, यही कारण है कि नगर निगम के 40 वर्णों के पार्षदों ने भी 14 वित्त आयोग के बचे हुए 8 करोड़ रुपए खर्च ना होने के कारण पूर्व में हुई बोर्ड बैठक के दौरान सदन में भी खूब हंगामा किया था और अधिकारियों को भी खरी-खोटी सुनाई थी, पार्षदों का कहना था कि नगर निगम के उच्च अधिकारियों को 14 वित्त आयोग के 8 करोड रुपए खाते में बचे होने की सूचना निगम के एकाउंटेंट को देनी चाहिए थी लेकिन नहीं दी ऐसे में अकाउंटेंट पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।


Conclusion:वी/ओ-- नगर निगम ऋषिकेश मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने बताया कि 14 वित्त आयोग से मिले पैसों में से 8 करोड़ रुपए बचे हुए थे जिनको लैप्स होने की जानकारी जून माह में मिली जिसके बाद जून में ही शासन को पत्र लिखकर इन पैसों को खर्च किए जाने के लिए 6 माह के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई है।वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व ने यह पैसे इसलिए खर्च नही हो सकते थे क्योंकि चुनाव की आचारसंहिता लागू थी वहीं इससे पूर्व में पैसों को विकास कार्यों में खर्च क्यों नही किया गया इसकी जानकारी अभी मेरे पास नही है।

बाईट--चतर सिंह चौहान(मुख्य नगर आयुक्त,ऋषिकेश)
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